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चंडीगढ़ (Chandigarh) में कांग्रेस-आप मिलकर नहीं ले सके भाजपा से टक्कर

चंडीगढ़ (Chandigarh)

आज चंडीगढ़ (Chandigarh) मेयर के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पार्षद ने जीत हासिल की है। बतादें कि भाजपा के पार्षद ने कांग्रेस के कुलदीप टीटा को चार वोटों से हरा दिया। बतादें कि पंजाब हाईकोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ महापौर पद के लिए चुनाव हुए जिसमें भाजपा पार्षद मनोज सोनकर ने जीत हासिक की। चंडीगढ़ (Chandigarh) में हुई I.N.D.I.A की हार बतादें कि इस चुनाव के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन I.N.D.I.A  ने साथ मिलकर 12 वोट हासिल किए जिनमें से 8 वोट कैंसिल हो गए। वोट सांसद और 35 पार्षदों ने मिलकर डाले थे। वहीं भाजपा पार्षद मनोज सोनकर को 16 वोटों के साथ महापौर का पद हासिल हुआ। चंडीगढ़ (Chandigarh) को लिए महापौर और उपमहापौर के चुनाव 18 जनवरी को होने थे। लेकिन उस समय अचानक चुनाव स्थगित करने पढ़ गए थे। बतादें कि उस वक्त मौजूदा पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह की तबीयत खराब हो गई थी जिस कारण आज 30 जनवरी को यह चुनाव सम्पन्न हुए। चुनाव के लिए 35 पार्षद और एक सांसद ने वोट डाले थे जिनमें से भजापा नेता मनोज ने जीत अपने नाम दर्ज कराई। यह भी पढ़ें- हेमंत सोरेन (hemant soren) को ईडी कभी भी कर सकती है गिरफ्तार

रणदीप हुड्डा की फिल्म ‘वीर सावरकर’ की रिलीज डेट आई सामने

रणदीप हुड्डा

रणदीप हुड्डा ने मंगलवार को अपनी फिल्म ‘वीर सावरकर’ की रिलीज डेट घोषित की। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक वीर सावरकर की बायोपिक, जो इसके पहले पिछले साल ही रिलीज होनी थी, अब मार्च में रिलीज होगी। फिल्म में सावरकर का किरदार रणदीप हुड्डा निभा रहे हैं।रणदीप हुड्डा की फिल्म ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ का टीजर पिछले साल शेयर किया गया था, जिसमें उनका शानदार ट्रांसफॉर्मेशन लोगों को प्रभावित किया था। फिल्म की नई रिलीज डेट को लेकर हुड्डा ने सोशल मीडिया पर साझा किया है। इस बायोपिक में वीर सावरकर का किरदार निभाने के साथ-साथ, हुड्डा ने ही फिल्म का डायरेक्टिंग भी किया है।‘वीर सावरकर’ का इंतजार कर रहे दर्शकों के लिए खुशखबरी है कि फिल्म मार्च में रिलीज होगी। हुड्डा ने इस खुशखबरी को एक वीडियो क्लिप के साथ अपने इंस्टाग्राम पेज पर साझा किया। फिल्म का रिलीज दिन मार्च के शहीदी दिवस के रूप में चयन किया गया है।फिल्म के टीजर में दावा किया गया था कि सावरकर ‘सबसे भयानक क्रांतिकारी’ थे, जो ‘भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और खुदीराम बोस के प्रेरणास्त्रोत’ भी थे। इस दावे पर सुभाष चंद्र बोस के पड़पोते चंद्र कुमार बोस ने खंडन किया था। ये भी पढ़े- ये भी पढ़े- न्यूयॉर्क में भी बज रहा महात्मा गांधी (mahatma gandhi) के नाम का ढंका

न्यूयॉर्क में भी बज रहा महात्मा गांधी (mahatma gandhi) के नाम का ढंका

महात्मा गांधी (mahatma gandhi)

