MP Cabinet Meeting : कैबिनेट मीटिंग में सीएम मोहन यादव ने कई बड़े फैसले लिए…पढ़िए Aayudh की पूरी रिपोर्ट

भोपाल। मंगलवार (18 फरवरी) को मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर फैसले लिए गए। आपको बता दें कि 24-25 फरवरी को भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होने जा रहा है। इस समिट में देश-विदेश के कई उद्योगपति शामिल होने वाले हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी शिरकत करेंगे। समिट में निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार ने 21 नीतियों में बदलाव किए हैं। MP Cabinet Meeting के महत्वपूर्ण बिंदु Read More : MP में जमीनों का डिजिटल रिकॉर्ड होगा तैयार, CM Mohan Yadav ने शुरू किया ‘सिटी सर्वे प्रोग्राम’ Watch : https://youtu.be/dYfsxLxL0Lg?si=hlK54Eb_WQ62nUg2
Aayudh की खबर का हुआ बड़ा असर….NHRC ने DM को दिए निर्देश

रायसेन। बीते दिनों Aayudh ने एक बड़ा खुलासा किया था। इस खुलासे में बताया गया था कि कैसे हिन्दू समुदाय के नट वर्ग का धर्मांतरण करवाया जा रहा है। रायसेन जिले की गैरतगंज तहसील के पापड़ा गांव में इस अपराध को अंजाम दिया जा रहा था। इस गांव में ‘नट’ वर्ग के 30 से 40 परिवार रहते हैं। यूं तो यह वर्ग हिन्दू समाज का हिस्सा है मगर एक दूसरे समुदाय के द्वारा इन्हें कुरान और अजान की विधि बताई जा रही है। जब Aayudh की टीम ने लोगों से बात की तो उन्होंने भी खुद को हिन्दू कहने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वो बचपन से मुस्लिम हैं। जब Aayudh ने उनसे सरकार से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार की वो सारी सुविधाएं मिलती हैं जो एक अनुसूचित वर्ग के व्यक्ति को मिलनी चाहिए। आपको बता दें कि भारत सरकार की अधिसूचना संख्या 27 दिनांक 11.08.1950 के अनुसार, केवल वे व्यक्ति जो हिंदू से बौद्ध और सिख धर्म में परिवर्तित हुए हैं, वे ही अनुसूचित जाति आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं। NHRC ने उठाया बड़ा कदम Aayudh की इस रिपोर्ट का बड़ा असर देखने को मिला है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने रायसेन जिले के डीएम को नोटिस भेजकर जल्द से जल्द कार्रवाही करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) एक वैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना मानवाधिकार संरक्षण (पीएचआर) अधिनियम, 1993 के तहत मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतों की जांच के लिए की गई है। Read More : MP के हिंदुओं को कुरान पढ़ाया जा रहा है , अजान सुनाई जा रही है ? Aayudh की टीम का बड़ा खुलासा Watch : https://youtu.be/7XtzFEfZ5VU?si=DNef5aSslEOs9EGm Watch More : https://www.facebook.com/share/v/15L9XepVb3/?mibextid=wwXIfr
MP में जमीनों का डिजिटल रिकॉर्ड होगा तैयार, CM Mohan Yadav ने शुरू किया ‘सिटी सर्वे प्रोग्राम’

