Shivraj Singh Chauhan का बड़ा ऐलान: अब सरकार खरीदेगी किसानों की पूरी दाल उपज, मिलेगा डेढ़ गुना समर्थन मूल्य!

Shivraj Singh Chauhan On MSP : अब सरकार खरीदेगी किसानों की पूरी दाल उपज, मिलेगा डेढ़ गुना समर्थन मूल्य!भारत के दाल उत्पादक किसानों के लिए बड़ी राहत भरी खबर आई है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि सरकार अब किसानों की पूरी दाल उपज समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी। 100 प्रतिशत मूल्य समर्थन योजना के तहत किसानों को उनकी फसल का लागत से डेढ़ गुना मूल्य मिलेगा। इस फैसले से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि देश को दाल आयात पर निर्भरता कम करने में भी मदद मिलेगी। भारत में दाल उत्पादन और आयात की स्थिति भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक तो है ही, लेकिन इसके बावजूद यह 27% दाल आयात करता है। इससे देश का आयात बिल बढ़ता है और किसानों को भी नुकसान होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह फैसला लिया गया है ताकि भारत दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सके और किसानों को उनकी मेहनत का उचित लाभ मिल सके। दाल आयात से जुड़ी प्रमुख समस्याएं: 1. आयात निर्भरता: भारत में हर साल बड़ी मात्रा में चने, अरहर, मसूर, मूंग और उड़द की दाल का आयात किया जाता है। 2. कीमतों में अस्थिरता: आयात पर निर्भरता के कारण स्थानीय बाजार में कीमतें अस्थिर रहती हैं, जिससे किसानों को नुकसान होता है। 3. बिचौलियों का प्रभाव: विदेशी आयातित दालों के कारण स्थानीय किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाता। 4. खाद्य सुरक्षा पर असर: अगर किसी कारणवश आयात में बाधा आती है तो भारत में दालों की कमी हो सकती है। किन राज्यों के किसानों को होगा सबसे ज्यादा फायदा? भारत में दाल उत्पादन के मामले में मध्यप्रदेश शीर्ष स्थान पर है। इसके अलावा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसानों को भी इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा। खरीफ 2024-25 सीजन के दौरान सरकार ने मूल्य समर्थन योजना (MSP) के तहत इन राज्यों में तुअर (अरहर) की खरीद को मंजूरी दी है:मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक (यहां खरीद की अवधि 1 मई तक बढ़ा दी गई है) किसानों को कैसे मिलेगा फायदा? 100% सरकारी खरीद: अब किसानों की पूरी उपज सरकारी एजेंसियां MSP पर खरीदेंगी।लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य: किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। बिचौलियों पर रोक: सरकारी खरीद के कारण बिचौलियों का प्रभाव कम होगा और किसानों को उनकी फसल का पूरा लाभ मिलेगा। स्थानीय बाजार में स्थिरता: MSP पर खरीद से स्थानीय बाजार में दालों की कीमत स्थिर रहेगी और महंगाई पर नियंत्रण रहेगा। आयात पर निर्भरता घटेगी: जब देश में पर्याप्त दाल उत्पादन होगा तो विदेशों से दाल खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे देश का आयात बिल घटेगा। सरकार किसानों के लिए और क्या कदम उठा रही है? सरकार प्रधानमंत्री अन्नदाता सम्मान योजना और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जैसी योजनाओं के जरिए भी किसानों की मदद कर रही है। इसके अलावा, सरकार कृषि स्टार्टअप्स और टेक्नोलॉजी इनोवेशन को भी बढ़ावा दे रही है, जिससे किसान बेहतर उत्पादन तकनीकों का उपयोग कर सकें और उनकी उपज का अधिकतम लाभ मिल सके। किसानों को क्या करना होगा? किसानों को सरकारी खरीद केंद्रों पर अपनी उपज बेचने के लिए पंजीकरण करवाना होगा।राज्य सरकारों द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करना होगा।समर्थन मूल्य का लाभ उठाने के लिए अपनी उपज को निर्धारित मानकों के अनुसार तैयार करना होगा। शिवराज सिंह चौहान के इस ऐलान से देश के लाखों दाल उत्पादक किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा। यह निर्णय किसानों को निश्चित आय की गारंटी देगा, साथ ही भारत को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। सरकार का यह निर्णय किसानों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है, जिससे उन्हें एक नई आर्थिक मजबूती मिलेगी और भारत की खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
SRH vs LSG : लखनऊ के सामने हैदराबाद की ‘बिग बैश’, क्या बच पाएगी KL राहुल की टीम?