महात्मा गांधी (mahatma gandhi) को केवल भारत में ही नहीं पूजा जाता है बल्कि विदेशों में भी उनका आदार और सम्मान किया जाता है। इसी का उदाहरण पिछले हफ्ते न्यूयॉर्क में भी देखने को मिला। महात्मा गांधी की 75वी पुण्यतिथि के पहले न्यूयॉर्क के क्वींस में उनकी नई प्रतिमा का अनावरण किया गया। महात्मा गांधी (mahatma gandhi) की मूर्ति हुई स्थापित न्यूयॉर्क मेयर एरिक एडम्स और न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के सदस्य जेनिफर राजकुमार ने शहर के रिचमंड हिल्स में 111वी स्ट्रीट पर महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया है। बतादें कि साल 2022 में रिचमंड हिल्स पर हिंदू मंदिर के सामने स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति को तोड़ दिया गया था। जिसके बाद एक बार फिर उसी स्थान पर गांधी की प्रतिमा का पुनर्निर्माण किया गया है। न्यूयॉर्क के मेयर ने दिया एकता का संदेश प्रतिमा को स्थापित करने को लोकर सोशल नीडिय पर भी लिखा गया कि पिछले साल रिचमंड हिल्स पर बनी महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ दिया गया था। पर हमारे मन में पुनर्निर्माण की भावनाएं थी। हमारे शहर में नफरत के लिए कोई स्थान नहीं है। शहर के मेयर एडम्स का कहना है कि हम न्याय के उन मूल्यों को अपनाते हैं जिनके लिए गांधी ने अपने पूरे जीवन का त्याग कर दिया था। यह भी पढ़ें- Martyrs day पर जानिए (महात्मा गांधी) Mahatma Gandhi के प्रेरक प्रसंग

ऐसा था Kalpana Chawla का जीवन, महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा

Kalpana Chawla

Kalpana Chawla, जिनका जन्म 17 मार्च 1962 को करनाल, भारत में हुआ था, एक अग्रणी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं। उनकी प्रेरक यात्रा पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री और टेक्सास विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री के साथ शुरू हुई। 1997 में, कल्पना ने अंतरिक्ष शटल कोलंबिया पर एक मिशन विशेषज्ञ के रूप में अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया। अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति उनके समर्पण और जुनून के कारण उन्हें 2003 में दूसरे मिशन, एसटीएस-107 के लिए चुना गया। दुख की बात है कि मिशन तब आपदा में समाप्त हो गया जब अंतरिक्ष शटल कोलंबिया पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करते समय विघटित हो गया। 1 फरवरी, 2003 को इस विनाशकारी घटना में कल्पना चावला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों की जान चली गई। अंतरिक्ष अन्वेषण में उनके महत्वपूर्ण योगदान के अलावा, कल्पना का जीवन और उपलब्धियाँ दुनिया भर में महत्वाकांक्षी वैज्ञानिकों और महिलाओं के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करती हैं। उनकी विरासत छात्रवृत्तियों, पुरस्कारों और उनके सम्मान में नामित संस्थानों के माध्यम से जीवित है, जो एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके स्थायी प्रभाव पर जोर देती है। Kalpana Chawla की कहानी लचीलेपन, दृढ़ संकल्प और किसी के सपनों की खोज का उदाहरण है, जो उन्हें सितारों तक पहुंचने वाली अदम्य मानवीय भावना का एक शाश्वत प्रतीक बनाती है। ये भी पढ़े- Martyrs day पर जानिए (महात्मा गांधी) Mahatma Gandhi के प्रेरक प्रसंग

हेमंत सोरेन (hemant soren) को ईडी कभी भी कर सकती है गिरफ्तार

हेमंत सोरेन (hemant soren)