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने शहरों के विकास के लिए ‘सिटी सर्वे प्रोग्राम’ की शुरुआत की है। मंगलवार (18 फरवरी) को रायसेन से सीएम मोहन यादव ने इस अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी भी उपस्थित रहे। बताया जा रहा है कि इस अभियान से लोगों को काफी लाभ पहुंचेगा। तीन चरणों में शुरू होगा अभियान जमीन से जुड़ी सभी समस्याओं के लिए भारत सरकार ने एक नई पहल शुरू की है ‘नक्शा ‘, इसे DLIRMP स्कीम के तहत 152 शहरी स्थानीय निकायों में शुरू किया जा रहा है। ‘नक्शा ‘ अभियान को सरकार तीन चरणों में पूरा करेगी। पहला चरण – हवाई सर्वेक्षण इसके जरिए शहरी आवासीय क्षेत्रों की हवाई तस्वीरें ली जाएंगी। इन तस्वीरों में प्रॉपर्टी की सीमाएं और उच्च गुणवत्ता वाली जानकारियां होंगी, जो नए नक्शे तैयार करने में सहायता करेंगे। दूसरा चरण – फील्ड सर्वे इसमें हवाई सर्वे की जानकारी का मिलान किया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जमीन से जुड़ी जानकारी का एक विश्वसनीय श्रोत बनाना है। कई बार ऐसा होता है कि पुराने दस्तावेजों में कुछ गलतियां रह जाने के कारण जमीनों को लेकर विवाद रहता है। इस अभियान के जरिए उन सभी गलतियों में सुधार किया जाएगा। इसके लिए सुर्वे के दौरान लोगों को सही जानकारी देनी होगी। जानकारी इकठ्ठा होने के बाद इसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति इस पोर्टल पर अपनी प्रॉपर्टी की जानकारी ले सकता है। यदि किसी व्यक्ति को किसी जानकारी में समस्या होती है तो उसे किसी के दफ़्तर जाने की जरुरत नहीं है। वो ऑनलाइन ही अपनी समस्या को रजिस्टर भी करवा सकते हैं। तीसरा चरण – आपत्ति मामलों का समाधान इस अभियान के अंतिम और तीसरे चरण में मालिकाना हक़, क्षेत्रफल, सीमा और आकार से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। सभी जानकारियों को पोर्टल पर अपलोड करने के बाद एक ‘अर्बन प्रॉपर्टी कार्ड’ भी दिया जाएगा, जिसमें प्रॉपर्टी से जुड़ी सभी जानकारी मौजूद होगी। ‘नक्शा’ अभियान का उद्देश्य लोगों की प्रॉपर्टी से सम्बंधित जानकारी को सुरक्षित रखना है। रायसेन को मिली कई सौगातें ‘नक्शा’ कार्यक्रम के दौरान सीएम मोहन यादव ने रायसेन में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में कोई योजना बंद नहीं होगी। Read More : यूनियन कार्बाइड के कचरे को तीन चरणों में जलाया जाएगा, 27 फरवरी से शुरू होगा ट्रायल Watch : https://youtu.be/dYfsxLxL0Lg?si=xuwIpXSytRM2qFRA
यूनियन कार्बाइड के कचरे को तीन चरणों में जलाया जाएगा, 27 फरवरी से शुरू होगा ट्रायल

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 2 दिसंबर 1984 की आधी रात एक हादसा हुआ। इस हादसे में 2660 निर्दोष लोगों की मौत हुई। 10 हज़ार से अधिक लोग विकलांग हुए। 3 हजार से ज्यादा जानवर मारे गए। तक़रीबन 5 लाख से अधिक लोग एमआईसी के रिसाव से प्रभावित हुए। 1999 में जब अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संस्था ग्रीनपीस ने प्लांट के आस-पास के इलाकों की जांच की तो पता चला कि यहाँ की जमीन और पानी में प्रदूषित तत्व बड़ी मात्रा में मौजूद हैं। हाई कोर्ट ने कचरे को जलाने की दी मंजूरी 30 सालों से पड़े यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने कचरे को तीन चरणों में जलाने की अनुमति दी है। कोर्ट ने 30 मैट्रिक टन कचरे के विनष्टीकरण के लिए तीन चरणों में ‘ट्रायल रन’ की मंजूरी दी। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने कचरे के निपटान के लिए 6 सप्ताह का समय मांगा था, जो आज खत्म हो गया। हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को पहले चरण में 135 किलो वेस्ट प्रति घंटे नष्ट करने की अनुमति दी है। कचरे के विनष्टीकरण का पहला चरण 27 फरवरी से शुरू होगा। दूसरे चरण में 180 किलो वेस्ट और तीसरे चरण में 270 किलो कचरे को नष्ट किया जाएगा। कचरे को जलाने के लिए जर्मनी था राजी आपको बता दें कि वर्ष 2007 में गुजरात सरकार ने यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने से इंकार कर दिया था। 2012 में जब राज्य सरकार कचरे को जलाने का प्रस्ताव लेकर नागपुर (DRDO) पहुंची तो वहां भी इस प्रस्ताव से इंकार कर दिया गया। हालांकि जर्मनी की एक कंपनी इसे अपने यहाँ जलाने के लिए तैयार थी, लेकिन अब यह कचरा मध्य प्रदेश और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के नजदीक जलाया जाएगा। साल 2012 में जर्मन की एक कंपनी ‘GIZ’ इस कचरे को जलाने के लिए तैयार थी, मगर उस वक़्त राज्य सरकार ने मना कर दिया था। बता दें की आज से 12 साल पहले इस कचरे के निपटान में मात्र 23 करोड़ रूपए खर्च होने थे। वर्ष 2025 आते-आते इसके खर्च में भी इजाफा हुआ। अब इसके निपटान के लिए 125 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। यूनियन कार्बाइड के इस जहरीले कचरे का निपटान अब इंदौर के नजदीक स्थित पीथमपुर में होगा। पीथमपुर में हो रहा विरोध जब प्रदेश सरकार ने यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने के लिए पीथमपुर का चुनाव किया तो लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। आपको बता दें की पीथमपुर एक औद्योगिक क्षेत्र है और फैक्ट्रियों से निकलने वाले केमिकल के कारण यहाँ वातावरण प्रदूषित हो रहे हैं। ऐसे में यूनियन कार्बाइड का कचरा लोगों के लिए चिंता का विषय बन रहा है। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार इस कचरे को जलाने से ऑर्गेनोक्लोरीन बड़ी मात्रा में निकल सकता है। ऑर्गेनोक्लोरीन से तात्पर्य कई तरह के निकलने वाले रसायनों से है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे निकलने वाले तत्व लोगों के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाएंगे। सरकार ने जन जागृति अभियान शुरू किया प्रदेश सरकार ने कहा है कि यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर लोगों के बीच जो भी गलत जानकारियां पहुंची हैं, हम उसे दूर करेंगे। इसके लिए सरकार और प्रशासन के द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। लोगों को पर्चे वितरित करके जागरूक किया जा रहा है। वहीं नगर निगम और जिला प्रशासन ने वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के जरिए लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने का काम किया है। इसे वैज्ञानिक विधि से जलाने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। Read More : अखिल भारतीय पुलिस वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता का शुभारंभ, CM Mohan Yadav ने दी बधाई Watch : https://youtu.be/7XtzFEfZ5VU?si=9XaKU3nw7mKvTqrt
सुप्रीम कोर्ट ने Ranveer Allahbadia को लगाई फटकार, कहा – उनके दिमाग में गंदगी भरी है