SRH vs LSG : IPL 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) को अपने पहले मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स (DC) से 1 विकेट से हार मिली, जिससे टीम का आत्मविश्वास डगमगा गया। अब उनके सामने सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) की चुनौती है, जो इस सीजन में धमाकेदार फॉर्म में नजर आ रही है। SRH vs LSG यह हाई-वोल्टेज मुकाबला गुरुवार को राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम, उप्पल में खेला जाएगा। SRH की ‘रन मशीन’ के सामने LSG के गेंदबाजों की अग्निपरीक्षा! सनराइजर्स हैदराबाद ने आईपीएल 2025 में अपने पहले ही मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स (RR) को 44 रनों से मात देकर अपने इरादे जता दिए हैं। उनकी बल्लेबाजी इस समय किसी रन मशीन से कम नहीं। पिछले मैच में टीम 286/6 के स्कोर तक पहुंचकर आईपीएल इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा टोटल बनाने के करीब थी। इस सीजन में ईशान किशन किसी तूफान से कम नहीं। उन्होंने पिछले मैच में 47 गेंदों में नाबाद 107 रन ठोककर गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दीं। इसके अलावा, ट्रेविस हेड, अभिषेक शर्मा और हेनरिक क्लासेन जैसे बल्लेबाज भी घातक फॉर्म में हैं। नितीश कुमार रेड्डी ने भी राजस्थान के खिलाफ तेजतर्रार पारी खेलकर SRH की बल्लेबाजी को और घातक बना दिया है। LSG के लिए खतरे की घंटी! ना बैटिंग टिक रही, ना बॉलिंग में धार लखनऊ के लिए सबसे बड़ी समस्या उनकी गेंदबाजी है। दिल्ली के खिलाफ उनके गेंदबाज अंतिम ओवरों में बिखर गए, जिससे जीत उनके हाथ से फिसल गई। रवि बिश्नोई के अलावा बाकी गेंदबाज अनुभवहीन नजर आ रहे हैं। मणिमारन सिद्धार्थ और दिग्वेश राठी जैसे युवा गेंदबाजों को SRH के विस्फोटक बल्लेबाजों के सामने कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा। वहीं, बल्लेबाजी भी कमजोर कड़ी बनी हुई है। मध्यक्रम दिल्ली के खिलाफ पूरी तरह लड़खड़ा गया, जिससे टीम अंतिम 8 ओवरों में केवल 76 रन बना पाई। कप्तान ऋषभ पंत बिना खाता खोले आउट हो गए, जिससे टीम को बड़ा झटका लगा। अगर LSG को SRH की चुनौती का सामना करना है, तो बल्लेबाजों को दम दिखाना होगा। संभावित प्लेइंग XI – कौन मचाएगा धमाल? सनराइजर्स हैदराबाद (SRH): ट्रेविस हेड, अभिषेक शर्मा, ईशान किशन, हेनरिक क्लासेन (विकेटकीपर), अभिनव मनोहर, एडम जम्पा, नितीश कुमार रेड्डी, अनिकेत वर्मा, हर्षल पटेल, मोहम्मद शमी, पैट कमिंस (कप्तान)। लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG): मिचेल मार्श, एडन माक्ररम, ऋषभ पंत (कप्तान-विकेटकीपर), निकोलस पूरन, डेविड मिलर, शार्दुल ठाकुर, आयुष बडोनी, शाहबाज अहमद, दिग्वेश सिंह, रवि बिश्नोई, एम. सिद्धार्थ। क्या LSG के गेंदबाज SRH की ‘रन लहर’ को रोक पाएंगे या फिर हैदराबाद एक और बड़ा स्कोर खड़ा करेगा? ALSO READ : Kunal Kamra का पैरोडी विवाद: Copyright Notice, FIR और पुलिस पूछताछ—क्या है पूरा मामला? WATCH : https://youtu.be/wLVXnjNrp1s?si=Wb2tNs87Pj3a5IDU
Kunal Kamra का पैरोडी विवाद: Copyright Notice, FIR और पुलिस पूछताछ—क्या है पूरा मामला?

