Aayudh

कोटा सुसाइड मामले में छात्रा का सुसाइड नोट पढ़कर नम हो जाएंगी आंखे

कोटा सुसाइड

कोटा में हुई एक दुखद घटना, एक 18 वर्षीय लड़की ने सोमवार (29 जनवरी) को आत्महत्या कर ली। छात्रा ने आत्महत्या से पहले अपने माता-पिता को एक नोट लिखा है, जिसमें उसने अपनी जेईई परीक्षा में असफलता का दुख व्यक्त किया। इस दुखद प्रस्तावना के साथ, यह दूसरा मामला है जो कुछ हफ्ते के भीतर ही कोटा शहर में सामने आया है। ये भी पढ़े- केजरीवाल (kejriwal) ने कर दिया स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का ऐलान जानकारी के अनुसार, यह 18 वर्षीय किशोरी छात्रा जेईई मेन्स परीक्षा की तैयारी कर रही थी और परीक्षा से घबराकर उसने अपने घर के कमरे में फांसी लगा ली। जेईई परीक्षा 31 जनवरी को होने वाली थी।छात्रा ने अपने आखिरी नोट में, जिसे पुलिस ने बरामद किया, खुद को ‘एक हारी हुई और सबसे बुरी बेटी’ कहा और लिखा कि यह ‘उसका आखिरी विकल्प’ था। नोट में लिखा, “मम्मी और पापा, मैं जेईई नहीं कर सकती। इसलिए मैं आत्महत्या कर रही हूं, मैं असफल हूं। मैं ही कारण हूं, मैं सबसे बुरी बेटी हूं, सॉरी मम्मी पापा. यह आखिरी विकल्प है।’ इस दुखद घटना के ठिक दो दिन बाद 31 जनवरी को जेईई की परीक्षी होने वाली है। ये भी पढ़े- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CAA (सीएए) को लेकर दिया बड़ा बयान

केजरीवाल (kejriwal) ने कर दिया स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का ऐलान

केजरीवाल (kejriwal)

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (kejriwal) ने आज बड़ा ऐलान कर दिया है। अभी तक संशय बना हुआ था कि कही पंजाब में भी ममता की तरह आप महागठबंधन से अलग तो नहीं हो जाएगी। पर इस पर केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि आम आदमी पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव में किस तरह से लड़ेगी। केजरीवाल (kejriwal) ने बतादी आप की रणनीति अरविंद केजरीवाल (kejriwal) ने रविवार को आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी हरियाणा में सभी 90 सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने वाली है। बतादें कि 2019 में आप ने 46 सीटों पर चुनाव लड़ था पर एक भी सीट पार्टी के खाते में नहीं आई। बतादें कि यह ऐलान उन्होंने हरियाणा में आयोजित बदलाव महासभा में किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज लोगों को केवल एक ही पार्टी पर भरोसा है और वो है आम आदमी पार्टी। क्या आप ला पाएगी हरियाणा में बदलाव हरियाणा की बदलाव महासभा को सम्बोधित करते हुए केजरीवाल (kejriwal) ने बताया कि आप हरियाणा विधानसभा चुनाव तो स्वतंत्र लड़ेगी पर आगामी लोकसभा चुनाव में वह इंडिया महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले हैं। आगे केजरीवाल ने कहा कि जिस तरह पंजाब और दिल्ली में लोगों ने बदलाव किया उसी तरह यहाँ भी लोग बदलाव लाएंगे। बतादें कि इस दौरान महासभा में पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुए। यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CAA (सीएए) को लेकर दिया बड़ा बयान

