Mahakumbh 2025 : प्रयागराज महाकुंभ में सफाई का रखा जा रहा है विशेष ध्यान…. पढ़िए Aayudh की पूरी रिपोर्ट

प्रयागराज। महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन में सफाई कर्मियों की भूमिका बेहद अहम होती है। लाखों श्रद्धालुओं के बीच साफ-सफाई बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं, लेकिन ये सफाई कर्मी बिना रुके, बिना थके अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। Aayudh की टीम ने प्रयागराज महाकुंभ में सफाई कर्मियों से मुलाकात कर जाना कि वे इस ऐतिहासिक आयोजन में किस तरह अपना योगदान दे रहे हैं। “हम देश की सेवा कर रहे हैं” – सफाई कर्मी सफाई कर्मियों ने गर्व के साथ बताया कि वे सिर्फ अपना काम नहीं कर रहे, बल्कि इसे देश सेवा मानते हैं। एक सफाई कर्मी ने कहा—”हम चाहते हैं कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। हम सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं ताकि कुंभ स्वच्छ और पवित्र बना रहे।” हजारों की संख्या में सफाई कर्मी मौजूद सफाई का यह बड़ा काम हजारों हाथों से पूरा किया जा रहा है। एक कर्मी ने बताया— “पूरे महाकुंभ में कुल 20 से 30 हजार सफाई कर्मी होंगे। सभी अलग-अलग जगहों से आए हैं। कुछ मध्य प्रदेश से हैं, कुछ झारखंड से, लेकिन ज्यादातर उत्तर प्रदेश से ही हैं।” प्रशासन की मदद और सुविधाएं जब प्रशासन की ओर से मिलने वाली सहायता के बारे में पूछा गया, तो सफाई कर्मियों ने बताया— “हमारा राशन कार्ड बना हुआ है, जिससे हमें हर महीने राशन मिलता है। प्रशासन की तरफ से यह सुविधा दी गई है।”इसके अलावा, सफाई कर्मियों ने बताया कि जिस कंपनी के तहत वे काम कर रहे हैं, वह उन्हें समय पर वेतन देती है, जिससे उनकी रोजी-रोटी सुचारू रूप से चल रही है। इसके अलावा, सफाई कर्मियों ने बताया कि जिस कंपनी के तहत वे काम कर रहे हैं, वह उन्हें समय पर वेतन देती है, जिससे उनकी रोजी-रोटी सुचारू रूप से चल रही है। शिक्षा सुविधाओं की कमी जब टीम ने स्कूल सुविधाओं के बारे में सवाल किया, तो सफाई कर्मियों ने बताया कि उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई है। “हमारे बच्चों के लिए कोई स्कूल नहीं बनाया गया है। हमें काम के साथ-साथ उनकी पढ़ाई की चिंता भी रहती है, लेकिन फिलहाल हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।” महिला सफाई कर्मियों की स्थिति Aayudh की टीम ने कुछ महिला सफाई कर्मियों से भी बातचीत की। एक महिला सफाई कर्मी ने कहा—”हम लगभग एक महीने से यहां रह रहे हैं, लेकिन साधु-संतों के दर्शन तक नहीं कर पाए। हमारी ड्यूटी इतनी व्यस्त रहती है कि समय ही नहीं मिलता।” उन्होंने बताया कि भले ही वे श्रद्धालुओं की सेवा में लगी हुई हैं, लेकिन आध्यात्मिक लाभ लेने का अवसर उन्हें खुद नहीं मिल पा रहा है। कुछ सफाई कर्मियों ने अपने काम को आध्यात्मिक दृष्टि से भी देखा। उन्होंने कहा— “हम मानते हैं कि सफाई करना भी एक पुण्य का काम है। महाकुंभ में काम करके हम अपने पाप धो रहे हैं। यह हमारे लिए सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि सेवा का अवसर है।” महाकुंभ में सफाई कर्मी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, ताकि यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए सुचारू रूप से चले। उनका समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा इस बात का प्रमाण है कि वे सिर्फ सफाई कर्मचारी नहीं, बल्कि महाकुंभ के सच्चे सेवक हैं। Aayudh की टीम को इस बातचीत से यह समझ आया कि सफाई कर्मी न सिर्फ मेहनत कर रहे हैं, बल्कि इसे एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में देख रहे हैं। उनके बिना महाकुंभ की कल्पना भी अधूरी है।
PM Modi US Visit : Donald Trump ने पीएम मोदी को दिया उपहार…..सोशल मीडिया पर हो रहा है वायरल

