Aayudh

मोदी के बाद राहुल ने दी युवाओं को ये गारंटी

राहुल ने दी युवाओं को ये गारंटी

मोदी की गारंटी के बाद अब राहुल की गारंटी भी सामने आ गई है। एक ओर आज जहां पीएम मोदी कश्मीर दौरे पर हैं और युवाओं को जॉव लेटर दे रहे हैं तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी अब युवाओं पर फोकस करना शुरू कर दिया है। आज राहुल गांधी ने युवाओं को अपने पाले में करने के लिए युवाओं पर आधारित घोषणा पत्र जारी किया है। इस में नेता ने पांच गारंटी दी हैं। राहुल गांधी की युवाओं को पांच गारंटी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही युवाओं पर फोकस करते नज़र आ रहे हैं। अभी तक आपने मोदी की गारंटी के बारे में कई बार सुन लिया होगा पर आज राहुल गांधी ने भी अपनी गारंटी जारी कर दी है। बता दें कि यह जानकारी कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर दी गई है। इस में युवाओं को पांच बड़ी सौगात देकर लुभाने की कोशिश की गई है। यह है कांग्रेस की पांच सौगात यह भी पढ़ें- रूद्राक्ष महोत्सव में फिर हुई अनहोनी

रिलीज हुआ फिल्म ‘मैदान’ का ट्रेलर, मिल सकता है नेशनल अवार्ड

फिल्म 'मैदान'

अजय देवगन के फैंस के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। बॉलीवुड के सिंघम एक एैसी फिल्म लेकर आ रहे हैं जिसे देखने के बाद आपको अपने भारतीय सिनेमा पर गर्व होगा। अजय देवगन की फिल्म ‘मैदान’ का इंतजार हर कोई कर रहा था। लेकिन आखिरकार अब ये इंतजार खत्म हो गया है। जल्द ही फिल्म ‘मैदान’ सिनेमा घरों में रिलीज होने वाली है। पिछले साल ही इस फिल्म का टीजर आया था जिसे देखने के बाद हर कोई उस दिन का इंतजार कर रहा था जिस दिन ये फिल्म थिएटर्स में चलाई जाएगी। अब ये फिल्म थिएटर्स में चलने के लिए तैयार है। फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद हर कोई अजय देवगन और फिल्म के निर्देशक की जमकर तारिफ कर रहा है। फिल्म ‘मैदान’ को मिलेगा नेशनल अवार्ड पिछले साल आप सभी ने फिल्म ‘मैदान’ के टीजर में ही अजय देवगन की दमदार एक्टिंग तो देख ही ली होगी। टिजर का एक झलक देखने के बाद ही जनता पूरी फिल्म देखने के लिए तैयार है। इस फिल्म के प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने कुछ समय पहले फिल्म दुनिया से जुड़े लोगों के लिए मैदान की एक स्क्रीनिंग रखी थी। ये फिल्म देखने के बाद एक डिस्ट्रीब्यूर ने तो सोशल मीडिया पोस्ट पर ये कह दिया कि ‘मैदान’ का नेशनल अवार्ड जीतना तय है। उस डिस्ट्रीब्यूर की बात तब सच हो गई जब सभी ने इस फिल्म का ट्रेलर देखा। अजय देवगन की इस फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद आपको भी यकीन हो जाएगा कि उस डिस्ट्रीब्यूर ने फिल्म की स्क्रीनिंग देखने के बाद एैसा क्यों कहा था। ये भी पढ़ें- Women’s Day: खेल जगत की ऐसी महिलाएं जो भारत की शान हैं