अपने व्यस्त जीवन में टेंशन और डिप्रेशन से बाहर आने के लिए ये उपाय अपनाएं

टेंशन और डिपर्शेन

आज कल के जीवन में टेंशन और डिप्रेशन से निपटना एक चुनौतीपूर्ण यात्रा है जिसके लिए शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक कल्याण को शामिल करते हुए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। हर किसी को अपने कल की परवाह है। इंसान अपना कल सुधारने में इतना व्यस्त हो गया है कि उसके चक्कर में अपना आज खराब कर रहा है। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप आसानी से टेंशन और डिप्रेशन मुक्त हो सकते है। रोजाना व्यायाम- यह साबित किया गया है कि शारीरिक गतिविधि एंडोर्फिन जारी करती है, जो शरीर का प्राकृतिक मूड लिफ्टर है। नियमित व्यायाम में संलग्न होना, चाहे वह चलना, जॉगिंग या योग हो, टेंशन और डिप्रेशन को काफी कम कर सकता है। अच्छे भोजन का सेवन- मानसिक स्वास्थ्य में पोषण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार शामिल करें। अत्यधिक कैफीन और चीनी से बचें, क्योंकि ये मूड स्विंग में योगदान कर सकते हैं। पूरी नींद- अपने शरीर और दिमाग को तरोताजा करने के लिए गुणवत्तापूर्ण नींद को प्राथमिकता दें। एक सुसंगत नींद की दिनचर्या स्थापित करें, एक आरामदायक नींद का माहौल बनाएं। हर रोज एक अच्छी नींद लें। माइंडफुलनेस और ध्यान- जागरूकता और विश्राम की भावना पैदा करने के लिए माइंडफुलनेस और ध्यान का अभ्यास करें। माइंडफुलनेस व्यायाम, जैसे गहरी सांस लेना और निर्देशित ध्यान, तनाव को प्रबंधित करने और समग्र मानसिक कल्याण में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। डॉक्टर की मदद लें- यदि टेंशन या डिप्रेशन बना रहता है, तो मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करने पर विचार करें। चिकित्सक, परामर्शदाता या मनोचिकित्सक आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप मूल्यवान सहायता और मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं। सामाजिक संबंध- सामाजिक संबंध बनाए रखें और मजबूत करें। मित्रों और परिवार के साथ नियमित रूप से जुड़ें, क्योंकि सकारात्मक सामाजिक संपर्क भावनात्मक कल्याण में योगदान करते हैं। ज्यादा टेंशन ना लें- तनाव के स्रोतों की पहचान करें और जहां संभव हो उन्हें कम करने या ख़त्म करने पर काम करें। जरूरत पड़ने पर ना कहना सीखें, और व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों रिश्तों में स्वस्थ सीमाएँ स्थापित करें। अपने पसंदीदा कार्य करें- ऐसी गतिविधियों में संलग्न रहें जो आनंद और विश्राम लाएँ। एैसे कार्य करे जिसे करने के बाद आपको अच्छा महसूस हो। जिसे करने के बाद आपको खुशी मिले। सकारात्मक आत्म-चर्चा- नकारात्मक विचारों को चुनौती दें और सकारात्मक आत्म-चर्चा का अभ्यास करें। आत्म-आलोचनात्मक विचारों को पुष्टिकरण से बदलें और अपनी शक्तियों और उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करें। ये भी पढ़े- अगर आपको भी हैं ये लक्षण तो हो सकती है गट हेल्थ (gut health) खराब

अगर आपको भी हैं ये लक्षण तो हो सकती है गट हेल्थ (gut health) खराब

गट हेल्थ (gut health)

