रावण और राजा जनक ने भी भेजा राम मंदिर के लिए उपहार

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की देश भर में जोरों शोरों से तैयारियाँ चल रही हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह जनवरी 2024 की आने वाली 22 तारीख को होने जा रहा है। राम मंदिर के लिए देश और विदेश के अलग- अलग कोनों से लोग उपहार भेज रहे हैं। राम लला के ससुराल से आया ये उपहार माँ जानकी की जन्मभूमि और राम लला की ससुराल से भी कई उपहार भेजे जा रहे हैं। माँ जानकी का जन्म नेपाल के जनकपुर में हुआ था। जनकपुर धाम के रामजानकी मंदिर की ओर से अयोध्या के लिए 30 वाहनों का काफिला निकला है। इन वाहनों में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 3000 से भी अधिक तौहफे भेजे जा रहे हैं। इन तौहफों में भगवान राम के लिए चांदी के जूते, आभूषण, वस्त्र और अन्य वस्तुएं भेजी जा रही हैं। रावण की नगरी से आया तौफा बतादें कि जब रावण ने माँ सीता का हरण किया तो उन्हें अपनी लंका के अंदर अशोक वाटिका में रखा। इसी वाटिका में माता से राम भक्त हनुमान की भेंट हुई थी। यह वाटिका आज के श्रीलंका देश में मौजूद है। श्रीलंका के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी हाल ही में अयोध्या धाम का दौरा किया । वह अपने साथ राम मंदिर के लिए तौहफे में अशोक वाटिका की चट्ठान लेकर आए हैं। यह भी पढ़ें- राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं होंगे ये दिग्गज नेता शामिल
क्यों भोगने पड़ते हैं पूर्व जन्मों के पाप ‘प्रेमानंद महाराज’ ने बताए इसके उपाय

एक बार फिर प्रेमानंद महाराज ने अपने भक्तों के लिए एक संदेश दिया है। हम कोशिश करेंगे कि हर रोज प्रेमानंद महाराज के एक नए विचार के साथ आप से मिले। जैसा की आप सभी को पता है उनके विचारों में इतनी ताकात है कि उसे सुनने के बाद हमारा पूरा जीवन बदल जाएगा। क्या आप ने कभी ये नहीं सोचा कि जिस महान पुरूष के विचार इतने भले है तो वह स्वयं कितने भले मानस होंगे। हित प्रेमानंद शरण महाराज ने एक बार फिर अपने भक्तों को नया संदेश दिया है। प्रेमानंद महाराज ने आज हमें बताया कि कैसे लोग अपने कर्मो का फल प्राप्त करते है। उन्होनें बताया कि सारे कर्मों का फल स्वर्ग या नरक में भोगने के अलावा मनुष्य इसी जन्म में अपने पुराने कर्मों को भी क्यों भोगता है। क्या कारण है जो पुराने जन्म के कर्मों का पाप भी इसी जन्म में भोगने पड़ते हैं। इसी के साथ एक उदाहरण के साथ महाराज ने बताया कि अगर आप कोई चोरी या हिंसा वाला कार्य करते है तो कोर्ट में तो आपको सजा मिलती ही है लेकिन पुलिस वाले जो पिटाई करते है, उसका क्या वह किस पाप के कारण मिलता है? कोर्ट तो सजा देती ही है, पुलिस वालें क्यों डंडे मारते है? और सालों तक समाज वालें आपका अपमान क्यो करते हैं। प्रेमानंद महाराज का कहना है कि कोर्ट में सजा तो मिलती है। बाद में और आखरी सजा तो यह है कि आप समाज वालों की नजर में भी गिर जाते हैं। भगवान इस जन्म में आपको मनुष्य का जन्म तो दे देते है, लेकिन आपने बहुत सारे पाप ऐसे किए थे जिनकी सजा का हिसाब इस जन्म में किया जाता है। उनका कहना है कि नरक की चाहरदिवारें पूरे विश्व का जेल है। यहां का सबसे बड़ा जेल नरक है, वहां रहम नाम की कोई गुंजाइस ही नहीं है। इसका एक ही उपाय है कि भगवान के नाम का जाप करते रहे एक ना एक दिन आपके सारे पाप धुल जाएंगे। भगवान ही है जो आपको आपके पापों से मुक्ति दिला सकते हैं। ये भी देखें- Bageshwar Dham के Pandit Dhirendra Shastri ने उठाया बड़ा कदम, इस तरह से रख दी Hindu Rashtr की नीव।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं होंगे ये दिग्गज नेता शामिल