जानिए क्या है महाशिवरात्री व्रत कथा

महाशिवरात्री व्रत कथा

महाशिवरात्री 8 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव के भक्त अलग अलग उपायों से भगवान शिव को मनाते हैं। इस दिन शिव भक्त अपने प्रभु की रात्रि चार प्रहरों में पूजा करते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। ऐसे लोग जो इस दिन व्रत रहते हैं वह पंचामृत से भगवान का अभिषेक कर महाशिवरात्री व्रत कथा को सुनते हैं। महाशिवरात्री व्रत कथा एक बार माता पार्वती ने भगवान से पूछा कि प्रभु आपको पाने का सरल और सुगम उपाय क्या है तो भोलेनाथ से मुस्कुराते हुए कहा कि देवी ध्यान से सुनो जो फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत करता है उस से मैं शीघ्र ही प्रसन्न हो जाता हूँ। इस के बाद भगवान माता पार्वती को इस व्रत की कथा सुनाते हैं वह कहते हैं कि एक गांव में एक शिकारी रहता था। वह शिकार शिकार कर के ही अपने परिवार को पालता था। शिकारी पर गांव के ही एक साहूकार का कर्ज था जिसे वह लाख महनत कर के भी चुका नहीं पा रहा था। यह भी पढ़ें- महाशिवरात्री के व्रत और पूजा में इन बातों को रखें विशेष ध्यान एक बार साहूकार ने उसे बंदी बना कर शिवमठ में बंद कर दिया। इस दिन शिवरात्री थी और शिकारी ने उस की कथा भी सुनी। जब शाम को शिकारी को साहूकार के पास ले जाया गया तो शिकारी ने उससे वादा किया वह कल अपना उधार ज़रूर चुका देगा। ऐसा कह कर शिकारी घने जंगल की ओर चल दिया। वह शिकार की खोज में एक बील के पेड़ पर जाकर बैठ गया। उस पेड़ के नीचे एक शिवलिंग मौजूद था जो की पत्तों से ठका हुआ था। शिकारी बैठे बैठे बील के पत्ते तोड़ तोड़कर नीचे गिरा रहा था लोकिन अनजाने में वह पत्ते शिवलिंग पर गिर रहे थे। इस तरह से शिकारी की अनजाने में ही सही पर शिलिंग की पूजा हो रही थी। व्रत का ऐसा है प्रभाव शिकारी को लम्बे इंतजार के बाद एक हिरणी दिखाई दी शिकारी उसे मारने ही वाला था कि हिरणी ने उससे प्रार्थना की वह बच्चों को जन्म देने वाली है। जैसे ही वह बच्चों को जन्म दे देदी तो खुद आकर शिकार बन जाएगी। इस बात पर शिकारी ने उसे छोड़ दिया। फिर जब हिरणी अपने बच्चों के साथ वापस आई पर कहने लगी वह इन बच्चों के पिता को ढूढ रही है जैसे ही वह मिलेंगे तो वह खुद आ जाएगी। कुछ देर बाद ही एक हिरण आया शिकारी उसे मारना चाहता था पर वह बोला कि अगर तुमने मेरी पत्नी और बच्चों को मार दिया है तो मुझे भी मार दो पर अगर अभी नहीं मारा है तो मैं उन से एक बार मिल लूं फिर मैं खुद शिकार बन जाऊंगा।  शिकारी उसे भी छोड़ देता है कुछ ही समय में हिरण को पूरा परिवार शिकार बनने के लिए खुद ही आ जाता है पर अनजाने में हुए शिवरात्री के व्रत और पूजा से शिकारी का हृदय पिघल जाता है और वह उन्हें छोड़ देता है। इस के साथ ही उनसे मन में भगवान शिव के प्रति अपार प्रेम आ जाता है। इस के प्रभाव से अंत में उसकी वही गति होती है जो भजन करने वाले साधु की होती है। यह भी पढ़ें- रूद्राक्ष महोत्सव में फिर हुई अनहोनी