इन दिनों हर दूसरे व्यक्ति को पेट से जुड़ी समस्याएं बनी रहती हैं। जिनका मुख्य कारण उनका बिगड़ता खानपान होता है पर ऐसी हर समस्या केवल पेट दर्द तक सीमित नहीं रहती बल्कि खराब गट हेल्थ (gut health) का कारण बन जाती है। आपकी नज़रअंदाजगी आपके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती हैं इसलिए जानना ज़रूरी है कि क्या है गट हेल्थ। क्या होता है गट हेल्थ (gut health) गट हेल्थ आंतों में मौजूद अच्छे और बुरे बैक्टीरिया से मिलकर बनती है। हमारी आंतों में फायदेमंद बैक्टीरिया भी होते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया भी होते हैं। लेकिन जब शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं तो यह बिगड़ती गट हेल्थ का कारण बनते हैं। कही आपको भी तो नहीं है ये लक्षण गट हेल्थ बिगड़ने पर व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ, पेट, हार्मोन्स और स्किन पर असर दिखता है। अगर आपके शरीर में यह लक्षण हैं तो आपकी गट हेल्थ भी खराब हो सकती है। गट हेल्थ खराब होने पर तनाव, चिंता, डिप्रेशन, पेट में दर्द, कब्ज, एसीडिटी,सीने में जलन, डायरिया और मूडस्विंग जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। गट हेल्थ (gut health) बिगड़ने पर इलाज हमें गट हेल्थ (gut health) को बैटर रखने के लिए रोजाना व्यायाम करना चाहिए। साथ ही पेट से सम्बंधित योगा भी करना चाहिए। इस तरह की पेट से सम्बंधित बीमारियों से बचने के लिए व्यक्ति को फाईबर से भरा खाना खाना चाहिए और जंक फूड अवोईड करना चाहिए। ज्यादा पानी पीने और चबा चबाकर खाना खाने से हम बिगड़े गट हेल्थ को भी सुधार सकते हैं। साथ ही कुछ बातें हैं खाने के तुरंत बाद सोना जैसी आदतों को बदल सकते हैं। यह भी पढ़ें- कैसे शुरू हुआ वैलेंटाइन डे? आइए जानते हैं इसका इतिहास Valentine’s Day

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CAA (सीएए) को लेकर दिया बड़ा बयान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी CAA (सीएए)

ममता बनर्जी ने एनआरसी के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रवासी मजदूरों के नाम मतदाता सूची में शामिल होने की सलाह दी और उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों के कूचबिहार के लोगों को बीएसएफ के पत्र स्वीकार नहीं करने की चेतावनी दी, उनका आरोप था कि ऐसा करके वे एनआरसी के दायरे में आ सकते हैं। ममता बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के दावे का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने राज्य में एक सप्ताह के भीतर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) CAA को लागू होने का दावा किया था। ममता ने बीजेपी पर राजनीतिक हंगामा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही बंगाल में शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान कर दी है। यहां के हर नागरिक को सरकारी लाभ दिए जाते हैं। उन्होंने बीएसएफ की आलोचना की और बीएसएफ को आदेश दिया कि अगर हिंसा की कोई घटना होती है तो इसे एफआईआर में दर्ज किया जाए। ममता ने अपनी सरकार से सहायता प्रदान करने के लिए स्वयं सहायता समूहों से समर्थन जारी रखने की अपील की है। इसी के साथ उत्तर बंगाल के लिए 500 करोड़ रुपये की 198 परियोजनाओं का ऐलान करने के साथ ही केंद्र पर ग्रामीण सड़कों के लिए और ओबीसी के लिए छात्रवृत्ती ना देने का इल्जाम लगाया है। भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने हिंसा भड़काई है और उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा नहीं की है। वह टीएमसी सुप्रीमो के रूप में केंद्र की सनक के आगे घुटने नहीं टेकेंगी और कहा कि वह उनके आदेशों का पालन नहीं करेंगी। इसके अलावा, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने (सीएए) CAA को लेकर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के बयान पर कहा कि यह चुनावी जुमला के अलावा कुछ नहीं है और उन्होंने पूछा कि अगर वे गंभीर थे तो चार सालों में (सीएए) CAA के नियम क्यों नहीं बनाए। ये भी पढ़े- pariksha pe charcha में पीएम मोदी (pm modi) ने बताया छात्रों को मंत्र

pariksha pe charcha में पीएम मोदी (pm modi) ने बताया छात्रों को मंत्र

पीएम मोदी (pm modi)

