Aayudh

हर देश प्रेमी को 26 जनवरी के दिन घुमने जाना चाहिए इन जगहों पर

26 जनवरी

इस बार देश में 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जाने वाला है। साल 2024 में 26 जनवरी शुक्रवार को पड़ रहा है, जिससे लोगों को लगातार 3 दिन की लम्बी छुट्टीयां मिल रहा है। अगर आप इस लॉन्ग वीकेंड में कहीं धुमने जाना चाहते है तो देश के उन जगहों पर जाइए जहां जाने के बाद आपको देशभक्ति का एहसास हो। इन जगहों पर आप अपने परिवार के साथ घुमने जाए। बच्चों को जरूर ले जाएं एैसा जगहों पर चलिए हम आपको बताते है कि आप इस बार गणतंत्र दिवस पर कहां घुमने जाएं। इन जगहों पर घूमकर आप गणतंत्र दिवस को विशेष बना सकते हैं, जो देशभक्ति की भावना को महसूस कराएगी। जलियांवाला बाग: 26 जनवरी के मौके पर जलियांवाला बाग भ्रमण करें, जहां हजारों लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई गई थीं। यहां वाघा-अटारी बॉर्डर और रिट्रीट समारोह भी देख सकते हैं। साबरमती आश्रम: साबरमती आश्रम महात्मा गांधी के जीवन की एक झलक प्रदान करता है। यहां गणतंत्र दिवस के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। कारगिल वॉर मेमोरियल: इस मेमोरियल में 1999 के कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने का अवसर मिलेगा है। दिल्ली इंडिया गेटः गणतंत्र दिवस के लिए नई दिल्ली, विशेष रूप से इंडिया गेट और राजपथ का दौरा करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करने वाली भव्य गणतंत्र दिवस परेड राजपथ पर होती है। इस दिन आप अपने परिवार के साथ दिल्ली घूमने जा सकते है। ये भी देखें- Fighter Movie Review : Hrithik Roshan और Anil Kapoor स्टारर Fighter की Booking शुरू

कर्पूरी ठाकुर के जीवन के अनसुलझे रहस्य, कैसे हुई मौत

कर्पूरी ठाकुर

कर्पूरी ठाकुर की जीवन शैली हमेशा से ही सरल और सादगी से भरी रही है साथ ही उन्होंने कभी सरकार का पैसा नहीं लिया। एक समय जब बिहार में सभी नेताओं की कॉलोनी बनाने की प्रतिक्रिया शुरू हुई तो भी ठाकुर ने ज़मीन नहीं ली और इसपर जब भी कोई उनसे प्रश्न करता तो वह बस हाथ जोड़ लोते थे। कर्पूरी ठाकुर ने तोड़ी परिवारवाद की कढ़ी एक बार जब बिहार के सीएम की पदवी पर रहते हुए उनका बहनोई नौकरी की आस में आया तो उन्होंने 50 रूपए देकर कहा कि उस्तरा खरीदकर अपना पुश्तैनी कार्य करें। दरअसल ठाकुर नाई समाज से संबंध रखते हैं जिस कारण उन्होंने ऐसा कहा। जब बिहार पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण देने वाला पहला राज्य बना तो कुछ लोग उनसे नाराज़ थे । जिसके बाद वह एक बार गांव के दौरे पर गए जहाँ एक महिला उनके पास दौड़ती हुई आई और बताया कि आगे मत जाईए आपकी जान को खतरा है जिसके बाद कलेक्टर खाली गाड़िया आगे भेजी जिनपर काफी ज्यादा पथ्थर बाजी की गई थी। जिसे बाद कर्पूरी जी कहते हैं कि मैने गरीबों के लिए काम किया तो आज गरीबों ने मेरी जान बचाई। संदिग्ध हालातों में हुई मौत आपको जानकर हैरानी होगी कि करपूरी ठाकुर दो बार मुख्य मंत्री बने पर उनकी मृत्यु हुई तो वह अपने पूंजी के रूप में एक घर भी नहीं बना कर गए। जननायक की मौत भी संदिग्ध हालात में हुई दरअसल कर्पूरी जी हाई ब्लडप्रेशर के मरीज थे ऐसे में उनके लिए नमक ज़हर का काम करता था पर 16 फरवरी 1988 को अतुलानंद नामक व्यक्ति ने उन्हें 13 लीटर नमक का पानी पिलाया और उनकी मौत हो गई। लेकिन आज तक पता नहीं चला कि कौन है अतुलानंद।   यह भी पढ़ें- क्यों मिली बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को “जननायक” की उपाधि

