New Income Tax Bill 2025 : नए आयकर बिल के अनुसार कौन-कौन से नियम बदल जाएंगे…पढ़िए पूरी रिपोर्ट

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरवार को लोकसभा में New Income Tax Bill पेश किया। इस बिल को 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह पे लाया गया है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उम्मीद है कि इसे वर्ष 2026 से लागू कर दिया जाएगा। इस नए आयकर बिल का मुख्य उद्देश्य टैक्स प्रावधानों को सामान्य लोगों के लिए आसान बनाना है। आपको बता दें की इस बिल को लोक सभा से मंजूरी मिल गई है यानी इसे लोक सभा से पास कर दिया गया है। New Income Tax Bill के मुख्य बिंदु टैक्स चोरी पर लगेगा जुर्माना नया आयकर बिल के तहत टैक्स चोरी करने वाले पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि जानबूझकर टैक्स चोरी किया जाता है तो उसपर मुकदमा भी चलाया जा सकता है। नए बिल में आय छुपाने पर अकाउंट सीज और सम्पत्ति जब्त करने का भी प्रावधान है। Read More : Waqf Bill पर विपक्ष क्यों कर रहा है हंगामा? जानिए JPC की रिपोर्ट का पूरा सच…
Waqf Bill पर विपक्ष क्यों कर रहा है हंगामा? जानिए JPC की रिपोर्ट का पूरा सच…
JPC रिपोर्ट : गुरुवार को संसद के बजट सत्र के अंतिम दिन JPC की रिपोर्ट पेश की गई। राज्यसभा में BJP सांसद मेधा कुलकर्णी ने JPC की रिपोर्ट पेश की, जिसके बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष मलिका अर्जुन खरगे ने इस रिपोर्ट को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति (JPC ) की रिपोर्ट को फ़र्ज़ी बता दिया। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में विपक्ष की असहमतियों को नजरअंदाज कर दिया गया है। 30 जनवरी को JPC ने 655 पन्नों की रिपोर्ट का ड्राफ्ट लोक सभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपा था। जिसपर 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट किया और 11 मेंबर्स ने इसका विरोध किया था। अब इस मामले के बाद ये जानना जरुरी हो जाता है कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC ) होती क्या है और इसका गठन क्यों किया जाता है। आइए जानते हैं। क्या होती है JPC ? संसद में विधायी समेत कई मामले होते हैं जिनपर गहराई से जांच कर पाना मुश्किल होता है। इसके लिए एक विशेष तरह की समिति का गठन किया जाता है। संयुक्त संसदीय समिति (JPC ) किसी विषय पर गहन जांच करने के लिए की जाती है। इसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं।JPC में सदस्यों की संख्या सिमित नहीं होती है लेकिन आमतौर पर सबसे बड़े दल के सदस्य सबसे अधिक होते हैं। गुरुवार को वक्फ (संशोधन) बिल पर जब JPC ने रिपोर्ट पेश की तो विपक्ष ने हंगामा क्यों किया। इस सवाल से पहले ये जानना जरुरी है कि आख़िर Waqf Board है क्या जिसमें संसोधन करने के लिए वक्फ (संशोधन) बिल लाया गया है। क्या होता है Waqf बोर्ड ? आपको बता दें कि वक्फ बोर्ड शब्द का अर्थ होता है “अल्लाह के नाम” यानी ऐसी जमीनें जो किसी व्यक्ति की नहीं है वो वक्फ बोर्ड की हो जाती हैं। इसका गठन वर्ष 1954 में हुआ था। इसमें एक सर्वेयर होता है जो तय करता है कि कौन सी सम्पति वक्फ़ की है और कौन सी नहीं। वक्फ़ बोर्ड को मुस्लिम समुदाय के लोगों की जमीनों पर नियंत्रण करने के लिए बनाया गया था, ताकि इन जमीनों को किसी भी प्रकार के गैरकानूनी काम में शामिल न होने दिया जाए। उनके गैरकानूनी इस्तमाल को रोका जा सके। वक्फ़ बोर्ड की सम्पत्ति तय करने के तीन तरीके होते हैं। पहला, यदि कोई व्यक्ति अपनी सम्पत्ति वक्फ़ के नाम कर दे। दूसरा, कोई मुस्लिम संस्था जमीन का इस्तमाल लम्बे समय से कर रहा हो और तीसरा जमीन सर्वे में वक्फ़ की सम्पत्ति साबित हुई हो। क्या कहता है 1995 का Waqf एक्ट 1995 के Waqf एक्ट के अनुसार यदि Waqf बोर्ड को लगता है कि कोई जमीन उसकी है , तो इसे साबित करने की जिम्मेदारी Waqf बोर्ड की नहीं बल्कि जमीन के असली मालिक की होती है। अब आप सोंच रहे होंगे कि जब Waqf ने जमीन पर दावा किया है तो उसे साबित करना चाहिए, मगर 1995 का Waqf एक्ट ऐसा नहीं कहता है। 1995 का कानून ऐसा जरूर कहता है कि Waqf बोर्ड किसी भी निजी सम्पत्ति पर अपना दावा नहीं कर सकता, लेकिन ये तय कैसे होगा कि सम्पत्ति निजी है? अगर Waqf बोर्ड कहता है कि कोई जमीन उसकी है तो इसे साबित करने के लिए उसे कोई कागज नहीं दिखाने होंगे बल्कि जो उस जमीन का दावेदार होगा उसे यह साबित करना पड़ेगा की यह जमीन उसकी है। इसी बात का फ़ायदा Waqf बोर्ड भी उठाता है और जमीनों पर अपना दावा पेश करता है। जमीन किसकी है यह Waqf बोर्ड तय करेगा 1995 में पीवी नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार में Waqf बोर्ड को असीमित शक्तियां दी गयीं। वक्फ एक्ट 1995 के सेक्शन 3(आर) के तहत यदि किसी जमीन को मुस्लिम कानून के अनुसार धार्मिक और चैरिटेबल मान लिया जाए तो वह Waqf की सम्पत्ति हो जाती है। Waqf एक्ट 1995 के आर्टिकल 40 के अनुसार वक़्फ बोर्ड तय करता है कि जमीन किसकी है। देश में कितने Waqf बोर्ड हैं ? वर्तमान समय में देश में एक केंद्रीय और 32 स्टेट बोर्ड हैं। सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष देश के केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री होते हैं। अब सवाल ये है कि Waqf बोर्ड को अनुदान मिलता कहाँ से है ? सरकार के द्वारा Waqf बोर्ड को अनुदान दिया जाता है। मोदी सरकार ने भी ये नियम बनाया कि यदि Waqf की जमीन पर स्कूल और अस्पताल जैसे संस्थान बनते हैं तो पूरा खर्च सरकार देगी। पुराने कानून और नए प्रस्तावित बिल में अंतर Read more : फ्रांस में गूंजी PM Modi की आवाज – क्या भारत AI की दुनिया में गेम चेंजर बनने को तैयार?