हर साल की तरह इस साल भी पीएम मोदी (pm modi) ने एक्जाम के पहले छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा pariksha pe charcha की। बतादें कि यह पीएम की सांतवी चर्चा थी। इस दौरान उन्होंने छात्रों , उनके माता-पिता और शिक्षकों के लिए बड़ी बातें कहीं। पीएम ने छात्रों को बेफिक्र होकर परीक्षा देने का एक बड़ा मंत्र दिया जिससे छात्र बिना किसी दबाव के अपनी परीक्षा दे सकेंगे। परीक्षा के पहले छात्र करें ये काम पीएम मोदी (pm modi) ने परीक्षा पर चर्चा में छात्रों से कहा कि वह परीक्षा से पहले 5-10 मिनट हंसी मज़ाक करें, आराम से बैठें और थोड़ी देर के लिए खुद में ही खो जाएं। हम हमेशा से ही अर्जुन और पक्षी की आँख वाली कथा सुनते हैं पर उसे अपनाएं भी और अपने में ही खो जाएं। अगर हम ऐसे में बाहरी बातों में समय ज़ाया करेंगे तो बेफिज़ूल में हमारी शक्ति ही बरबाद होगी। वह आगे कहते हैं कि हमें परीक्षा में ये डर होता है कि कहीं समय कम ना पढ़ जाए अगर वो प्रश्न कर लेता ते अच्छा होता इन सबसे बचने के लिए जब प्रश्न पत्र आए तो पहले उसे अच्छे से पढ़ लें फिर सोचें कि कहा से शुरू करना है और क्या करना है। पीएम मोदी (pm modi) ने माता पिता के लिए कहीं ये बातें पीएम मोदी (pm modi) आगे माता पिता के लिए भी संदेश देते हैं। वह कहते हैं कि माता पिता सोचते हैं कि आज बच्चे का पेपर है तो नया पैन लेजा, पर ऐसा नहीं करना है उसे ना कपड़ों के लिए टोकना है ना पैन के लिए। परीक्षा में छात्र जितना कम्फर्टेबल महसूस करे उतना अच्छा होगा। इसके अलावा वह पैरेंट्स को समझाते हैं कि वह दूसरे बच्चों से अपने बच्चे की तुलना ना करें। ऐसे में छात्रों के मन में गलत भावना आती है जो आगे चलकर जहऱ का काम करती है। यह भी पढ़ें- Pariksha pe charcha 2024 में पीएम मोदी ने दी छात्रों को ये टिप्स

अब उत्तराखंड के मदरसों में चलेगा शिक्षा का ये आधुनिक मॉडल

उत्तराखंड के मदरसों

अयोध्या में बने श्रीराम मंदिर के बाद अब उत्तराखंड में भी श्रीराम और उनके चरित्र का चर्चा तेज़ हो गई है। दरअसल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में प्रदेश की मरसा शिक्षा बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि अब 117 मदरसों में एनसीआरटी के साथ श्रीराम कथा और पूर्वजों की कहानियाँ पढ़ाई जाएंगी। उत्तराखंड के मदरसों में होंगे बदलाव उत्तराखंड इन दिनों सकारात्मक बदलाव के चलते चर्चाओं में बना रहता है। आपको बतादें कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स और मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती शमून ने ऐसे बयान दिए हैं जिससे प्रदेश में बड़े बदलाव देखे जाएंगे। दरअसल मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष का कहना है कि अब मदरसा शिक्षा बोर्ड सबका साथ सबका विकास सबका विश्र्वास और सबका प्रयास को मॉडल पर काम कर रहे हैं। मदरसों में पढ़ाई जाएगी श्रीराम कथा अब मदरसों में छात्रों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए एनसीआरटी का पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है। साथ ही आपको बतादें वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का कहना है कि अब बोर्ड के अंतर्गत आने वाले सभी मदरसों में श्रीराम कथा पढ़ाई जाएगी।बतादें कि अभी प्रदेश में कुल 415 मदरसे हैं जिनमें से 117 मदरसे वक्फ बोर्ड द्वारा संचालित किए जाते हैं। फिलहाल 4 मदरसों को आधुनिक मदरसे बनाने की प्रक्रिया करदी गई है। यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद की पूर्वी दीवार में छुपा है बड़ा राज़,खुल गई पोल