Kunal Kamra Controversy : मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर पैरोडी सॉन्ग बनाने के कारण उन्हें विवादों का सामना करना पड़ रहा है। मुंबई पुलिस ने 31 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है, और अब तक उन्हें दो समन जारी किए जा चुके हैं। वहीं, टी-सीरीज ने कॉपीराइट उल्लंघन का नोटिस भेजा है, जिससे मामला और गरमा गया है। Kunal Kamara ने न सिर्फ इस नोटिस को गलत बताया, बल्कि कलात्मक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला करार दिया। Kunal Kamra पर क्यों हो रहा विवाद? सब कुछ तब शुरू हुआ जब कामरा ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने फिल्म मिस्टर इंडिया के गाने “हवा हवाई” की पैरोडी बनाकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसा। गाने में उन्होंने कहा कि “साड़ी वाली दीदी लोगों की सैलरी लूटने आई हैं और उनका नाम निर्मला ताई है।” इसके अलावा, उन्होंने फिल्म दिल तो पागल है के एक गाने की पैरोडी बनाकर एकनाथ शिंदे को गद्दार बताया। इस पैरोडी में उन्होंने शिंदे के शिवसेना से बगावत करने, विधायकों को गुवाहाटी ले जाने, और उनके ऑटो रिक्शा चलाने के पुराने दिनों का जिक्र किया। शिंदे समर्थकों को यह पैरोडी नागवार गुजरी और 22 मार्च की रात शिवसेना (शिंदे गुट) के समर्थकों ने मुंबई के खार इलाके में स्थित हैबिटेट कॉमेडी क्लब में तोड़फोड़ कर दी। T- Series पर कामरा का पलटवार टी-सीरीज ने कामरा को कॉपीराइट उल्लंघन का नोटिस भेजा, जिस पर उन्होंने X (ट्विटर) पर लिखा: “हैलो टी-सीरीज, कठपुतली बनना बंद करो। पैरोडी और व्यंग्य कानूनी रूप से फेयर यूज के अंतर्गत आते हैं। मैंने गाने के ओरिजिनल लिरिक्स या इंस्ट्रुमेंटल का इस्तेमाल नहीं किया है। अगर तुम इस वीडियो को हटाते हो, तो हर कवर सॉन्ग और डांस वीडियो को भी हटाना पड़ेगा।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके स्टैंड-अप स्पेशल ‘नया भारत’ को यूट्यूब से ब्लॉक कर दिया गया है, जिससे उनकी कमाई बंद हो गई है। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने इस मामले पर कहा: “हास्य और कटाक्ष की एक मर्यादा होती है। ऐसा लगता है कि कामरा ने सुपारी लेकर यह वीडियो बनाया है।” Kunal Kamra पर FIR दर्ज, कॉल रिकॉर्डिंग की होगी जांच महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने विधानसभा में कहा कि कुणाल कामरा के बैंक स्टेटमेंट, कॉल रिकॉर्डिंग और CDR (कॉल डेटा रिकॉर्ड) की जांच होगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके पीछे कौन लोग हैं। मुंबई पुलिस की कार्रवाई मुंबई पुलिस ने:31 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया24 मार्च को कामरा पर FIR दर्ज कीशिवसेना कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज की कामरा का बयान: “मुझे इस भीड़ का डर नहीं” कुणाल कामरा ने अपने बयान में कहा, “मुझे इस भीड़ का डर नहीं है और मैं अपने बिस्तर के नीचे छुपकर इसका खत्म होने का इंतजार नहीं करूंगा।” उन्होंने यह भी कहा, “हमारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सिर्फ अमीरों और ताकतवर लोगों की चापलूसी करने के लिए नहीं है, भले ही आज की मीडिया हमें ऐसा ही विश्वास दिलाने की कोशिश करे।” मीडिया और सरकार पर तंज उन्होंने भारत में प्रेस फ्रीडम रैंकिंग (159) पर सवाल उठाते हुए कहा: “अगर आप एक ताकतवर व्यक्ति पर मजाक नहीं झेल सकते, तो इसका मतलब यह नहीं कि मेरा अधिकार खत्म हो गया।”उन्होंने यह भी पूछा: “क्या कानून उन लोगों पर भी लागू होगा, जिन्होंने गुस्से में आकर तोड़फोड़ की? क्या यह BMC के उन अधिकारियों पर भी लागू होगा, जिन्होंने बिना सूचना के हैबिटेट कॉमेडी क्लब को हथौड़ों से तोड़ दिया?” आगे क्या होगा? अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि मुंबई पुलिस की पूछताछ में क्या सामने आता है और क्या कामरा पर आगे कोई कानूनी कार्रवाई होगी। इस पूरे विवाद ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम राजनीतिक सत्ता की बहस को फिर से हवा दे दी है।अब देखना यह होगा कि कामरा इस विवाद से कैसे निपटते हैं और आगे क्या रुख अपनाते हैं। ALSO READ : Congress विधायक Dr. Rajendra Kumar Singh का विवादित बयान: साधु-संतों को बताया ‘सांड’, BJP ने किया पलटवार WATCH : https://youtu.be/wLVXnjNrp1s?si=Wb2tNs87Pj3a5IDU