क्यों मिली बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को “जननायक” की उपाधि

कर्पूरी ठाकुर

अधिकार चाहो तो लड़ना सीखो,पग पग पर अड़ना सीखो , जीना है तो मरना सीखो, यो बोल हैं जननायक के नाम से प्रसिध्द रहे कर्पूरी ठाकुर के। आज 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर जी की 100 वी जयंती है जिसके एक दिन पहले यानी कल मंगलवार को राष्ट्रपति भवन की ओर से ऐलान किया गया कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया जाएगा। स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने के लिए छोड़ी पढ़ाई कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी साल 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले में पितौझिया गांव में हुआ था। ठाकुर का संबंध नाई सामज में यानी उस समय के सामाज का अति पिछड़ा वर्ग कहे जाने वाले समाज में हुआ था। ठाकुर ने अपनी कॉलिज की पढ़ाई भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने के लिए छोड़दी। जब ठाकुर भारत छोड़ो आंदोलन का हिस्सा बने तो उन्हें जाल भी जाना पढ़ा। 1952 में पहली बार विधायक बने कर्पूरी ठाकुर कर्पूरी ठाकुर एक शिक्षक, स्वतंत्रता सैनानी और बिहार के मुख्य मंत्री के पद पर भी रहे। राजनैतिक करियार की बात की जाए तो साल 1952 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की जिसके बाद कभी हार का सामना नहीं किया। अपने कार्यकाल में वह दो बार बिहार के मुख्य मंत्री के तौर पर चुने गए। इस दौरान उन्होंने राज्य से भ्रष्टाचार और परिवारवाद को पूरी तरह से खत्म किया।इस दौरान उन्हेंने ऐसे फैसले लिए जिनके मॉडल पर आज की सरकारें काम रही हैं। इस लिए जननायक कहलाए कर्पूरी ठाकुर 1967 में जब वह बिहार के उप मुख्य मंत्री बने तो राज्य में अंग्रेजी शिक्षा की अनिवार्यता को खत्म किया, 1970 में शिक्षा मंत्री बने तो 8वी तक की शिक्षा मुफ्त कर दी, 1971 में सीएम बने तो किसानों के नसीहा बनकर आए और गैर लाभकारी भूमि से मालगुजारी टैक्स खत्म कर दिया। और 1977 में सीएम बने तो नौकरियों में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने वाला पहले राज्य बिहार बना। यह भी पढ़ें- राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के दूसरे दिन जबलपुर की रजिया बी बनी नंदनी

राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के दूसरे दिन जबलपुर की रजिया बी बनी नंदनी