PM Modi US Visit : शुक्रवार को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक महत्वपूर्ण पल को दिखाया गया है। तस्वीर में ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी को एक फोटो बुक ‘Our Journey Together’ भेंट कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने एक नोट लिखा है— “Mr. Prime Minister, You are Great!” तस्वीर में देखा जा सकता है कि डोनाल्ड ट्रंप बेहद आदरभाव के साथ प्रधानमंत्री मोदी को यह एल्बम सौंप रहे हैं। यह एल्बम उन खास पलों का संग्रह है, जो दोनों नेताओं ने साथ बिताए हैं। यह न केवल उनके व्यक्तिगत संबंधों को दर्शाता है, बल्कि दोनों देशों—भारत और अमेरिका के मजबूत होते रिश्तों की भी झलक देता है। ट्रंप का यह हस्तलिखित नोट मोदी के नेतृत्व के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है। प्रधानमंत्री मोदी के व्हाइट हाउस आगमन पर, राष्ट्रपति ट्रंप ने उनके लिए स्वयं कुर्सी खींचकर बैठने का इंतजाम किया, जो उनके आतिथ्य और सम्मान का प्रतीक था। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री जी के दिल में देश धड़कता है और देशवासियों के दिल में मोदी जी हैं…इसलिए दुनिया कहती है ‘Mr. Prime Minister, You Are Great’”।
अमेरिका में PM Modi ने ट्रंप से की मुलाकात… इन मुद्दों पर हुई बात

नई दिल्ली । PM Modi फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा के बाद 12 फरवरी को अमेरिका पहुंचे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना था। व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इस दौरान व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और आव्रजन (इमिग्रेशन) जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। व्यापार और आर्थिक सहयोग प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने व्यापार को बढ़ाने पर चर्चा की। राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका और भारत के बीच व्यापार असंतुलन (Trade Deficit) को कम करने की बात कही और भारतीय उत्पादों पर अमेरिकी टैरिफ (कर) को कम करने की अपील की। उन्होंने कहा, “हम भारत को कई अरब डॉलर के सैन्य उपकरण बेचेंगे और भविष्य में उसे एफ-35 स्टेल्थ फाइटर जेट भी देंगे।” प्रधानमंत्री मोदी ने भी व्यापार संतुलन बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है। साथ ही, उन्होंने मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) के नेटवर्क को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया। रक्षा और सुरक्षा सहयोग भारत और अमेरिका ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया। अमेरिका भारत को और अधिक सैन्य उपकरण बेचेगा और भविष्य में एफ-35 लड़ाकू विमान भी देने की योजना बना रहा है। यह फैसला भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए लिया गया है। ऊर्जा साझेदारी प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने ऊर्जा सुरक्षा (एनर्जी सिक्योरिटी) को लेकर भी बातचीत की। भारत अमेरिका से तेल और गैस की खरीद बढ़ाएगा। इससे भारत को ऊर्जा के नए स्रोत मिलेंगे और अमेरिका-भारत के व्यापार असंतुलन को कम करने में मदद मिलेगी। इलीगल इमिग्रेशन और मानव तस्करी अवैध आव्रजन (इलीगल इमिग्रेशन) पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है। उन्होंने मानव तस्करी के नेटवर्क को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया और उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति ट्रंप इस दिशा में भारत का समर्थन करेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण दिया। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे और भविष्य में उच्च स्तरीय बातचीत जारी रहेगी। हालांकि, इस यात्रा की तारीख अभी तय नहीं हुई है। प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा भारत और अमेरिका के रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। दोनों नेताओं ने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और आव्रजन जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की और आपसी सहयोग को बढ़ाने का संकल्प लिया। यह यात्रा दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी।
क्या है अघोरियों के पीछे का रहस्य? क्यों पहनते हैं काले कपड़े? इन सवालों का जवाब जानने के लिए पढ़िए Aayudh की रिपोर्ट….

