आशुतोष महाराज को 10 साल पुरानी समाधि से वापस लाने शिष्या ने ली समाधि

आप सभी लोगों ने पौराणिक कथाओं में सुना होगा कि किस तरह से ऋषि मुनीगण समाधि में लीन हो जाते थे और फिर कई वर्षों बाद उनकी समाधि टूटती थी जिस दौरान उनके शरीर की रक्षा उनके शिष्य किया करते थे। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहाँ 10 साल से समाधि में गए एक संत की रक्षा उनके शिष्य शरीर को फ्रिज में रखकर कर रहे हैं। आशुतोष महाराज की क्लिनिकली हो चुकी है मौत दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक और संत आशुतोष महाराज की दस साल पहले क्लिनिकली मौत हो चुकी है पर आज भी उनके शिष्यों ने उनके शरीर को फ्रिज में सम्भालकर रखा है। उनका मानना है कि उनके गुरूदेव गहरी समाधि में हैं वह एक ना एक दिन जाग जाएगें। साध्वी आशुतोषांबरी ने भी ले ली समाधि अब इस कहानी में ट्विस्ट आ गया है क्योंकि उत्तरप्रदेश की राजधानी में स्थित आनंद आश्रम की गुरी मां साध्वी आशुतोषांबरी ने भी समाधि ले ली है। बतादें कि उनने अपने शिष्यों को एक विडियो के द्वारा बताया कि वह आशुतोष महाराज को समाधि से उनके शरीर में वापस लाने के लिए समाधि में जा रही हैं अब उनके शरीर को सुरक्षित रखने के लिए उनके शिष्यों ने कार्ट में याचिका दायर की है। आशुतोष महाराज को लाएंगी वापस आपको बतादें कि साध्वी के शिष्यों का कहना है कि दिव्य ज्योति संस्थान के लोगोम ने महाराज के शरीर को फ्रिजर में रखा है जिसके कारण वह समाधि से वापस नहीं आ पा रहे हैं इसलिए गुरू मां को समाधि में जाना पड़ा ताकि वह महाराज को समाधि से जगा सकें। वहीं डॉक्टर्स की टीम ने गुरू मां के शरीर की जांच की तो पता चला कि उनकी पल्स नहीं चल रही हैं पर हैरानी की बात ये है कि उनकी ईसीजी की रिपार्ट में हलचल महसूस हो रही है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो गुरू मां और उनके करीबी ही बता सकते हैं। यह भी पढ़ें- राहुल गांधी ने उठाया मोदी की जाती पर सवाल, देखिए उनके आरोप कितने सही
इस चॉकलेट डे (chocolate day) अपने पार्टनर के लिए करें कुछ नया

वैलेंटाईन वीक शुरू हो चुका है। वीक के शुरूआति दो दिन यानी रोज़ डो और प्रपोज़ डे गुजर चुके है और अब बारी है चॉकलेट डे (chocolate day) की बारी है। चॉकलेट डे 09 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन प्रेमी एक दूसरे को चॉकलेट खिलाते हैं और अपने प्यार में मिठास घोलते हैं। इस लेख में जानिए कि इस दिन को खास बनाने के लिए आप और क्या कर सकते हैं जिससे आपका पार्टनर आप पर फिदा हो जाए। क्यों मनाया जाता है चॉकलेट डे (chocolate day) वैलेंटाईन वीक के तीसर् दिन चॉकलेट डे (chocolate day) मनाया जाता है। इस दिन प्रेमी जोड़े एक दूसरे को चॉकलेट गिफ्ट करते हैं। अपने पार्टनर के साथ मीठा खाने से आपके जीवन में मिठास भर जाती है। साथ ही डॉक्टर्स का कहना है कि चॉकलेट में ऐसे कई पोषण होते हैं जो आपकी लव लाईफ को अच्छा बनाते हैं। क्या करें खास चॉकलेट डे (chocolate day) पर सभी लोग अपने साथी के लिए चॉकलेट लाते हैं। लेकिन ये तरकीब अब काफी पुरानी हो चुकी है अगर आप भी ऐसा ही कुछ करेंगे तो आपको पार्टनर को बोर फील करा सकता है। इसलिए इस दिन को खास बनाने के लिए आपको कुछ अलग करना होगा। इस दिन आप अपनो पार्टनर के लिए ब्रेकफास्ट में चॉकलेट की कोभ डिश बना सकते हैं। साथ ही इस दिन आप अपने पार्टनर के साथ मिलकर भी चॉकलेट की कोई डिश बना सकते हैं इसी बहाने आप दोनों एक दूसरे के साथ समय भी बिता सकेंगे। यह भी पढ़ें- Valentine Day के पहले आते हैं ये खास दिन
राहुल गांधी ने उठाया मोदी की जाती पर सवाल, देखिए उनके आरोप कितने सही

कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने पीएम मोदी की जाती को लेकर बड़ा सवाल उठाया है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और भाजपा जनता को पागल बना रहे हैं। मोदी ओबीसी नहीं बल्कि सामान्य वर्ग से आते हैं। लेकिन जब हम राहुल गांधी की इस बात की तह तक गए तो कुछ और सी सामने आया। राहुल गांधी ने ओडिशा में उठाया सवाल राहुल गांधी ने ओडिशा में भारत जोड़ो न्याय यात्रा को दौरान या बड़ी बात कही। वह कहते हैं कि मैं जो बोलने जा रहा हूँ उसे ध्यान से सुनना। बीजेपी और मोदी सबको पागल बनाते आए हैं। उनका जन्म गुजरात में तेली समाज में हुआ था इस समाज को बीजेपी ने साल 2000 में ओबीसी में कर दिया था। वह कहते हैं कि मोदी समान्य वर्ग से आते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वह जानते हैं कि मोदी सामान्य वर्ग से आते हैं इसके लिए उन्हें जातीप्रमाण पत्र की ज़रूरत नहीं हैं। सांसद आगे कहते कि मोदी किसी ओवीसी वर्ग के व्यक्ति को कभी गले नहीं लगाते, किसी किसान को गले नहीं लगाते वह तो अडानी से हाथ मिलाते हैं। वह कभी जातीय जनगणना नहीं होने देंगे। मोदी पर लगे आरोप कितने सही आपको बतादें कि पीएम मोदी का जन्म वैश्य परिवार में हुआ है जिन्हें बनिया भी कहा जाता है। वह तेली समाज के मोढ़ घांची वर्ग में आते हैं। साल 1994 में गुजरात सरकार की सामाजिक कल्याण विभाग ने एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें इस समाज को ओबीसी वर्ग में बताया गया था। बतादें कि साल 1990 से लेकर 1995 तक गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी। यानी ये सूची भी कांग्रेस द्वारा ही जारी की गई थी। यह भी पढ़ें- Uttarakhand: उत्तराखंड में एक हस्ताक्षर के बाद लागू होगा UCC कानून