Myanmar Earthquake : मौत का आंकड़ा दस हजार के पार…भारत ने बढ़ाया हाथ

Myanmar Earthquake Destruction : दो दिनों में भूकंप के झटकों ने म्यांमार और उसके आसपास के इलाकों में भारी तबाही मचाई है। शनिवार (29 मार्च, 2025) को दोपहर 3:30 बजे एक और भूकंप आया। Myanmar में आये इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गयी। पिछले दो दिनों में 5 से अधिक तीव्रता वाले तीन भूकंप आ चुके हैं। मौत का आंकड़ा शुक्रवार (28 मार्च, 2025) को भी म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप ने म्यांमार और बैंगकॉक में खूब कहर बरसाया। बड़ी-बड़ी इमारतें कुछ ही सेकंड में धुएं के गुब्बार में बदल गईं। यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार मौत का आंकड़ा 10 हज़ार के पार बताया जा रहा है। इस भूकंप के झटके म्यांमार समेत बांग्लादेश, थाईलैंड, चीन और भारत में भी महसूस किए गए। म्यांमार की सैन्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार अबतक 1,002 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 2400 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर सामने आयी है। स्कूल की इमारत ढही म्यांमार के मांडला में एक प्राइवेट स्कूल की बिल्डिंग ढह गई। विजडम विला प्राइवेट हाई स्कूल की बिल्डिंग कुछ ही पल में मलबे में तब्दील हो गयी। रेस्क्यू टीम ने मलबे को हटाने के लिए कार्य प्रारम्भ कर दिया है। बचावकर्मियों ने मलबे पर चढ़कर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के नाम पुकारे, ताकि यदि कोई जिन्दा हो तो उसे बचाया जा सके। UN ने Myanmar को दी आर्थिक सहायता संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार को 43 करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है। यूनाइटेड नेशंस ने रिलीफ प्रोग्राम शुरू करने के लिए म्यांमार को यह आर्थिक सहायता प्रदान की है। रूस ने बचाकर्मियों की टीम को दो विमानों के साथ म्यांमार भेजा है ताकि हालात को सुधारा जा सके। सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग और मलेशियाभी अपनी बचाव टीम को भेजने की तैयारी में हैं। भारत ने शुरू किया ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ भारत ने म्यांमार को सहायता प्रदान करने के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया है। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने 15 टन राहत सामग्री और NDRF की 80 बचावकर्मियों की एक टीम को म्यांमार की सहायता के लिए रवाना किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी जनता सरकार के प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लाइंग से फ़ोन पर बातचीत की। उन्होंने कहा, भारत अपने पड़ोसी होने का फर्ज़ निभाएगा, भारत इस आपदा में म्यांमार के लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है। ALSO READ : Kunal Kamra पर दर्ज़ हुए तीन FIR, माफ़ी मांगने से किया इंकार WATCH : https://youtu.be/pFor5MQAsM8?si=O_SL1GZr5pOQE94k
Kunal Kamra पर दर्ज़ हुए तीन FIR, माफ़ी मांगने से किया इंकार

Kunal Kamra Controversy : स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार मज़ेदार जोक्स की वजह से नहीं, बल्कि एक बड़े विवाद के कारण हैं। इस बार उनके निशाने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं, जिनके खिलाफ कुणाल ने अपने हालिया शो में एक पैरोडी गीत के जरिए तंज कसा। इस गीत में उन्होंने शिंदे को “गद्दार” कहकर संबोधित किया, जो 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत और शिवसेना के विभाजन का जिक्र करता था। इस टिप्पणी ने शिवसेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं को नाराज कर दिया, जिसके बाद कुणाल के खिलाफ मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में तीन मामले दर्ज किए गए। कैसे शुरू हुआ विवाद ? यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुणाल ने अपने शो का एक क्लिप सोशल मीडिया पर अपलोड किया। इस क्लिप में उन्होंने फिल्म “दिल तो पागल है” के गाने “भोली सी सूरत” को पैरोडी बनाकर शिंदे पर तंज कसा। इसके बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने खार के हैबिटैट स्टूडियो में तोड़फोड़ की, जहां यह शो रिकॉर्ड किया गया था। नाराज कार्यकर्ताओं ने स्टूडियो पर हमला बोला और वहां मौजूद सामान को नुकसान पहुंचाया। इस घटना के बाद, पुलिस ने कुणाल के खिलाफ मानहानि और सार्वजनिक शांति भंग करने जैसे आरोपों में तीन FIR दर्ज कीं। कुणाल की मुश्किलें यहीं नहीं रुकीं। उन्हें खार पुलिस ने पूछताछ के लिए दो बार समन जारी किया, लेकिन वह अब तक पेश नहीं हुए। इसके जवाब में, कुणाल ने मद्रास हाईकोर्ट में ट्रांजिट अग्रिम जमानत की मांग की, जिसमें उन्होंने कहा कि वह तमिलनाडु के निवासी हैं और मुंबई में उनकी जान को खतरा है। कोर्ट ने उन्हें 7 अप्रैल तक अंतरिम जमानत दे दी। कुणाल ने यह भी दावा किया कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं, जिसके चलते वह डरे हुए हैं। इस बीच, शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं ने कुणाल की टिप्पणियों को अपमानजनक बताया और कार्रवाई की मांग की। Kunal Kamra ने माफ़ी मांगने से किया इंकार एकनाथ शिंदे को लेकर छिड़े इस विवाद में कुणाल ने माफी मांगने से इनकार कर दिया और कहा कि वह वही कह रहे हैं जो दूसरों ने पहले कहा है। उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उनका बचाव किया, वहीं उनके आलोचकों का कहना है कि यह हास्य की आड़ में व्यक्तिगत हमला है। यह पहली बार नहीं है जब कुणाल विवादों में घिरे हैं। इससे पहले भी वह अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए निशाने पर आ चुके हैं। इस घटना ने एक बार फिर हास्य और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस छेड़ दी है। जहां कुछ लोग इसे कलाकार की आजादी मानते हैं, वहीं अन्य इसे नेताओं के सम्मान पर हमला बताते हैं। फिलहाल, कुणाल को सोमवार (31 मार्च, 2025) को पुलिस के सामने पेश होना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला कानूनी दांवपेच में उलझता है या शांत पड़ जाता है। ALSO READ : Salman Khan की घड़ी पर छिड़ा विवाद, Rameshwar Sharma ने दिया जवाब WATCH : https://youtu.be/pFor5MQAsM8?si=O_SL1GZr5pOQE94k
Salman Khan की घड़ी पर छिड़ा विवाद, Rameshwar Sharma ने दिया जवाब

Salman Khan Watch Conflict : हाल ही में, बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने अपनी आगामी फिल्म ‘सिकंदर’ के प्रमोशन के दौरान राम मंदिर थीम पर आधारित एक घड़ी पहनी, जिसने धार्मिक भावनाओं को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। इस घड़ी की कीमत 34 लाख रुपये है और इसे उनकी मां ने गिफ्ट किया था। कुछ लोगों ने इसे इस्लामिक सिद्धांतों के खिलाफ माना, जबकि कुछ ने इसे उनकी व्यक्तिगत पसंद बताया। यह विवाद भारत में धार्मिक संवेदनशीलता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच चल रहे तनाव को उजागर करता है। Salman Khan की घड़ी का डिज़ाइन विवादों में आयी घड़ी, जिसे ‘एपिक एक्स राम जन्मभूमि टाइटेनियम एडिशन 2’ कहा जाता है, जेकब एंड कंपनी द्वारा बनाई गई है। इसका डिज़ाइन अयोध्या के राम मंदिर को दर्शाता है, जिसमें भगवान राम और हनुमान की तस्वीरें और ‘जय श्रीराम’ का उल्लेख है। सलमान ने इसे पहनकर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया। इस दौरान उन्होंने फिल्म ‘सिकंदर’ की रिलीज़ होने पर अपने फैंस को निमंत्रित किया। फिल्म ‘सिकंदर’ 30 मार्च 2025 को ईद के मौके पर सिनेमा घरों में रिलीज़ होगी। लोगों की प्रतिक्रिया इस विवाद के बाद बाद विभिन्न लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आईं: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष, मौलाना शहाबुद्दीन राज़वी ने सलमान को ‘शरियत का गुनाहगार’ कहा और कहा कि एक मुसलमान के लिए ऐसी घड़ी पहनना ‘नाजायज और हराम’ है। उन्होंने सलमान से इसे हटाने और पछतावा करने की बात कही। फिल्म क्रिटिक KRK (कमाल राशिद खान) ने एक एक्स पोस्ट में सलमान पर मुसलमानों का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया और उनके फैंस को ‘बेशर्म’ कहकर अपमानित किया। खासकर रमज़ान के महीने में इसे पहनने पर। दूसरी ओर, बीजेपी विधायक रमेश्वर शर्मा ने समर्थन करते हुए कहा, “जो राम लोगों के दिलों में हैं, उनका नमन करने में किसी को परहेज नहीं होना चाहिए। राम से अलग न तो हिंदुस्तान को किया जा सकता है, न ही हिंदुस्तानियों को।” उन्होंने मौलानाओं पर विवाद पैदा करने का आरोप लगाया। READ MORE : Nepal में राजशाही के लिए सड़कों पर उतरे लोग,”राजा लाओ-देश बचाओ” WATCH : https://youtu.be/pFor5MQAsM8?si=-ps1IGDoeK6sjnGF