जबलपुर , रजिया बी

अयोध्या के भव्य राम मंदिर में श्री राम लला की वापसी हुई और इसी मौके पर जबलपुर की रजिया बी ने नंदनी बनकर अपनी घर वापसी का है।आप सभी जानते हैं कि 22 जनवरी को किस तरह 500 वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद अयोध्या में श्रीराम टेंट से वापस अपनी जन्मभूमि पर भव्य मंदिर में विराजे हैं। इस के अगले दिन ही 23 जनवरी को जबलपुर की रजिया बी ने भी घर वापसी कर ली है। जबलपुर की रजिया बी बनी नंदनी जबलपुर की रहने वाली मुस्लिम महिला रजिया बी अब नंदनी के नाम से जानी जाएंगी। नंदनी का कहना है कि उन्हें बचपन से ही हिंदू धर्म में दिलचस्पी थी वो बचपन से ही हिंदू देवी देवताओं के भजन भी सुना करती थी। लेकिन बचपन में उन्हें ना माँ बाप से प्यार मिला और ना ससुराल में उनका किसी ने साथ दिया। लेकिन वह बताती हैं कि उनके पति शेरा शाहनवाज उन्हें बहुत प्यार करते हैं और जब उन्होंने अपनी पति के सामने हिंदू धर्म के प्रति प्रेम की इच्छा ज़ाहिर की तो पति ने भी उनका साथ दिया। और वह खुद अपनी पत्नी के लिए पूजा की सामग्री लेकर आए। जबलपुर की रजिया बी ने की सनातन धर्म की तारीफ नंदनी ने जबलपुर के शिव शंकर मंदिर में हिंदू धर्म सेना की मौजूदगी में घर वापसी की है। इस दौरान उन्होंने बताया कि अब वह अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीएंगी। वह कहती हैं कि इस्लाम में कुछ नहीं हैं, तलाक है ,हलाला हैऔर बुर्का प्रथा है। वह कहती हैं कि इस्लाम में आप बुर्के के बिना बाहर नहीं निकल सकते नहीं तो समाज के लोग आपको गालियाँ देते हैं लेकिन सनातन धर्म में बेटियों की पूजा की जाती है उन्हें देवी माना जाता है इसलिए मुझे सनातन धर्म अच्छा लगता है। अब बेटे और बेटी की होगी घर वापसी आप बतादें कि जल्द ही उनका 14 साल का बेटा और 12 साल की बेटी भी सनातन धर्म अनाएगी। रजिया उर्फ नंदनी बताती हैं कि ब उनके घर में पूजा भी होगी और नवाज भी अदा की जाएगी। वह पूजा करेंगी और उनके पति नवाज अदा करेंगे। इस घर वापसी के दौरान मौजूद रहने वाले हिंदू धर्म सेना के लोगों ने बताया कि बताया नंदनी ने उन लोगों से सम्पर्क किया था और घर वापसी की इच्छा जाहिर की थी। जिसके बाद नंदनी का मंत्रोच्चारण के द्वारा शुध्दीकरण हुआ और हनुमान चालिसा का पाठ कर उन्होंने सनातन धर्म में घर वापसी की। यह भी पढ़ें- मुँह छिपाकर भीड़ में घुसे अनुपम खेर, वीडियो वायरल

मध्यप्रदेश के मशहूर विधायक कमलेश्वर डोडियार की जान को है खतर

कमलेश्वर डोडियार

मध्य प्रदेश के भारत आदिवासी पार्टी के विधायक, कमलेश्वर डोडियार से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। कमलेश्वर डोडियार सैलाना क्षेत्र के सबसे गरीब विधायक है। आपको बता दें कमलेश्वर बड़ी मेहनत और ईमानदारी के साथ चुनाव जीत जनता की सेवा कर रहे है। पिछले दिनों कमलेश्वर डोडियार के साथ एक घटना घटी है। दरअसर बात ये है कि 21 जनवरी की रात विधायक के सरकारी बंगले पर कुछ अंजान लोग घुम रहे थे। जैसे ही कमलेश्वर अपने कमरे से बाहर आए देखने तो सभी वहां से भाग गए। कमलेश्वर डोडियार को इस नेता पर है शक विधायक का कहना है कि मुझे कांग्रेस के नेता हर्ष विजय गहलोत पर शक है। ये उनके ही आदमी होंगे जो देर रात मेरे बंगले पर आए थे। इस धटना के बाज मुझे डर है कि मेरे साथ कोई अनहोनी हो सकती है। भारत आदिवासी पार्टी के विधायक, कमलेश्वर डोडियार ने पहले तो इस बात को खुलाना नहीं किया वह चाहते थे कि 22 जनवरी को इतना बड़ा दिन है भगवान राम आने वाले है तो उन्होंने 23 जनवरी को इस का खुलासा किया। इसके बाद पुलिस थाने जाकर FIR दर्ज कराई। डोडियार ने बताया की मेरे साथ कोई अनहोनी होने वाली है। उनका कहना है कि- विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के नेता हर्ष विजय गहलोत चुनाव हार गए थे। जिसके बाद वह मुझसे बदला लेना चाहते है। गहलोत के पास असामाजिक तत्वों की एक टीम भी है। वह अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं। ये भी देखें- Fighter Movie Review : Hrithik Roshan और Anil Kapoor स्टारर Fighter की Booking शुरू || Release Date