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (hemant soren) अब रांची पहुँच चुके हैं। पिछले 40 घंटों से लापता थे मुख्यमंत्री। दिल्ली से अचानक गायब होने के बाद आज 30 जनवरी की दोपहर में मंत्री शिव सोरेन के आवास से अपने आवास पहुँच गए हैं। बतादें कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जमान धोखाधड़ी मामले में उनके खिलाफ 10 समन जारी हो चुके हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही उन्हें ईडी गिरफ्तार कर सकती है। 40 घंटे बाद हेमंत सोरेन (hemant soren) आए सामने हेमंत सोरेन अपने आवास पर फिलहाल सत्ताधारी पार्टी के मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बैठक में बड़े नेताओं और विधायकों के साथ भी विमर्श किया जा रहा है कि आगे क्या करना है। इस बैठक में कांग्रेस के कुछ नेता भी मौजूद हैं और सब मिलकर आगे क्या करना है इसकी योजना बना रहे हैं साथ ही बतादें कि खास बात यह है कि बैठक में मुख्यमंत्री होमंत सोरेन की पत्नी भी दिखाई दी हैं। ईडी कर सकती है मुख्यमंत्री को गिरफ्तार ईडी ने 20 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (hemant soren) के आवास पर आकर समन जारी किया था। इस दौरान ईडी ने उन्हें दो तारीख दी थी एक 29 जनवरी की और दूसरी 31 जनवरी की। ईडी ने इसके पहले कुल 9 समन दे दिए हैं जिसके बाद भी मुख्यमंत्री पूछताछ में शामिल नहीं हुए। अब बताया जा रहा है कि कल 31 जनवरी को ईडी दोपहर 1 बजे सीएम से पूछताछ करेगी। यह भी पढ़ें- केजरीवाल (kejriwal) ने कर दिया स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का ऐलान

Martyrs day पर जानिए (महात्मा गांधी) Mahatma Gandhi के प्रेरक प्रसंग

Martyrs day Mahatma Gandhi

Martyrs day: अहिंसा और शांति के पुजारी महात्मा गांधी की आज 75वीं डेथ एनिवर्सरी (Martyrs day) है। बापू के विचारों को आज भी लोग उतना ही महत्व देते है जितना आजादी के पहले देते थे। यूं ही नहीं इनको ‘राष्ट्र पिता’ की उपाधि दी गई है। वे मानवता और शांति के प्रतीक हैं। वैसे तो इनका नाम मोहनदास करमचंद गांधी है पर इनको महात्मा गांधी, बापू, अहींसा के पुजारी और राष्ट्रपिता के नाम से भी जाना जाता है। गांधी को याद करना मतलब बदलती दुनिया के लिए कालातीत ज्ञान। आज महात्मा गांधी की 75वीं पुण्य तिथि (Martyrs day ) है और इस प्रतिष्ठित व्यक्ति की स्थायी विरासत पर विचार करने का एक उपयुक्त अवसर है। भारत के अहिंसक स्वतंत्रता आंदोलन के नेता गांधीजी अपने पीछे बहुमूल्य विचारों का खज़ाना छोड़ गए जो पीढ़ियों तक गूंजता रहेगा। एक शक्तिशाली आयुध के रूप में अहिंसा- गांधी के दर्शन के मूल में “अहिंसा” का सिद्धांत था। वह शांतिपूर्ण प्रतिरोध की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास करते थे, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सच्ची ताकत शारीरिक शक्ति में नहीं बल्कि अटूट साहस और नैतिक दृढ़ता के साथ प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता में निहित है। अहिंसा पर उनकी शिक्षाओं ने विश्व स्तर पर नागरिक अधिकार आंदोलनों को प्रेरित किया, जिसने इतिहास की दिशा को आकार दिया। सत्याग्रह – सत्य की शक्ति- गांधी ने “सत्याग्रह” की अवधारणा पेश की, एक दर्शन जो अहिंसक तरीकों से सत्य की खोज की वकालत करता था। इसने व्यक्तियों को ईमानदारी और दृढ़ विश्वास के साथ अन्याय के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रोत्साहित किया। यह सिद्धांत उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई में आधारशिला बन गया, जिससे साबित हुआ कि सच्चाई की ताकत सकारात्मक बदलाव ला सकती है। सादगी और विनम्रता- अक्सर भौतिक गतिविधियों से प्रेरित दुनिया में, गांधी का जीवन सादगी और विनम्रता का उदाहरण है। वह संपत्ति संचय करने के बजाय उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने में विश्वास करते थे। न्यूनतम जीवन शैली अपनाकर उन्होंने प्रदर्शित किया कि सच्ची खुशी दूसरों की सेवा और उच्च आदर्शों की खोज में मिलती है। सर्वोदय – सभी के लिए कल्याण- गांधी ने एक ऐसे समाज की कल्पना की जहां हर व्यक्ति की भलाई को प्राथमिकता दी जाए। उनकी “सर्वोदय” की अवधारणा का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक समानता पर जोर देते हुए सभी का उत्थान करना था। यह दृष्टिकोण समावेशी विकास और सामाजिक न्याय की वकालत करने वाले आंदोलनों को प्रेरित करता रहता है। चरित्र के लिए शिक्षा- गांधीजी के लिए, शिक्षा का अर्थ केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं बल्कि चरित्र निर्माण करना था। उन्होंने ऐसे व्यक्तियों को आकार देने में शिक्षा के महत्व पर जोर दिया जो न केवल बौद्धिक रूप से कुशल हों बल्कि नैतिक रूप से भी ईमानदार और दयालु हों। शिक्षा के प्रति उनका समग्र दृष्टिकोण जिम्मेदार नागरिकों को विकसित करने के लिए एक शाश्वत मार्गदर्शक बना हुआ है। ये भी पढ़े- अपने व्यस्त जीवन में टेंशन और डिप्रेशन से बाहर आने के लिए ये उपाय अपनाएं