Nepal में राजशाही के लिए सड़कों पर उतरे लोग,”राजा लाओ-देश बचाओ”

Protest for Monarchy in Nepal : भारत का पड़ोसी देश नेपाल की जनता राजशाही की मांग कर रही है। हिन्दू राष्ट्र बनाने के समर्थन में शुक्रवार से लगातार प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शन धीरे-धीरे एक विकराल रूप लेता गया। प्रदर्शन कर रही इस भीड़ को जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो इसने हिंसा का रूप ले लिया। नेपाल की राजधानी काठमांडू में बीते दिनों प्रदर्शनकारियों ने खूब तोड़-फोड़ की। इस दौरान आगजनी भी हुई। जानकारी के अनुसार पुलिस और प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच हुई झड़प में एक पत्रकार और दो अन्य लोगों की मौत ही गयी। कौन कर रहा है राजशाही की मांग ? नेपाल में इन दिनों लोकतंत्र से लोग ऊब चुके हैं। अब नेपाल की जनता अपने राजा का राज्य चाहती है। बड़ी संख्या में लोग राजशाही की मांग के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) के द्वारा आयोजित किया गया है। RPP देश में राजशाही स्थापित करने की मांग कर रही है। इस आंदोलन में शामिल कई लोगों को पुलिस ने हिंसा फैलाने के जुर्म में गिरफ्तार भी किया है। काठमांडू पुलिस ने RPP के महासचिव और सांसद धवल शमशेर राणा और पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवींद्र मिश्र समेत पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है। Nepal के वामपंथी संगठनों ने दी चेतावनी शुक्रवार को उठी राजशाही की मांगो का वाम संगठनों ने विरोध किया है। वाम नेताओं ने नेपाल के पूर्व राजा नरेश ज्ञानेंद्र को चेतावनी दी कि उनकी सत्ता को फिर से हासिल करने की इच्छा उन्हें महंगी पड़ सकती है। वाम संगठनों के द्वारा निकाली गयी रैली में नेपाल के वर्तमान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार का भी विरोध किया गया। नेपाल का इतिहास नेपाल में करीब 240 साल तक राजतंत्र था, लेकिन 2008 में इसे समाप्त कर दिया गया और देश को संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया। 2015 में, नेपाल धर्मनिरपेक्ष राज्य बना। फिर भी, कुछ समूहों, विशेष रूप से सांस्कृतिक और धार्मिक आधार पर, राजतंत्र की वापसी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हिंदू राष्ट्र की भी मांगों को लगातार उठा रहे हैं। प्रदर्शन में कैसे हुयी हिंसा ? प्रदर्शन की शुरुआत शांतिपूर्ण थी, लेकिन जल्दी ही यह हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जिसमें आगजनी, तोड़फोड़ और लूटपाट शामिल थीं। जानकारी के अनुसार इस हिंसा में एक पत्रकार समेत पांच लोगों की मौत हो गई। करीब 30 लोग घायल हुए, जिसमें आधी संख्या पुलिस की थी। इस दौरान संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा, 8 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, भटभटेनी सुपरमार्केट को लूट लिया गया, और विभिन्न राजनीतिक और मीडिया कार्यालयों पर हमले हुए। काठमांडू में लगा कर्फ्यू सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना तैनात कर काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया, जो शुक्रवार शाम से शनिवार सुबह तक लागू रहा। सरकार ने घायलों के लिए मुफ्त उपचार की व्यवस्था की है। इस प्रदर्शन में RPP के महासचिव और वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी शामिल थे। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही पुलिस दुर्गा प्रसाई की भी तलाश में जुटी है। READ MORE : Oxford University में Mamta Banerjee का विरोध, BJP ने किया पलटवार WATCH : https://youtu.be/pFor5MQAsM8?si=oTbrlyXEL5CP5ISa