मुँह छिपाकर भीड़ में घुसे अनुपम खेर, वीडियो वायरल

अनुपम खेर

राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश के हजारों साधु संतों के साथ बॉलीवुड के कई सितारों को भी न्योता दिया गया था। इन सैलीब्रिटीज़ में अनुपम खेर भी अयोध्या में मौजूद थे। सभी वरिष्ठजनों, नेताओं, साधु संतों और सितारों के साथ खेर ने भी राम लला के मनोहर स्वरूप के दर्शन किए थे। पर क्या आप जानते हैं कि इन वीवीआईपी के अलावा खेर ने साधारण भक्तों के साथ लाईन में लगकर भीड़ के बीच भी दर्शन किए। भक्तों की भीड़ के साथ दिखे अनुपम खेर वीआईपी ट्रेंड के बीच किसी भी अभिनेता को इस तरह से कभी नहीं देखा गया जिस तरह से अनुपम खेर राम मंदिर में कैप्चर हुए। अक्सर जब भी कोई अभिनेता कही जाता है और खासकर भीड़ में तो उसके साथ सुरक्षाकर्मी मौजूद रहते हैं पर जब अनुपम खेर अयोध्या पहुँचे तो पहले तो उन्होंने सबके साथ मिलकर राम लला के दर्शन किए फिर उनके मन में कल एक और बार दर्शन करने की लालसा जागी लेकिन इस बार वह वीआईपी बनकर रामलला के सामने नहीं जाना चाहते थे। तो वह चुपचाप साधारण भक्तों की तरह राम मंदिर में दर्शन करने चले गए। वीडियो शेयर कर दी जानकारी उन्होंने पहचान से बचने के लिए मुँह पर कपड़ा बाँध लिया और भीड़ के साथ मिलकर दर्शन करने लगे। इस बात की जानकारी किसी और ने नहीं बल्की खुद अनुपम खेर ने अपने ट्वीटर हैंडल पर दी है। वह वीडियो शेयर कर लिखते हैं कि कल मैने आमंत्रित अतिथी बनकर दर्शन किए थे पर आज सबके साथ चुपचाप मंदिर जाने का मन किया। जहाँ भक्ति का ऐसा समंदर देखने को मिला कि हृदय गद गद हो उठा। लोगों का राम जी को देखने का उत्साह और भक्तिभाव देखते ही बन रहा था। जब अनुपम खेर को राम भक्त ने पहचान लिया वह इस दौरान हुआ एक रोचक किस्सा भी साझा करते हैं कि जब वह मंदिर में मुँह ढककर गए तो एक भक्त ने हल्के से उनके कान में बोला, “भैया जी मुँह ढकने से कुछ नहीं होगा! राम लल्ला ने पहचान लिया!। इस वाक्या को शेयर करते हुए अभिनेता ने हंसी भरे इमोजी लगाकर अपनी खुशी दिखाई। यह भी पढ़ें- निमंत्रण मिलने के बाद भी अक्षय कुमार नहीं पहुँचे अयोध्या धाम

बाकी बड़ी फिल्मों से स्लो चल रही है फाइटर की बुकिंग

फाइटर

बॉलीवुड के साथ ही पूरे भारत के सबसे हैंडसम अभिनेता ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण एक साथ बड़े पर्दे पर नजर आने वाले हैं। ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘फाइटर’ केवल दो दिन बाद रिलीज होने वाली है। गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले रिलीज होगी ये फिल्म जिसमें देश प्रेम को दिखाया गया है। जब फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ तो लोगों में इसका क्रेज देखने को मिला था लेकिन अब थोड़ी डाउन हो गई है। जिसका असर एडवांस बुकिंग पर साफ नजर आ रहा है। फिल्म की बुकिंग तो सॉलिड है, मगर बाकी बड़ी फिल्मों से धिरे आगे बढ़ रही है। ‘पठान’ के डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद के साथ ‘फाइटर’ गणतंत्र दिवस पर रिलीज होगी, जिसमें ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण हैं। फिल्म का ट्रेलर हिट हुआ और एडवांस बुकिंग सॉलिड है, लेकिन कोविड के बाद की बड़ी हिट्स के मुकाबले स्लो चल रही है। सैकनिल्क की रिपोर्ट के अनुसार, ‘फाइटर’ की एडवांस बुकिंग से फिल्म ने 5 करोड़ रुपये से ज्यादा ग्रॉस कलेक्शन कर लिया है, लेकिन फिर भी यह स्लो चल रही है। नेशनल मल्टीप्लेक्स चेन्स में 74 हजार टिकट एडवांस में बुक हो चुके हैं, लेकिन फिल्म की बुकिंग की रफ्तार तय करना मुश्किल है। लॉकडाउन के बाद रिलीज हुई ‘भूल भुलैया 2’, RRR, ‘दृश्यम 2’ ने नेशनल चेन्स में 1 लाख से 2 लाख के बीच एडवांस बुकिंग की, जबकि ‘गदर 2’ के लिए यह आंकड़ा 2 लाख 65 हजार था और ‘आदिपुरुष’ के लिए 2 लाख 85 हजार था। ‘फाइटर’ की स्थिति इसके सामान्य स्पष्टीकरण से दूर है, लेकिन इसका आगाज बड़ा और आगे जाकर फिल्म हिट हो सकता है। ये भी देखें-Bageshwardham के पीठाधीश्वर Dhirendra Shastri Ayodhya में मचा रहे धूम, Ram Mandir पर कही ये बड़ी बात

