श्री कृष्ण के भक्तों के लिए एक अद्भुत खबर, द्वारका नगरी के दर्शन अब आसान
प्राचीन भारतीय साहित्य और धार्मिक कथाओं के क्षेत्र में हमें हमेशा से ही भगवान श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी के प्रति विशेष आस्था रही है। इस आस्था को मजबूत करते हुए, सरकार ने धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई परियोजनाओं पर काम करना शुरू किया है। काशी विश्वनाथ मंदिर और उज्जैन महाकाल मंदिर के बाद, अब सरकार द्वारका मंदिर का विकास कर रही है और इसके तहत एक सबमरीन प्रोजेक्ट को भी लॉन्च कर रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत, समुद्र की गहराईयों में 300 फीट तक जाकर लोग द्वारका नगरी की यात्रा कर सकेंगे। इस सबमरीन प्रोजेक्ट की शुरुआत हो गई है. सबमरीन प्रोजेक्ट जन्माष्टमी या फिर दिवाली पर लॉन्च किया जा सकता है। इसमें 30 लोगों को समर्थित करने की क्षमता होगी, जो यात्रीगण को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अद्वितीय अवसर देगी। सबमरीन में एयर कंडीशनिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, और सुरक्षा साधनें शामिल होंगी। इस सांस्कृतिक और धार्मिक यात्रा का अनुभव करने के लिए यात्रीगण को विशेष रूप से तैयारी करनी होगी, जो ऑक्सीजन मास्क और स्कूबा ड्रेस के साथ यात्रा करेंगे। सरकार इस परियोजना में विशेष रूप से रियायतें प्रदान करने का प्रयास कर रही है ताकि आम आदमी भी इस अद्वितीय अनुभव का हिस्सा बन सके। इस सबमरीन प्रोजेक्ट के माध्यम से, हम आत्मा को शांति और ध्यान का अद्वितीय अनुभव कराने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं, जो हमें हमारी संस्कृति और धार्मिक विरासत के प्रति और भी आत्मसमर्पण में मदद कर सकता है। कितना होना चाहिए द्वारका नगरी के दर्शन का किराया फिलहाल तो भगवान श्री कृष्ण की द्वारका नगरी के दर्शन के लिए जिस सबमरीन का आयोजन किया जा रहा है उसका किराया तय नही है. गुजरात सरकार ने ये तो बता दिया है कि आने वाली दिवाली तक आयोजन शुरू हो जाएगा पर अभी तक किराए की घोषना नही किए है. लेकिन ये भी सुनने में आया है कि इसका किराया थोड़ा महंगा हो सकता है. आम आदमी को ध्यान में रखते हुए गुजरात सरकार इसमें सब्सिडी जैसी रियायत देगी. ये भी पढ़े- प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैसे सजाया जा रहा है राम मंदिर
प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैसे सजाया जा रहा है राम मंदिर
अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियाँ उच्च गति से चल रही हैं. मंदिर के भूतल पर 14 दरवाजे लगने का कार्य तेजी से चल रहा है, जो सागौन, महाराष्ट्र से आए हुए हैं वह स्वर्ण जड़ित किए जा रहे हैं। 22 जनवरी को राम मंदिर के होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न वीवीआईपी मेहमानों की उम्मीद है। मंदिर के गर्भ गृह का काम लगभग पूरा हो चुका है, और दरवाजे महाराष्ट्र के कुश्तीकरों द्वारा तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें सोने से जड़ित किया जाएगा। मंदिर की नागर शैली में भी निर्माण कार्य हो रहा है, जिसमें लोहा और सीमेंट का प्रयोग नहीं हो रहा है। मंदिर में प्रवेश के लिए चार अलग-अलग गेट होंगे, और सभी दरवाजों पर भारतीय संस्कृति की झांकियां होंगी। मंदिर में पांच मंडपों के गुंबद का आकार बड़ा है और पूरे मंदिर को मकराना संगमरमर से भरा गया है। राम मंदिर के लिए तैयार किए गए दरवाजे सोने से जड़ित होंगे और उन पर विशेष नक्काशीदार डिज़ाइन होगा। ये भी पढ़े- इस बार Rohit sharma की कप्तानी में टीम को मिला इतिहास रचने का मौका राम मंदिर में जो पांच मंडप बन रहे है उनके गुंबद का आकार 34 फीट चौड़ा और 32 फीट लंबा और प्रांगण से ऊंचाई 69 फीट से लेकर 111 फीट तक है. मंदिर की लंबाई 380 फुट, चौड़ाई 250 फुट और चौड़ाई 250 फुट और प्रांगण से 161 फुट ऊंचा है. पूरे गर्भगृह को मकराना के संगमरमर से उकेरा गया है. मंदिर में 392 पिलर है. राम मंदिर के लिए 2100 किलो का घंटा 6 फुट ऊंचा और 5 फुट चौड़ा है. इसे घंटा घूंघरू-घंटी नगरी के नाम से मशहूर जलेसर में तैयार किया गया है. माह दिन-रात काम कर इस घंटे को तैयार करवाया गया है. इसकी लागत 25 लाख रुपये के करीब आई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रद्द कराई राम मंदिर के पास कि बुकिंग एयरपोर्ट का उद्घाटन 30 दिसंबर को होगा और प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन एक हफ्ते पहले होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होटलों की पूर्व-बुकिंग को रद्द करने का निर्देश दिया है ताकि समारोह के समय आए हुए मेहमानों को किसी भी तरह की समस्या ना हो। 31 दिसंबर के श्री राम एयरपोर्ट का आखरी दिन तय किया गया इसी के चलते इसे तेजी से तैयार किया जा रहा था। ये भी पढ़े-राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान विशाल और बहुआयामी है
राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान विशाल और बहुआयामी है
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन भारतीय इतिहास में एक विशेष दिन है, जो एक ऐसे नेता के उत्सव के रूप में चिह्नित है जिसका प्रभाव आज भी गूंजता रहता है। राजनीतिक दायरे से परे, यह उनके द्वारा प्रतिपादित आदर्शों का सम्मान करने और उनके नेतृत्व से प्रेरणा लेने का दिन है। यह एक ऐसे राजनेता की स्थायी विरासत की पुष्टि करता है जिसने भारत की नियति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश के पहले प्रधान मंत्री थे जो चाहते थे कि भारत में शिक्षा का माध्यम मातृ भाषा होनी चाहिए। ऊँची से ऊँची शिक्षा मातृ भाषा के माध्यम से दी जानी चाहिए। ये भी पढ़े- गीता जयंती के महत्व के साथ जानिए क्या है श्रीमद्भगवतगीता का सार अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन समारोह राजनीतिक नेताओं को, पार्टी से जुड़े होने के बावजूद, एकता की भावना से एक साथ आने और पूर्व प्रधान मंत्री द्वारा किए गए सकारात्मक योगदान को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है। यह एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि राज्य कौशल राजनीतिक विभाजन से परे है, और नेता राष्ट्र के व्यापक हित के लिए सामान्य आधार ढूंढ सकते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीति के बाहर की दुनिया राजनीति से परे अटल बिहारी वाजपेयी अपनी वाक्पटुता और काव्यात्मक अभिव्यक्ति के लिए जाने जाते थे। एक प्रतिभाशाली वक्ता, उनके भाषणों में बुद्धि, बुद्धिमत्ता और राजनेता कौशल का एक दुर्लभ मिश्रण होता था। उनके शब्दों में लाखों लोगों को प्रेरित करने और समाज के विभिन्न वर्गों में गूंजने की शक्ति थी। “मेरी इक्यावन कविताएँ” जैसे संग्रहों में प्रकाशित वाजपेयी की काव्य रचनाएँ, नेता के एक नरम, अधिक चिंतनशील पक्ष को प्रदर्शित करती हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के कुछ खास उद्देश्य ये भी पढ़े- इस बार Rohit sharma की कप्तानी में टीम को मिला इतिहास रचने का मौका
इस बार Rohit sharma की कप्तानी में टीम को मिला इतिहास रचने का मौका
भारतीय क्रिकेट टीम, रोहित शर्मा ( Rohit sharma) के नेतृत्व में, साउथ अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने की तैयारी में है। पहला टेस्ट मैच कल (26 दिसंबर) से सेंचुरियन में होगा, जबकि दूसरा टेस्ट मैच 3 जनवरी से केपटाउन में खेला जाएगा। टीम ने पहले सूर्यकुमार यादव के कप्तानी में तीन मैचों की टी20 सीरीज को 1-1 से ड्रॉ करके पूरा किया, फिर केएल राहुल के नेतृत्व में तीन मैचों की वनडे सीरीज को 2-1 से जीता। हालांकि, टीम का रिकॉर्ड अफ्रीका के खिलाफ बेहद निराशाजनक है, क्योंकि अब तक उन्होंने यहां कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। इस सफलता का अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों में सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, और सौरव गांगुली शामिल हैं। इस बार रोहित शर्मा (Rohit sharma) के कप्तानी में टीम को इतिहास रचने का मौका है, भारतीय टीम ने अब तक साउथ अफ्रीका में 8 द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज खेलीं हैं, जिनमें से 7 हार और 1 ड्रॉ है। ये भी पढ़े- क्रिसमस के दिन लोग कैसे मांगते है सांता से उपहार यदि हम टेस्ट मैचों की बात करें, तो भारतीय टीम ने यहां 23 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से 4 जीते, 12 हारे और 7 ड्रॉ हैं। इससे साफ है कि टेस्ट मुकाबलों में भी भारतीय टीम को कठिनाईयों का सामना करना होगा, लेकिन रोहित शर्मा के नेतृत्व में टीम ने पहले ही सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया है और वे आगे बढ़ने के लिए पूरी तैयारी में हैं। इस बार भारतीय फैंस की नजर टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर ही है। भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टेस्ट टीम- रोहित शर्मा (कप्तान), जसप्रीत बुमराह (उपकप्तान), केएस भरत (विकेटकीपर), शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, ऋतुराज गायकवाड़, केएल राहुल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार और प्रसिद कृष्णा. दोनों टीमों के बीच के मुकाबलें कुल टेस्ट सीरीज- 15अफ्रीकी टीम जीती- 8भारतीय टीम जीती- 4ड्रॉ- 3 ये भी पढ़े- नए साल (NEW YEAR) पर अब लोग नहीं कर सकेंगे आवारा गर्दी