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह आने वाली 22 जनवरी को होने वाला है। इस कार्यक्रम के लिए देश के कोने कोने से विशेष लोगों के निमंत्रण दिया गया है। समारोह में साधु संतों के साथ ही राजनैतिक दलों को भी न्योता मिला है पर कई दलों के नेता श्रीराम मंदिर के इस ऐताहासिक समारोह में सम्मिलित नहीं होंगे। वामपंथी पार्टियाँ नहीं होंगी सम्मिलित श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में वामपंथी पार्टियों ने शामिल होने से मना कर दिया है। बतादें कि वामपंथी नेता वृंदा करात ने राम मंदिर का निमंत्रण स्वीकार नहीं किया। उनका कहना है कि इसके पीछे उनकी पार्टी की बुनियादी सोच है। वह आगे कहती हैं कि भारत की सत्ता किसी धर्मिक रंग की नहीं होनी चाहिए। साथ ही नेता ने राम मंदिर समारोह के कार्यक्रम का राजनैतिक इस्तमाल होने के भी आरोप लगाए हैं। समाजवादी पार्टी ने भी निमंत्रण किया अस्वीकार समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को विश्व हिंदू परिषद के आलोक कुमार ने निमंत्रण दिया था। इस निमंत्रण को अखिलेश ने स्वीकार नहीं किया। उनका कहना है कि उनके लिए तो पीडीए ही भगवान है जिसका मतलब है पिछड़ा, दलित और अल्प संख्यक है। वह आगे कहते हैं कि जब भगवान बुलाएँगे तो वह अयोध्या कार्यक्रम में जाएँगे। राम मंदिर के समारोह ये कांग्रेसी नहीं होंगे शामिल कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने जानकारी दी कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी , मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे। यह भी पढ़ें- जब राम बुलाएँगे तब अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अखिलेश जाएँगे
जब राम बुलाएँगे तब अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अखिलेश जाएँगे

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए लग भग हर भारतीय इंतजार कर रहा है। वहीं देश की वामपंथी पार्टियों ने समारोह का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया है। साथ ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अब राम मंदिर से जुड़ी बड़ी बात कह दी है। अखिलेश यादव ने फिर दिया बयान हाल ही में अखिलेश यादव ने बयान दिया कि किसी का कोई भगवान हो हमारा भगवान तो PDA है। जहाँ PDA से अखिलेश का मतलब पिछड़ा, दलित और अल्प संख्यक था। बतादें कि जब पत्रकारों ने अखिलेश यादव से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने का बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें निमंत्रण नहीं मिला। पर जब विश्व हिंदू परिषद से इस बारे में प्रश्न किया तो उन्होंने बताया कि अखिलेश को निमंत्रण दिया गया पर उन्होंने स्वीकार नहीं किया। जब राम बुलाएँगे तब पहुँचेंगे अयोध्या अखिलेश ने ये बयान तब दिया था जब विश्व हिंदू परिषद के आलोक कुमार उन्हें निमंत्रण देने पहुँचे। उनका कहना था कि हम आलोक कुमार को नहीं जानते और जिसको हम जानते ही नहीं उनको ना तो निमंत्रण दिया जाता है और ना ही उनका निमंत्रण लिया जाता है। जब भगवान बुलाँएगे तब जाएंगे वह आगे कहते हैं कि किसी का कोई भगवान हो हमारा भगवान तो PDA है।अखिलेश के इस बयान पर आलोक कुमार का कहना है कि पहले वह कह रहे थे कि अगर बुलाएंगे तो जाएंगे। अब जब बुलाया तो वह कह रहे हैं जब राम बुलाएंगे ते जाएंगे। अब देखते हैं कि श्रीराम उन्हें बुलाते हैं या नहीं। अगर वह नहीं आए तो समझ जाएंगे कि श्रीराम ने उन्हें बुलाया ही नहीं। यह भी पढ़ें- स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर दिया राम मंदिर से जुड़ा विवादित बयान
स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर दिया राम मंदिर से जुड़ा विवादित बयान

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिंदू धर्म और राम भक्तों के लेकर ज़हर उगला है। नेता अक्सर हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान देते आए हैं। अब उन्होंने कारसेवा में जाने वालों के आराजक तत्व कहा और उनपर हुई फायरिंग को भी सही ठहराया। कारसेवकों पर फायरिंग को दी क्लीन चिट इन दिनों जहाँ देश के हर कोने में राम मंदिर के लिए कारसेवा करने वाले राम भक्तों की लोग पूजा कर रहे हैं उनके संघर्ष की प्रशंसा कर रहे हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम भक्तों को आराजक तत्व कह दिया। वह कहते हैं कि जिस समय अयोध्या में राम मंदिर सो जुड़ी घटना घटी थी उस वक्त बिना कियी न्यायपालिका के आदेश के वहाँ आराजक तत्वों ने तोड़ फोड़ की थी। स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी दे चुके हैं ऐंसे बयान वह आगे तत्कालीन समाजवादी पार्टी के कहने पर कारसेवकों पर होने वाली फायरिंग को भी क्लीन चिट देते हैं। वह कहते हैं तत्कालीन सराकर ने कानून की रक्षा के लिए, संविधान की रक्षा के लिए और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए यह कारवाई कर अपना कर्तव्य पूरा किया था। इसके पहले भी वह रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। साथ ही मौर्य ने ही बयान दिया था कि बौद्ध मठों को तोड़कर ही हिंदू मंदिर बनाए गए हैं। यह भी पढ़ें- शाजापुर में श्रीराम फेरी पर हुआ हमला, जिहादियों ने घरों से बरसाए पत्थर
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने सनातन प्रेमियों से की ये अपील