फिल्म ‘फाइटर’ भारत ही नहीं पूरी दुनिया की टॉप फिल्मों में शामिल

ऋतिक रोशन की फिल्म 'फाइटर'

ऋतिक रोशन की नई फिल्म ‘फाइटर’ ने भारत के साथ ही वैश्विक बाजार में भी धमाल मचा दिया है। इस फिल्म ने पिछले वीकेंड विश्वभर की फिल्मों को पीछे छोड़कर बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है और सबसे बड़ी फिल्म बन गई है। ‘पठान’ के बाद डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद का नाम एक बार फिर से चर्चाओं में है। फिल्म ने पहले दिन धीमी शुरुआत की, लेकिन फिर इसने दूसरे दिन से ऐसी रफ्तार पकड़ी कि इसका वीकेंड कलेक्शन बहुत दमदार हो गया। भारत में फिल्म ने पहले ही वीकेंड में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाई की है। ऋतिक-दीपिका की फिल्म सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बड़ी कमाई कर रही है। बीते वीकेंड में, इसने वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म बनने का दर्जा हासिल किया है। वीकेंड की सबसे बड़ी फिल्म ‘फाइटर’ ‘फाइटर’ ने वैश्विक बॉक्स ऑफिस पर हॉलीवुड की कई फिल्मों को पीछे छोड़ा है और यह बीते वीकेंड की सबसे बड़ी फिल्म बन गई है। कॉमस्कोर के डेटा के अनुसार, फिल्म ‘फाइटर’ ने रविवार को इंटरनेशनल मार्किट से 25 मिलियन डॉलर से ज्यादा बिजनेस किया है, जिससे इसका वैश्विक बॉक्स ऑफिस कलेक्शन 208 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। फिल्म ने ये शानदार आंकड़ा मात्र चार दिनों में पार कर लिया है। फिल्म ‘फाइटर’ ने ऑडियांस को अपना दिवाना बनाया फिल्म ‘फाइटर’ ने बीते वीकेंड में कई चर्चित हॉलीवुड फिल्मों को पीछे छोड़कर टॉप पर जगह बनाई है। इसने इंटरनेशनल ऑडियंस को भी अपना दिवाना बना लिया है। रोमांटिक-कॉमेडी ‘एनीवन बट यू’ (19 मिलियन डॉलर) और एक्शन स्टार जेसन स्टेथम से की ‘द बीकीपर’ (18 मिलियन डॉलर) से इतनी ज्यादा कमाई की है। बालाकोट एयरस्ट्राइक पर आधारित ‘फाइटर’ ऑडियंस को आपना दिवाना बना लिया है। ये भी पढ़े- फिल्मफेयर अवॉर्ड्स 2024 सेरेमनी 69वां से जुड़ी सारी जानकारी

ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद की पूर्वी दीवार में छुपा है बड़ा राज़,खुल गई पोल

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi)

ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद मामले में एक के बाद एक नए मोड़ आते जा रहे हैं। पहले मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंगनुमा आकृति का मिलना और अब एएसआई रिपोर्ट में 32 जगह पर हिंदू मंदिर के सबूत मिले हैं। माना जा रहा है कि अब भी कुछ बातें हैं जो सामने नहीं आई है जिसके लिए एक बार फिर हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रूख करने वाला है। ज्ञानवापी (Gyanvapi) की पूर्वी दीवार में छुपा है राज़ अब तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार मस्जिद में बिना किसी तोड़ फोड़ के एएसआई सर्वे कराया गया था। जिसके तहत कई बड़े सबूत हिंदू पक्ष में आते दिखे। अब हिंदू पक्ष की दलील है कि मस्जिद की पूर्वी दीवार की चुनाई कर बंद किया गया है। इस कारण दीवार के पीछे क्या है यह साफ नहीं हो पाया है। बतादें कि वजूखाने में शिवलिंगनुमा आकृति मिलने के बाद अब हिंदू पक्ष की मांग वजूखाने के एएसआई सर्वे की होने वाली है। खबरों के अनुसार पता चला है कि जल्द ही इसे लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी। विष्णु शंकर जैन ने किया बड़ा इशारा बुधवार को ज्ञानवापी (Gyanvapi) मामले की एएसआई सर्वे की रिपोर्ट जारी कर दी गई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार मस्जिद में 32 जगहों पर मंदिर के प्रमाण मिले हैं। वहीं गुरूवार को इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने पत्रकारों को बताया कि रिपोर्ट से साफ हो गया है कि ज्ञानवापी पहले मंदिर था जिसके स्थान पर मस्जिद बनाया गया। अब इसके बाद वजूखाने का सर्वे कराने को लेकर अनुरोध किया जाएगा। यह भी पढ़ें- Pariksha pe charcha 2024 में पीएम मोदी ने दी छात्रों को ये टिप्स