12 साल के सूरजदास कैसे बने हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत

सूरजदास

22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में तो कई लोगों को आमंत्रण मिला था। लेकिन हम बात करेंगे सबसे कम उम्र के महंत जो केवल 8 वर्ष की उम्र से भगवान की सेवा कर रहे है। परिवार से भी नहीं मिलते है। वर्तमान में उनकी उम्र केवल 12 वर्ष है। जी हम बात करने जा रहे है हनुमान भक्त महंत सूरजदास के बारे में जिनको छोटे योगी भी बोला जाता है। इस समय वह हनुमान गढ़ी के महंत है। 8 साल की उम्र में जब ये परिवर के साथ रहते थे तो इनके सभी भाई कार्टून और फिल्में देखते थे लेकिन इनको समय मिलता था तो ये लव-कुश कांड, रामायण और कृष्ण लीला देखते थे। जब वह ये सब देखें तो उनके मन में विचार आया कि अगर ये छोटे-छोटे बालक भगवान जी की प्रस्तुती कर सकते है तो हम क्यों नहीं। तभी से सूरजदास ने अपना घर छोड़ दिया। और अपनी पूरी जिंदगी हनुमान जी की सेवा में लगाने की ठान ली। 12 साल की उम्र में उनको सनातन धर्म का पूरी तरह से ज्ञान है। उनके ज्ञान की सीमा देखने और सूनने के बाद आप को भी उनकी उम्र पर विश्वास नहीं होगा। चना चौराहा हनुमंत कुटी के पुजारी श्री श्रीपतदास जी इनके गुरू है। उनका कहना है कि हम हनुमान जी के एक छोटे से तुच्छ सेवक है। 4 साल से अयोध्या में भगवान की सेवा कर रहे है। अयोध्या को लेकर सूरजदास के अद्भूत विचार जब उनसे पूछा गया कि अब की और पहले की अयोध्या में क्या अंतर हुए है तो उनका कहना था कि जब से देश में योगी और मोदी की सरकार आई है बहुत कुछ बदल गया है। मेरा सबसे निवेदन है कि सब लोग अयोध्या आए। अयोध्या आकर देखे की अयोध्या में कितना विकास हुआ है। अब अयोध्या स्वर्ग जैसी सुंदर हो गई है तेजी से अयोध्या का विकास हुआ है। महंत सूरजदास से पुछा गया की आप अपने जीवन में क्या करना चाहते है तो उनका कहना है कि- हम हनुमान जी की सेवा और जनता की सेवा करना चाहते है। सूरजदास का कहना है कि वह योगी आदित्यनाथ की तरह बनना चाहते है। एक दिन आएगा जब मोदी के बाद योगी देश के प्रधान मंत्री बनेंगे। छोटे योगी से पूछा गया कि आप ने महंत का जीवन क्यों अपनाया तब वह बोले हनुमान जी बालब्रह्मचारी है और योगी आदित्यनाथ भी बालब्रह्मचारी है तो हम भी बालब्रह्मचारी बनकर देश की सेवा करेंगे। ये भी देखें- Pran Pratishtha के दूसरे ही दिन Ayodhya में मचा हड़कंप, भयंकर भीड़ के कारण लोगों का Ayodhya आना बंद।