महाकुंभ में आए बांग्लादेशी हिंदुओं ने सुनाई अपने दर्द की कहानी, किए कई बड़े खुलासे, पढ़िए Aayudh की ग्राउंड रिपोर्ट…

प्रयागराज। दुनिया के सबसे बड़े मेले में देश-विदेश के अलग-अलग जगहों से लोग आ रहे हैं। भारत ही नहीं बल्कि भारत के पड़ोसी देशों में रहने वाले हिन्दू समुदाय के लोग भी महाकुंभ में डुबकी लगाने प्रायगराज आ रहे हैं। Aayudh की टीम ने बांग्लादेश से आए हुए एक श्रद्धालु से बात की तो उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। बांग्लादेश में हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है… देश और विदेश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले हिन्दू लोग महाकुंभ में स्न्नान करने के लिए आ रहे हैं। ग्राउंड पर लोगों से बात करते हुए हमें एक सज्जन मिले जिन्होंने बताया कि वो बांग्लादेश से आए हैं। जब हमनें उनसे बांग्लादेश में रह रहे हिन्दुओं के हालातों के बारे में पूछा तो उन्होंने Aayudh के सामने कई ऐसे खुलासे किए जिसे मीडिया ने नहीं दिखाया है। Aayudh की टीम से बात करते हुए शमल जी ने बताया कि वो 4 दिनों से प्रयागराज आए हुए हैं। जब हमनें उनसे बांग्लादेश में हुए अत्याचार को लेकर सवाल किए तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में बांग्लादेश में हिन्दुओं के लिए दयनीय स्तिथि बनी हुई है। बांग्लादेश के हिन्दू नेता चिन्मय कृष्णदास महाराज जी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महाराज जी हिन्दुओं को एकजुट करने में लगे हैं। हिन्दू हैं इसलिए अत्याचार किया जा रहा है… शमल जी ने Aayudh की टीम को बताया कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर वहां की सरकार खामोश है। मीडिया में इसे राजनीतिक मामला बताया जा रहा है। हिन्दुओं के मंदिर, उनके जो बिज़नेस हैं उनपर हमला किया जा रहा है। उनका कहना है कि हम हिन्दू हैं इसलिए बांग्लादेश में हम पर अत्याचार किया जा रहा है। हिन्दुओं को भारत नहीं आने दिया जा रहा Aayudh से बात करते हुए उन्होंने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर कई बातें बताई। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के हिन्दुओं को टूरिस्ट वीसा पर भारत नहीं आने दिया जा रहा है। जब Aayudh की टीम ने उनके भारत आने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि “मैं मेडिकल वीजा पे भारत आया हूँ।” अब आप सोच सकते हैं कि बांग्लादश में हिन्दुओं पर कितने अत्याचार किए जा रहे हैं। उनका कहना है कि मेडिकल वीजा भी कुछ ही लोगों को दिया जा रहा है। बांग्लादेश और भारत में कितना अंतर शमल जी से बात करते हुए जब Aayudh की टीम ने दोनों देशों के हालातों के बारे में पुछा तो उन्होंने कहा कि भारत में हिन्दू ज्यादा सुरक्षित हैं। बांग्लादेश में उन्हें बोलने का अधिकार नहीं है। यदि कोई हिन्दू बोलता है तो उसपर हमला कर दिया जाता है। Watch Now : https://youtu.be/kJxosL6ShoM?si=gwQLctHwYne9Su9x Read More : क्या महाकुंभ में सच में है 15 किलोमीटर तक जाम ? Aayudh ने की जनता से बात…
क्या महाकुंभ में सच में है 15 किलोमीटर तक जाम ? Aayudh ने की जनता से बात…