maha shivratri: भगवान शिव के हर भक्त को अपनाना चाहिए ये रास्ता

maha shivratri

फाल्गुन महाशिवरात्रि (maha shivratri) इस बार 8 मार्च को मनाई जाएगी। महाशिवरात्री के इस खास अवसर पर हम आपको को मनुष्य के जीवन से जुड़े कुछ अच्छे विचारों के बारे में बताएंगे। अगर आप भगवान शिव के भक्त है तो आपको इन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए। भगवान शिव ने बताया की दुनिया में सबसे बड़ा पाप बेइमानी और किसी के साथ किया गया धोखा है। हर इंसान को अपने कर्म सुधारने चाहिए और ईमानदारी का रास्ता चुनना चाहिए। इस दुनिया में मान-सम्मान कमाना और हमेशा सत्य वचन बोलना सबसे बड़ा पुण्य है। मनुष्य अपनी वाणी, कर्म और विचारों के माध्यम से भी पाप का भागीदार बनता है। इसी लिए इंसान को अपने विचारों को वाणी के माध्यम से व्यक्त ना करें और बुरे विचारों का ख्याल ना करें। शिवजी ने अपने भक्तों को बताया कि मानव को हमेशा परिश्रम के साथ खुद का मूल्यांकन करना चाहिए। कभी अपने से कमजोर व्यक्ति के साथ खुद का मूल्यांकन ना करें। शिवजी ने कहा था कि मृगतृष्णा ही सभी कष्टों का एकमात्र उपया है। इंसान को एक के बाद दूसरी चीजों के पिछें भागने के बजाए ध्यान में मन लगाना चाहिए। इस महाशिवरात्री (maha shivratri) को आपको ये गुण जरूर अपनाने चाहिए। ये भी पढ़ें- महाशिवरात्री के व्रत और पूजा में इन बातों को रखें विशेष ध्यान

Women’s Day: खेल जगत की ऐसी महिलाएं जो भारत की शान हैं

Women's Day

Women’s Day: इस महिला दिवस पर, हमें समाज में महिलाओं के प्रति अभिवादन और समर्थन का एक उचित संदेश देना चाहिए। हमें उनके समर्थन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि हम सभी एक समृद्ध, समर्थ और समान समाज की ओर बढ़ें। इस आर्टिकल में हम आपको उन महिलाओं के बारे में बताएंगे जो आज हमारे बारत देश के लिए एक मिसाल है। जिनके नाम से भारत की शान बढ़ती है। मेरी लीला राव: मेरी लीला राव ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाली प्रथम भारतीय महिला थी। उन्होंने 1956 के ओलम्पिक में 100 मीटर स्प्रिंट दौड़ में भाग लिया था। हालाँकि वे क्वालीफाइंग दौर में ही स्पर्धा से बाहर हो गयीं, लेकिन इतिहास के पन्नों में उनका नाम दर्ज हो गया। भारता की ऐसी कई महिलाएं है जो मेरी लीला राव को अपनी प्रेरणा स्त्रोत मानती है। हर वर्ष महिला दिवस (Women’s Day) पर इनको जरूर याद किया जाता है। अंजू बॉबी जॉर्ज: अंजू बॉबी जॉर्ज आज भारत के साथ- साथ पूरे विश्व की महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं। अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में पेरिस में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचा था। इस उपलब्धि के साथ वह पहली ऐसी भारतीय एथलीट बनीं, जिसने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 6.70 मीटर की छलांग लगाते हुए पदक जीता। भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी: कर्णम मल्लेश्वरी को भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी के नाम से जाना जाता है। भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी ने ओलंपिक में इतिहास रचते हुए ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। 2000 के सिडनी ओलंपिक के समय, कर्णम मल्लेश्वरी ने स्नैच में 110 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 130 किग्रा के साथ कुल 240 किग्रा का भार उठाया और भारत के लिए ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवपूर्ण पल दिया। ये भी पढ़ें- रूद्राक्ष महोत्सव में फिर हुई अनहोनी