प्रयागराज। महाकुंभ में अघोरियों की उपस्थिति हमेशा से ही लोगों के लिए जिज्ञासा का विषय रही है। लोग अघोरियों को देखकर उत्सुकता से भर जाते हैं, लेकिन उनके जीवन, उनकी साधना और उनके विचारों के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। इसी रहस्य से पर्दा उठाने के लिए Aayudh की टीम ने प्रयागराज महाकुंभ में एक अघोरी बाबा से मुलाकात की और अघोर परंपरा के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। क्या होता है अघोर? अघोरी बाबा से बातचीत के दौरान उन्होंने अघोर शब्द का अर्थ स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि ‘घोर’ का अर्थ होता है जटिल, और ‘अघोर’ का अर्थ होता है सरल और निर्मल। अघोर वह अवस्था है जो व्यक्ति को सभी बंधनों से मुक्त कर देती है। यह मार्ग उन्हें सांसारिक मोह-माया से परे ले जाता है और परम सत्य की खोज में सहायता करता है। साधु-संतों और अघोरियों में अंतर अघोरी बाबा ने बताया कि आमतौर पर लोग संतों और अघोरियों को एक ही श्रेणी में रख देते हैं, लेकिन दोनों में एक बहुत बड़ा अंतर है। उन्होंने अघोरी को एक प्रकार का शोधकर्ता बताया, जो ब्रह्मांड के गुप्त रहस्यों पर शोध करता है और सत्य की खोज में लगा रहता है। उन्होंने बताया कि अघोर साधना में केवल दो ही पक्ष होते हैं— गुरु और शिष्य। अघोर पंथ में मंत्र, शास्त्र या वेदों की बहुत अधिक भूमिका नहीं होती है। गरुड़ पुराण में अघोरियों का उल्लेख मिलता है, लेकिन उसमें भी उनके रहस्यों को उजागर नहीं किया गया है। अघोरी क्यों रखते हैं डरावना रूप? जब अघोरी से उनके रूप-रंग और विचित्र आचरण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य लोगों को डराना नहीं, बल्कि स्वयं को समाज से अलग रखना होता है। उन्होंने कहा—”हम अपना रूप इसलिए ऐसा रखते हैं ताकि लोग हमसे दूर भागें और हमें साधना के लिए एकांत मिल सके।” अघोरी और तांत्रिक विद्या अघोरी बाबा ने बताया कि तांत्रिक विद्या केवल काले जादू तक सीमित नहीं है। इसमें योग, चिकित्सा और कला का भी ज्ञान होता है। कुछ लोग इसे गलत तरीके से उपयोग करते हैं, इसलिए समाज में तांत्रिकों को लेकर नकारात्मक धारणा बन गई है। अघोरी कौन-सी साधना करते हैं? अघोरी विशेष रूप से श्मशान साधना करते हैं। इस पर उन्होंने कहा—”श्मशान साधना हमें वैराग्य सिखाती है। जब शरीर पंचतत्व में विलीन हो जाता है, तो वह हमें जीवन की असलियत से परिचित कराता है।”उन्होंने यह भी बताया कि शिव का सबसे प्रिय स्थान श्मशान है, क्योंकि यह एकांत और शांति का प्रतीक है। नागा साधुओं और अघोरियों में क्या अंतर है? अघोरी बाबा ने स्पष्ट किया कि नागा साधु और अघोरी एक नहीं होते। नागा साधु सनातन संस्कृति के संरक्षक होते हैं और समाज के भीतर धर्म की रक्षा के लिए कार्य करते हैं। अघोरी ब्रह्मांड की गुप्त शक्तियों और रहस्यों पर शोध करते हैं और उनका उपयोग कल्याणकारी कार्यों में करते हैं। अघोरी और नरभक्षण की सच्चाई अघोरी बाबा से जब नरभक्षण को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया—”हम किसी चीज से घृणा नहीं करते। अगर कुछ भी खप्पर में आ जाए, तो हम उसे ग्रहण कर लेते हैं। हमारे लिए भोजन जीवन जीने का एक माध्यम है, न कि जीने का उद्देश्य।” साथ ही उन्होंने बताया कि अघोरियों के काले कपड़े पहनने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण है चूकी काला रंग ऊर्जा को अवशोषित करता है, जिससे साधना में मदद मिलती है। अघोरी बाबा ने बताया कि अघोर परंपरा न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी जानी जाती है। कई विदेशी साधक अघोर मार्ग को समझने और इसका अनुभव लेने के लिए भारत आते हैं। महाकुंभ और अघोरियों का संबंध अघोरी बाबा ने महाकुंभ के महत्व को भी बताया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ समुद्र मंथन से जुड़ा हुआ है, और यह शिव तथा अघोरियों की साधना का प्रतीक भी है।अंत में, अघोरी बाबा ने कहा कि उनकी साधना का अंतिम लक्ष्य परम सत्य की प्राप्ति है। अघोरी सांसारिक बंधनों को तोड़कर आत्मज्ञान की ओर बढ़ते हैं और अपने गुरु के बताए मार्ग पर चलते हुए जीवन व्यतीत करते हैं। Aayudh की टीम ने इस बातचीत से जाना कि अघोरी केवल रहस्यमयी साधु नहीं होते, बल्कि वे ब्रह्मांड और जीवन के गहरे रहस्यों की खोज में लगे होते हैं। उनके लिए हर चीज पवित्र होती है, और वे किसी भी चीज से घृणा नहीं करते। उनकी साधना उन्हें आत्मज्ञान और परम मुक्ति की ओर ले जाती है।