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (18 फरवरी 2025) को India’s Got Latent शो से जुड़े विवाद को लेकर Ranveer Allahbadia को फटकार लगाई है। आपको बता दें की Ranveer Allahbadia के खिलाफ देशभर के अलग-अलग शहरों में शिकायत दर्ज़ की गई है। इसी को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में 16 फरवरी को एक याचिका दायर की थी। जिसमें देशभर के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ हुए FIR को एक साथ जोड़ने की मांग की गई थी। सुनवाई में क्या हुआ ? सुनवाई की शुरुआत में Ranveer Allahbadia के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए FIR को एक साथ जोड़ने की गुहार लगाई। उन्होंने यह भी बताया कि Ranveer Allahbadia को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि आप दिए गए बयानों का बचाव कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर के दिए गए बयान पर कहा कि अगर आप फेमस हो गए हैं तो आपको कुछ भी बोलने का लाइसेंस नहीं मिल गया है। उन्होंने रणवीर के द्वारा उपयोग किए गए शब्दों की निंदा की है। Ranveer Allahbadia की जुबान काटने वाले को मिलेगा इनाम सुप्रीम कोर्ट में रणवीर इलाहाबादिया के वकील चंद्रचूड़ ने कहा कि सह-आरोपी को एसिड अटैक की धमकी दी गई है। वकील ने रणवीर को मिली धमकी का जिक्र करते हुए कहा कि “Ranveer Allahbadia की जुबान काटकर लाने वाले को मिलेगा 5 लाख का इनाम”, इसपर जस्टिस कांत ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अश्लील शब्दों का उपयोग करके फेमस हो सकता है तो जिसने धमकी दी है वो भी फेमस होना चाहता होगा। उन्होंने इलाहाबादिया की सोंच को विकृत मानसिकता बताते हुए कहा कि उन्होंने जिस प्रकार के शब्दों के इस्तेमाल किया है उससे माता-पिता शर्मिंदा होंगे, बहनें शर्मिंदा होंगी और साथ ही साथ समाज भी शर्मिंदा होगा। ठाणे पुलिस में जमा करना होगा पासपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने Ranveer Allahbadia के मामला में कहा कि उन्होंने माता-पिता की संवेदनाओं को ठेस पहुंचाया है। जस्टिस कांत ने रणवीर को अपना पासपोर्ट ठाणे पुलिस में जमा करने के लिए कहा है। जस्टिस कांत ने इलाहाबादिया को न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का आदेश दिया है। उन्होंने याचिकाकर्ता और उनके सहयोगियों को अगली सुनवाई तक अन्य शो प्रसारित करने पर रोक लगाई है। Read More : Indore में धर्मांतरण का सनसनीखेज मामला, पढ़िए Aayudh की पूरी रिपोर्ट… Watch : https://youtu.be/dYfsxLxL0Lg?si=-S8rQ44nKNBNi61W