रूद्राक्ष महोत्सव में फिर हुई अनहोनी

रूद्राक्ष महोत्सव

कुबरेश्वर धाम में लगातार तीसरे साल रूद्राक्ष महात्सव की शुरूआत आज 7 मार्च को हो गई है लेकिन महात्सव के पहले दिन ही अनहोनी हो गई। जी हां रूद्राक्ष महोत्सव फिर से लोगों का काल बन कर उनकी जान ले रहा है। बतादें कि आज इस महात्सव का पहला दिन है और आज दोपहर में ही यहां एक 65 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई और ड्यूटी पर तैनात एक डिप्टी रेंजर की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। रूद्राक्ष महोत्सव में फिर हुई अनहोनी महाशिवरात्रि 8 मार्च की है और ये महोत्सव उससे एक दिन पहले यानी कि 7 मार्च से पंडित प्रदीप मिश्रा जी के सीहोर स्थित धाम कुब्रेश्व धाम में होने वाला है ये कार्यक्रम 13 मार्च तक चलेगा । इस महोत्सव में शिवमहापुराण का आयोजन रखा गया है और इसके साथ ही रुद्राक्ष वितरण भी किया जाएगा। लेकिन इस महोत्सव में अनुमान से ज्यादा भीड़ आ जाती है जिस के कारण सारी व्यवस्थाएं गड़बड़ा जाती हैं। यह भी पढ़ें- आखिर क्यों धारण करनी चाहिए रुद्राक्ष की माला इस साल पुलिस प्रशासन और मिश्रा जी की टीम ने पहले से ही पूरे इंतजाम कर लिए थे लेकिन फिर भी अनहोनी नहीं टल सकी। लखनऊ से सोमवार को परिवार सहित रामगोपाल कुबरेश्वर धाम आए थे। उनकी बहन का कहना है कि भाई को दिल की बीमारी थी और धाम में काफी गर्मी क कारण उनको घबराहट हुई और हार्ट अटैक आने से उनकी मृत्यु हो गई। वहीं ड्यूटी पर तैनात डिप्टी रैंजर को भी घबराहट की शिकायत हुई वह फिल्हाल स्वस्थ हैं। पिछले साल हुई बड़ी अनहोनी पिछले साल इसी रुद्राक्ष महोत्सव में कुब्रेश्वर धाम में मानो काल आ गया था।  वो समय शायद ही कोई भूल सकता है जब कुब्रेश्वर धाम में श्रद्धालुओं। की इतनी भीड़ लग गई थी जिसे बस में करना न तो प्रदीप मिश्रा जी के बस में था और न पुलिस प्रशासन के। महोत्सव ने काल बन कर महिलाओं। और बच्चों समेत 8 लोगों की जान ले ली थी। भक्तों की इतनी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा जिसका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते । पिछले साल पंदीप प्रदीप मिश्रा के निमंत्रण पर श्रद्धालुओं का इतना सैलाब धाम पहुंचा था जिसका अनुमान खुद मिश्र जी ने भी नही लगाया था, जिसके बाद स्थिति ऐसी बनी कि लोग पानी के लिए भी तरस रहे थे। उस वक्त 20 लाख से ज्यादा लोग धाम पहुंचे थे, जिसके कारण इंदौर भोपाल हाईवे पूरी तरह से जाम हो गया था। यह भी पढ़ें- महाशिवरात्री के व्रत और पूजा में इन बातों को रखें विशेष ध्यान