Mahakumbh 2025 : प्रयागराज के महाकुंभ में Aayudh की टीम पिछले कई दिनों से मौजूद है। कुछ दिनों से प्रयागराज और महकुंभ में भीड़ की समस्या को लेकर कई बातें कही गई, मगर जब Aayudh की टीम ने ग्राउंड पर लोगों से बात की तो कुछ और ही सच निकल कर सामने आ रहा है। महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाकर सभी श्रद्धालु काफी प्रसन्न हैं। महकुंभ को लेकर मीडिया में कई भ्रम फैलाए गए। ये भी कहा गया कि भीड़ बढ़ने के कारण लोगों को पैदल चलना पड़ रहा है। ट्रेन में कई घंटों तक इंतज़ार करना पड़ रहा है। मगर सवाल ये है कि महाकुंभ में स्नान करने वाले लोगों का क्या कहना है ? क्या कह रहे हैं लोग ? मीडिया के द्वारा महाकुंभ में बढ़ती भीड़ और प्रशासन की व्यवस्था को लेकर जो बातें बताई गई। उसी की पड़ताल करने Aayudh की टीम जब ग्राउंड पे पहुंची तो हकीकत कुछ और ही निकलकर सामने आई। झाँसी से आए एक युवक ने हमें बताया कि महाकुंभ में प्रशासन ने बहुत अच्छे इंतजाम किए हैं। उनका स्नान भी काफी सरलता से हो गया। उन्होंने कहा – “सरकार ने बहुत ही अच्छी व्यवस्था की है। पानी , बिस्कुट , खाना सारी चीज़ें उपलब्ध हैं। पुलिस और प्रशासन भी अच्छा काम कर रही है।” महिलाओं से बात करने पर पता चला कि उन्हें भी किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं देखने को मिल रही हैं। नोएडा से आए एक परिवार से जब Aayudh की टीम ने बात कि तो उन्होंने कहा कि आने-जाने में कोई दिक्क्त नहीं हो रही है। जब भीड़ को लेकर हमनें सवाल किया तो उन्होंने कहा – “देश के अलग -अलग हिस्सों से लोग आ रहे हैं इसलिए भीड़ दिख रही है, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है। सारी व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं।” उन्होंने आगे कहा कि वो तीन-चार दिन से प्रयागराज में ही रुके हैं। उन्हें खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं हुई। खाने में एक भी रूपए खर्च नहीं हुए। उनका कहना है कि कुछ लोगों को परेशानी इस वजह से हो रही है क्यूंकि वो मिल रही सुविधाओं का सही से इस्तमाल नहीं कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को सरकार से मिलने वाली सुविधाओं का सही से रख-रखाव की अपील की है। लाखों की संख्या में लोग हर दिन आ रहे हैं देश के हर राज्य हर शहर से लोग महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं। गुजरात से आसाम और जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक से लोग प्रयागराज की पवित्र भूमि पर त्रिवेणी में स्नान करने आ रहे हैं। जम्मू से आए एक व्यक्ति से जब Aayudh की टीम ने बात की तो उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग हर रोज महाकुंभ में आ रहे हैं लेकिन व्यवस्था में कहीं भी कोई कमी नहीं देखने को मिल रही है। युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक की एक फ़ौज महाकुंभ में देखने को मिल रही है। नौजवानों का कहना है कि मेला क्षेत्र में वाहनों को इसलिए प्रतिबंधित किया गया है ताकि कोई दुर्घटना न हो। वाहनों को लगाने के लिए एक अलग से कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। वहीं 65 साल के गिरिराज शरण सिंह जो राजस्थान से आए हैं उनका कहना है कि महाकुम्भ में बहुत ही अच्छे से स्न्नान हो गया , प्रशासन और सरकार के द्वारा बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है। बिहार के मधुबनी से तीन पीढ़ियों के लोग हमें महाकुंभ में मिले उनसे भी हमें प्रशासन और सरकार की व्यवस्थों को लेकर सकारात्मक जवाब ही सुनने को मिला। आप भी महाकुंभ में स्नान करने जरूर जाएं 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब कुछ ही समय बचा है। 144 सालों के बाद ये संयोग बना है जब 12 पूर्ण कुंभ होने के बाद महाकुंभ का आयोजन किया गया है। कहा जाता है कि ये मौका किसी भी व्यक्ति के जीवन में केवल एक बार आता है। यदि आपने भी अब तक महाकुंभ में आस्था की डुबकी नहीं लगाई है तो प्रयागराज अवश्य जाएं। Watch Now : https://youtu.be/O1Amp0Rvz6o?si=6DaUjSc1L9rhjiKH Read More : प्रयागराज महाकुंभ: कश्मीरी पंडितों ने बताई अपनी आप बीती, पढ़िए Aayudh की रिपोर्ट…