UPSSSC PET रिजल्ट की घोषणा हुई, 31 उम्मीदवारों को किया गया रद्द

UPSSSC PET रिजल्ट

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने यूपीएसएसएससी प्रारंभिक पात्रता परीक्षा (UPSSSC PET) 2023 का रिजल्ट घोषित किया है। सभी उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट upsssc.gov.in पर जाकर अपना यूपीएसएसएससी पीईटी रिजल्ट और स्कोर कार्ड देख सकते हैं और उन्हें एक वर्ष तक के लिए वैध माना जाएगा। इस परीक्षा में 890 उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा के लिए अंतिम प्रवेश मिला है और उनका स्कोर कार्ड आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाएगा। इनमें 6 अभ्यर्थियों का परिणाम ‘जांच के अधीन’ है और 31 उम्मीदवारों की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है क्योंकि उन्होंने अपनी ओएमआर शीट में सही जानकारी नहीं दी। UPSSSC PET परीक्षा से इनको किया गया बाहर आपको बता दें कि, UPSSSC PET रिजल्ट आने के पहले इन 75 उम्मीदवारों की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है जिन्होंने परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का उपयोग किया। इन उम्मीदवारों के स्कोर कार्ड में ‘अनुचित साधन’ के रूप में चिह्नित है। यहां चेक करें रिजल्ट अभ्यर्थी अपना परीक्षा परिणाम और स्कोर कार्ड आयोग की वेबसाइट से देख सकते हैं, जिसके लिए उन्हें आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रिजल्ट सेगमेंट में जाना होगा। इसके बाद, उम्मीदवारों को पीईटी 2023 परिणाम के लिंक पर क्लिक करके अपना स्कोर कार्ड डाउनलोड करना होगा और आवश्यकता होने पर प्रिंटआउट निकालना होगा। ये भी पढ़े- कोटा सुसाइड मामले में छात्रा का सुसाइड नोट पढ़कर नम हो जाएंगी आंखे