कैसे शुरू हुआ वैलेंटाइन डे? आइए जानते हैं इसका इतिहास Valentine’s Day

वैलेंटाइन डे Valentine's Day

हर साल 14 फरवरी को मनाए जाने वाले वैलेंटाइन डे का समृद्ध इतिहास सदियों पुराना है। इसकी उत्पत्ति कुछ हद तक अस्पष्ट है, वैलेंटाइन डे से बहुत सारी विभिन्न अफ़वाहे जुड़ी हुई हैं। एक लोकप्रिय धारणा यह है कि वैलेंटाइन डे सेंट वैलेंटाइन की याद में मनाया जाता है, जो एक ईसाई शहीद है, वह रोमन साम्राज्य के बेहद खास पादरी थे। इसकी पूरी कहानी ये है कि- सेंट वैलेंटाइन जो अपने सम्राट के खिलाफ जाकर युवाओं की शादी कराते थे। दरअसल रोमन के सम्राट क्लॉडियस द्वितीय का मानना था कि अकेले युवा एक अच्छे सैनिक बनते है। लेकिन सम्राट के फैसले के खिलाफ जाकर वैलेंटाइन ने गुप्त रूप से युवाओं का विवाह कराने लगे। जब ये बात रोमन के सम्राट को पता चली तो वैलेंटाइन को मौत की सजा सुनाई गई और 14 फरवरी 269 ईस्वी में उनको फाँसी दे दी गई। जिसके बाद से ही दुनिया भर के युवा उनकी याद में वैलेंटाइन डे मनाते हैं। क्या है वैलेंटाइन डे का महत्व सेंट वैलेंटाइन से जुड़ी एक और कहानी है। किताबों में एैसा लिखा है कि जब सेंट वैलेंटाइन जेल में थे तो उन्होंने जेलर की बेटी को एक प्रेम पत्र लिखा था। उस पत्र के जरिए उन्होंने अपना प्यार जाहिर किया। उस पत्र पर “आपके वेलेंटाइन की ओर से” हस्ताक्षर किया गया था। इसी घटना के कारण देश के युवा 14 फरवरी पर वेलेंटाइन डे पर अपने प्रेमी से पत्र का आदान-प्रदान करते हैं। 19वीं सदी में वेलेंटाइन डे का क्या महत्व है 19वीं सदी में वैलेंटाइन डे का व्यावसायीकरण शुरू हुआ, इस दिन के नाम पर कार्डों और चॉकलेट्स का बड़े पैमाने पर उत्पाद किया जाता है। जिसके साथ लाल रंग के गुलाब का भी आदान-प्रदान किया जाता है। वेलेंटाइन डे प्यार और स्नेह के एक वैश्विक उत्सव के रूप में विकसित हो गया है, जो उपहारों, कार्डों और रोमांटिक प्रशंसा के आदान-प्रदान द्वारा चिह्नित है। ये भी पढ़े- फिल्मफेयर अवॉर्ड्स 2024 सेरेमनी 69वां से जुड़ी सारी जानकारी