Women’s Day: 8 मार्च हमें महिलाओं के बलिदान की याद दिलाता है

International Women's Day

प्रत्येक 8 मार्च को मनाया जाने वाला महिला दिवस (Women’s Day) एक विशेष अवसर है, जब हम महिलाओं के साथ उनके समर्पण और साहस को समर्थन और सम्मान देते हैं। इस दिन हम समाज की महिलाओं के प्रति आदर और सम्मान को साझा करते हैं, साथ ही उनके योगदान को भी मानते हैं। इस वर्ष, महिला दिवस (Women’s Day) के अवसर पर, हम समाज में महिलाओं के योगदान की महत्ता को समझते हुए, उन्हें सशक्त और समर्पित बनाने के लिए एक संकल्प लेने का समय है। महिला दिवस (Women’s Day) हमें याद दिलाता है कि महिलाएं समाज की मौलिक अवधारणाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और उनके योगदान को समझना और सम्मानित करना हमारा दायित्व है। इस दिन हमें समाज में महिलाओं के लिए और अधिक समानता और सुरक्षा की दिशा में प्रयास करना चाहिए। Women’s Day: महिलाएं हर क्षेत्र में आगे महिलाएं हर क्षेत्र में उत्कृष्टता की ओर बढ़ रही हैं। वे शिक्षा, विज्ञान, व्यवसाय, नृत्य, कला, साहित्य आदि में अपनी पहचान बना रही हैं। हमें उनके साथ मिलकर उन्हें इस दिशा में समर्थन करना चाहिए, ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें और समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। महिला दिवस (Women’s Day) पर हमें यह भी याद दिलाना चाहिए कि हमें महिलाओं के संघर्षों और परिस्थितियों को समझने और समर्थन करने की आवश्यकता है। अधिकांश महिलाएं अपने जीवन में विभिन्न चुनौतियों का सामना करती हैं, जैसे कि उनके सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक अधिकारों की सुरक्षा। हमें इन चुनौतियों को समझना और समर्थन करना चाहिए, ताकि हम समाज में एक समर्थ, सहयोगी और समान माहौल स्थापित कर सकें। ये भी पढ़ें- महाशिवरात्री के व्रत और पूजा में इन बातों को रखें विशेष ध्यान

महाशिवरात्री के व्रत और पूजा में इन बातों को रखें विशेष ध्यान

महाशिवरात्री

फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्री का व्रत रखा जाता है। शिव महापुराण के अनुसार इस दिन भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। लेकिन इस दिन से जुड़ी कई और बातें भी हैं जो इस दिन को और विशेष बना देती हैं। माना जाता है कि इस दिन ही भगवान शिव और माता पार्वति का विवाह हुआ था और इस दिन ही भोलेनाथ ने अपना एकात्म रूप धारण किया था। पुराणों में इस दिन व्रत और पूजा करने का विशेष महत्व बताया है। इस दिन पूरे दिन का व्रत रखा जाता है और शिवलिंग की चार प्रहरों में पूजा की जाती है। आईए जानते हैं कि इस दिन रखे जाने व्रत की विधि क्या है और पूजा में किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। महाशिवरात्री के व्रत की सम्पूर्ण विधि महाशिवरात्री का व्रत रखने वालों को इस दिन सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए। इस दिन व्रतकर्ता को पानी में तिन और गंगाजल डालकर स्नान करन चाहिए। स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प लेना चाहिए। पुराणों के अनुसार इस व्रत में पानी भी नहीं पीना चाहिए लेकिन अगर इस तरह की कठिन विधि का पालन ना हो तो व्रत करने वला इस दिन पानी , दूध और फल का सेवन कर सकता है परंतु इस व्रत में अन्न पूरी तरह से वर्जित है। व्रत करने वाले को सुबह और शाम दोनों वक्त स्नान करना चाहिए और सुंदर वस्त्रादि पहन कर शिव मंदिर में दर्शन करना चाहिए। भगवान शिव की पूजा करने की विधि शिवरात्रि के दिन स्नान कर के भगवान शिव के मंदिर में दर्शन करना चाहिए। इस दिन भक्त को अपने मस्तक पर चंदन से त्रिपुंड लगाना चाहिए और गले में रूद्राक्ष की माला को धारण करना चाहिए। इस दिन रात के चारों प्रहर में भगवान शिव की पूजा की जाती है इस दौरान शिवलिंग का दूध, दही, घी, शक्कर, और जल से अभिषेक कराया जाता है। पूजा करते वक्त भक्तों को ओम् नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। यह भी पढ़ें- आखिर क्यों धारण करनी चाहिए रुद्राक्ष की माला