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर लोगों के बीच छाए रहते है। कभी अपनी शादी से जुड़ा बयान देकर तो कभी किसी नेता को फटकार लगाने पर चर्चे में बने रहते है. आपको बता दें कि शास्त्री जी जितना अपने भक्तों की प्रशंसा करते है, उतना ही उनकी गलतियों पर डांट भी लगाते है. लेकिन सनातन धर्म के प्रती उनका विश्वास और स्नेह हमेशा बना रहता है. आज भी बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कुछ एैसा ही कार्य किया है। जिसे जानने के बाद आपके भीतर उनके प्रती सम्मान और श्रध्दा बढ़ जाएगी. चलिए हम आपको पूरी बात बताते है. दरअसल बात यें है कि बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री ने मंगलवार के दिन बागेश्वरधाम में एक भगवा ध्वज लहराया जिसकी ऊचाई पूरे 111 फिट है. इस भगवा रंग के ध्वज पर सुंदर और सुनहरे अक्षरों में जय हिन्दू राष्ट्र और भगवान राम का नाम लिखा है. आगे कि जानकारी के मुताबिक पंडित धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री ने इस भगवा ध्वज को ‘कपि ध्वज’ नाम दिया है. बागेश्वर धाम पर इस ध्वज के माध्यम से पूरे भारत में हिन्दू राष्ट्र की नींव रखी गई है. साथ ही बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भारत के सभी लोगों से अपील की है कि वह भी अपने घर के ऊपर भगवा ध्वज फहराए। ये भी देखें- Baba Dhirendra Shastri को आया भयंकर गुस्सा, इस नेता को कहा रावण के खानदान वाला।
उस्ताद राशिद खान की मौत का ये है बड़ा कारण

आज हम आपको बताएंगे संगीत के उस सरताज के बारे में जिसकी आवाज का दीवाना कोई ना हो ऐसा हो नहीं सकता। इस गायक का गाया हुआ गाना आओ गे जब तुम साजना सुपरहिट गानों की लिस्ट में सबसे ऊपर नज़र आता है पर इस गाने को गाने वाले संगीतकार उस्ताद राशिद खान अब किसी महफिल में नज़र नहीं आएगा। उसके गाए हर गाने से लोग उसे अपने दिलों में हमेशा याद रखेंगे। उस्ताद का रामपुरा– सहसवान घराने से है ताल्लुक संगीत के उस्ताद राशिद खान का निधन कल कोलकाता के एक अस्पताल में 55 वर्ष की आयु में हो गया है। गायक कैंसर से पीड़ित थे जिसके इलाज के लिए उन्हें 22 नबम्बर को कोलकाता के पीयरलेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद कल उनका निधन हो गया और आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।राशिद रामपुरा – सहसवान घराने से ताल्लुक रखते हैं जिसके संस्थापक उस्ताद इनायत हुसैन खान उनके परदादा लगते थे। उस्ताद राशिद खान के फेमस गाने बचपन से गायक को गाने में थोड़ी बहुत रूची थी जिसक् बाद उन्हें निसार हुसैन खान और गुलाम मुस्तफा खान से संगीत की ट्रेनिंग मिली। अपनी अदभुत कला के कारण उन्हें साल 2006 में पद्मश्री और फिर संगीत नाटक आकादमी पुरूस्कार से नवाज़ा गया था। अगर राशिद के मशहूर गानों की बात की जाए तो उन्होंने आओगे जब तुम ओ साजना, तू बन जा गली बनारस की , अल्लाह ही रहम, काहे उजाड़ी मोरी नींद, तोरे बिना मोहे चौन नहीं, जैसे गाए थे। और यही सदाबहार गानों से उस्ताद राशिद खान भी सभी लोगों के दिल में हमेशा जिंदा रहेंगे। यह भी पढ़ें- अयोध्या की इस बैंक में पैसों की जगह जमा होता है सीता राम नाम