Congress विधायक Dr. Rajendra Kumar Singh का विवादित बयान: साधु-संतों को बताया ‘सांड’, BJP ने किया पलटवार

मध्यप्रदेश के सतना जिले के अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक Dr. Rajendra Kumar सिंह अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने एक कार्यकर्ता सम्मेलन में साधु-संतों और महामंडलेश्वरों की तुलना सांड से कर दी, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। सोशल मीडिया पर उनके भाषण का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे विवाद और गहरा गया है। क्या कहा कांग्रेस विधायक (Dr. Rajendra Kumar) ने? सतना के भरहुत होटल के पीछे स्थित मैरिज गार्डन में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव हरीश चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इस दौरान कांग्रेस विधायक डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा: “गोलवलकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जो बीज बोया था, वह आज हिंदू राष्ट्र बनाने और धर्म के आधार पर पहचान स्थापित करने का पौधा बन गया है। संयोग से राम मंदिर और महाकुंभ का समय भी आ गया। फिर इन्होंने साधु-संत, संन्यासी, बाबा बैरागी और महामंडलेश्वरों को खुला छोड़ दिया है कि जाओ, हिंदुत्व की बात करो, भाजपा का प्रचार करो, सनातन की बात करो और ये सांड बनकर कांग्रेस की खेती चर रहे हैं।” बीजेपी का जोरदार पलटवार विधायक के इस बयान के बाद भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा: “कांग्रेस का हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति का अपमान करना कोई नई बात नहीं है। साधु-संतों की तुलना सांड से करना बेहद आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस क्या हिंदू धर्म को खत्म करने की साजिश कर रही है? यह बयान देश के बहुसंख्यक समाज का अपमान है। अगर कांग्रेस इस पर कार्रवाई नहीं करती, तो यह माना जाएगा कि यह उनका अधिकृत बयान है।” राजनीतिक हलकों में बढ़ा विवाद विधायक के इस बयान से धार्मिक संगठनों और संत समाज में आक्रोश फैलने की आशंका जताई जा रही है। बीजेपी ने इस बयान को कांग्रेस की “हिंदू विरोधी मानसिकता” करार दिया है और मांग की है कि कांग्रेस पार्टी डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह पर कार्रवाई करे। महाकुंभ और राम मंदिर पर भी बोले विधायक डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह ने अपने भाषण में महाकुंभ और राम मंदिर निर्माण का भी जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की उम्मीदों के बावजूद, महाकुंभ में 10-12 करोड़ से ज्यादा लोग नहीं गए। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रचार होने के बावजूद यह उम्मीद के अनुसार सफल नहीं रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि साधु-संतों और महामंडलेश्वरों को बीजेपी के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने इसे “वाट्सएप यूनिवर्सिटी” द्वारा प्रचारित एक रणनीति बताया और कहा कि इससे देश में धार्मिक ध्रुवीकरण बढ़ रहा है। कांग्रेस विधायक की सफाई और अपील हालांकि, अब तक डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह की ओर से कोई औपचारिक स्पष्टीकरण नहीं आया है। लेकिन उनके बयान के राजनीतिक और धार्मिक गंभीर नतीजे सामने आ सकते हैं। इस बयान ने राजनीति और धार्मिक समुदायों के बीच नई बहस छेड़ दी है। विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जबकि कांग्रेस पार्टी ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। कांग्रेस विधायक डॉ. राजेंद्र कुमार सिंह के इस विवादित बयान ने मध्यप्रदेश की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। बीजेपी इस बयान को कांग्रेस की हिंदू विरोधी नीति बता रही है, जबकि संत समाज में भी इस पर नाराजगी देखी जा रही है। ALSO READ : Chaar Dham 2025 : 30 अप्रैल से होगी शुरुआत, रील मेकर्स की नो एंट्री, VIP दर्शन भी बंद WATCH : https://youtu.be/wLVXnjNrp1s?si=ty7libeR4Q88IbXn
Chaar Dham 2025 : 30 अप्रैल से होगी शुरुआत, रील मेकर्स की नो एंट्री, VIP दर्शन भी बंद

Chaar Dham Yatra 2025 : उत्तराखंड की Chaar Dham Yatra की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होगी और श्रद्धालुओं के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। बद्रीनाथ और केदारनाथ के पंडा समाज ने इस बार मंदिर परिसर में रील बनाने वाले यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की एंट्री बैन करने का फैसला लिया है। इसके अलावा, पैसे देकर VIP दर्शन की सुविधा भी पूरी तरह बंद कर दी गई है। केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने प्रशासन को इस बारे में सूचित कर दिया है और अगर कोई नियम तोड़ता है तो दर्शन करने नहीं दिया जाएगा। Chaar Dham Yatra 2025 के नए नियम और बदलाव रील बनाने वालों की एंट्री बैन केदारनाथ सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी के अनुसार, बीते साल रील मेकर्स और यूट्यूबर्स के कारण मंदिर परिसर में अव्यवस्था फैली थी। समुद्र तल से 12,000 फीट ऊंचे क्षेत्र में ढोल-नगाड़ों और तेज़ शोर के कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंचा। यात्रा मार्ग में भी वीडियो शूट करने के लिए भीड़ इकट्ठा होने से अन्य श्रद्धालुओं को परेशानी हुई। इसलिए इस बार यह निर्णय लिया गया है कि कैमरा ऑन करने तक की अनुमति नहीं होगी। VIP दर्शन पर रोकबद्रीनाथ धाम के पंडा पंचायत के कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया ने बताया कि पैसे लेकर VIP दर्शन कराना भगवान की मर्यादा के खिलाफ है। अब हर भक्त को बराबर समय मिलेगा और भीड़ नियंत्रण के लिए टोकन सिस्टम लागू किया जाएगा। Chaar Dham Yatra का शेड्यूल 30 अप्रैल: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे।2 मई: केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।4 मई: बद्रीनाथ धाम के कपाट सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।इस बार चारधाम यात्रा को अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। यात्रा मार्ग पर सुविधाएं और सुरक्षा इंतजाम इस बार खराब मौसम और आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए 10 विशेष होल्डिंग ज़ोन बनाए जा रहे हैं। ये स्थान हैं: हरिद्वार, ऋषिकेश, ब्यासी, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग,सोनप्रयाग,हरबटपुर,विकासनगर,बड़कोट,भटवाड़ी यहां श्रद्धालुओं के लिए बिस्तर, पानी, शौचालय, दवाइयां और भोजन की व्यवस्था होगी। इसके अलावा, पूरे यात्रा मार्ग को 10-10 किलोमीटर के सेक्टरों में बांटा गया है। हर सेक्टर में 6 पुलिसकर्मी बाइक पर तैनात रहेंगे, ताकि किसी भी स्थिति में त्वरित सहायता दी जा सके। चारधाम यात्रा के लिए अब तक 9 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन चारधाम यात्रा 2025 के लिए अब तक 9 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। केदारनाथ धाम: 2.75 लाख रजिस्ट्रेशनबद्रीनाथ धाम: 2.24 लाख रजिस्ट्रेशनगंगोत्री धाम: 1.38 लाख रजिस्ट्रेशनयमुनोत्री धाम: 1.34 लाख रजिस्ट्रेशनहेमकुंड साहिब: 8 हजार रजिस्ट्रेशन यात्रा शुरू होने के बाद हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा मिलेगी, जिससे वे श्रद्धालु भी यात्रा कर सकेंगे जो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाए हैं। टोकन व्यवस्था लागू होने से दर्शन के दौरान भीड़ नियंत्रण में रहेगी और श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिलेगा। चारों धामों का धार्मिक महत्व कैसे करें चारधाम यात्रा की प्लानिंग? चारधाम यात्रा 2025: आध्यात्मिक अनुभव के लिए तैयार हो जाएं! इस साल चारधाम यात्रा को धार्मिक आस्था के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए आयोजित किया जा रहा है। मंदिर परिसर में शांति बनाए रखने के लिए रील बनाने और VIP दर्शन पर रोक लगाई गई है। अगर आप भी इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो जल्द ही रजिस्ट्रेशन कराएं और अपनी यात्रा की प्लानिंग करें। जय बद्री विशाल! जय बाबा केदार! ALSO READ : Nagpur हिंसा के मास्टरमाइंड Fahim Khan के घर पर चला… WATCH : https://youtu.be/wLVXnjNrp1s?si=ty7libeR4Q88IbXn