26 एथलीट्स को दिए जाएंगे अर्जुन अवॉर्ड, क्रिकेटर मोहम्मद शमी
इस साल मिलने वाले खेल अवॉर्ड्स के लिए एथलीट्स के नामों का ऐलान हो गया है। सबसे बड़ा सम्मान, खेल रत्न अवॉर्ड, बैडमिंटन की स्टार जोड़ी चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी को मिलेगा। अर्जुन अवॉर्ड के लिए स्टार क्रिकेटर मोहम्मद शमी भी शामिल होंगे। यह सम्मान 9 जनवरी 2024 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित प्रोग्राम के दौरान प्रदान किए जाएंगे, जिसकी घोषणा खेल मंत्रालय ने की है। आपको बता दें क्रिकेटर में केवल मोहम्मद शमी का ही नाम शामिल है। ये भी पढ़े- जिस पत्थर की कर रहे थे सदियों से पूजा वो निकला डायनासोर का अण्डा इसी के साथ खेल का सबसे बड़ा सम्मान खेल रत्न अवॉर्ड से चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी को सम्मानित किया जाएगा। सभी अवॉर्ड्स खिलाड़ियों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्रदान किए जाएंगे, और इन चयनों पर समितियों की सिफारिशों और उचित जांच के आधार पर सरकार ने निर्णय लिया है। राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों में ब्लाइंड क्रिकेट के खिलाड़ी को अर्जुना कुमार और पैरा कैनोइंग में प्राची यादव के साथ-साथ पुरे 26 खिलाड़ीयों को अर्जुना पुरस्कार दिए जाएंगे। क्रिकेटर मोहम्मद शमी के अलावा 25 और खिलाड़ी ओजस प्रवीण देवताले-तीरंदाजीअदिति गोपीचंद स्वामी-तीरंदाजीश्रीशंकर-एथलेटिक्सपारुल चौधरी-एथलेटिक्समोहम्मद हुसामुद्दीन-एथलेटिक्सआर वैशाली-शतरंजमोहम्मद शमी- क्रिकेटअनुश अग्रवाल-घुड़सवारीदिव्यकृति सिंह – घुड़सवारी ड्रेसेजदीक्षा डागर-गोल्फकृष्ण बहादुर पाठक – हॉकीसुशीला चानु – हॉकीपवन कुमार – कबड्डीरितु नेगी – कबड्डीनसरीन – खो-खोपिंकी – लॉन बॉल्सऐश्वर्या प्रताप सिंह तोमर-शूटिंगईशा सिंह – शूटिंगहरिंदर पाल सिंह-स्क्वैशअयहिका मुखर्जी-टेबल टेनिससुनील कुमार-रेसलिंगअंतिम-रेसलिंगरोशीबिना देवी-वुशुशीतल देवी-पैरा आर्चरीअजय कुमार-ब्लाइंड क्रिकेटप्राची यादव-पैरा कैनोइंग ये भी पढ़े- बॉलीवुड छोड़ राजनीति में उतरेंगी कंगना रनौत
बॉलीवुड छोड़ राजनीति में उतरेंगी कंगना रनौत
बॉलीवुड में अपना जलवा बिखेरने के बाद कंगना रनौत अब जारनीति में तहलका मचाने आ रही है। ‘Queen’ और Tanu Weds Manu जैसी ब्लॉकबास्टर फिल्मों में काम करने के बाद कंगना ने बॉलीवुड में एक अलग ही पहचान बना ली है। Queen अब राजनीति के मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। चर्चा में है कि कंगना रनौत लोकसभा चुनाव में भाग लेंगी, जिसे उनके पिता अमरदीप रनौत ने कन्फर्म किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि कंगना भाजपा पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी, लेकिन चुनावी क्षेत्र का निर्धारण पार्टी करेगी। कंगना ने भगवान की कृपा के साथ गुजरात के द्वारका में मीडिया से बातचीत करते हुए यह भी कहा है कि वह चुनाव लड़ेंगी, और इसके बाद से ही राजनीतिक खबरें बढ़ीं। हाल ही में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में भाग लिया और फिर मनाली वापस गईं। आपको बता दें की कंगना हिमाचल प्रदेश के भांबला गांव की रहने वाली हैं, लेकिन अब वह अपने मनाली के नए घर में परिवार के साथ रहती है। उनकी मुलाकात भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से हुई थी जिससे चुनाव की चर्चाएं और बढ़ीं। ये भी पढ़े- जिस पत्थर की कर रहे थे सदियों से पूजा वो निकला डायनासोर का अण्डा पिता ने भी किया ये दावा उनके पिता ने मीडिया को बताया कि उनकी बेटी भाजपा के टिकट पर ही चुनाव लड़ेंगी, लेकिन यह किस सीट से होगा, यह पार्टी फैसला करेगी। हालाकि अनुमान लगाया जा रहा है कि गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ या फिर हिमाचल प्रदेश से चुनाव लड़ सकती है. कंगना का परिवार हमेशा से बीजेपी का समर्थन करता आया है और उन्होंने अब तक इंडस्ट्री में ग्लैमर और राजनीतिक क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है। उनकी आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ में वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रोल में नजर आएंगी। ये भी पढ़े- अब स्कूल अपनी मर्जी से नहीं बना सकेंगे छात्रों को सांता क्लॉज
अब स्कूल अपनी मर्जी से नहीं बना सकेंगे छात्रों को सांता क्लॉज
दिसम्बर का महीना है और क्रिसमस का त्योहार भी करीब है। ऐसे में हम अकसर देखते आए हैं कि इस ईसाई पर्व के समय प्राईवेट स्कूलों द्वारा बच्चों को सांता क्लॉज जैसी वेशभूषा पहना दी जाती है। ये कभी बच्चों की सहमति से होता था तो कभी जबरदस्ती और जिसमें उनके माता- पिता की सहमति की बात तो आती ही नहीं थी पर अब ऐसा नहीं होगा। जी हाँ अब मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में कोई प्राईवेट सांस्था ऐसा नहीं कर सकेगी। यानि की अब स्कूल्स अपनी इच्छा से बच्चों को सांता क्लॉज नहीं बना पाएंगे। शाजापुर जिले में फरमान जारी मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में शिक्षा विभाग द्वारा क्रिसमस के इस ईसाई त्योहार से पहले एक फरमान जारी किया है। इस फरमान के मुताबिक अब कोई भी निजी संस्था अभिभावकों की लिखित अनुमति के बिना छात्रों को सांता क्लॉज की वेशभूषा नहीं पहना सकती। ये भी पढ़ें- जिस पत्थर की कर रहे थे सदियों से पूजा वो निकला डायनासोर का अण्डा छात्रों को सांता क्लॉज बनाने पर होगी कारवाई जिला शिक्षा विभाग अधिकारी विवेक दुबे के नाम से जारी किए गए पत्र में लिखा है कि यदि कोई भी अशासकीय स्कूल बिना माता- पिता की लिखित अनुमति के बच्चों को सांता क्लॉज की वेशभूषा पहनाकर उन्हें पर्व स् जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा दिलाता है तो उस स्कूल पर अनुशासनात्मक कार्यवाई की जाएगी।बतादें कि यह पत्र जिले के सभी अशासकीय स्कूलों के लिए जारी किया गया है इसपर जिला शिक्षा विभाग का कहना है कि स्कूलों में जबरदस्ती छात्रों को विशेष त्योहार की वेशभूषा पहनाई जाती थी जिसके कारण एक अप्रिय सी स्थिति पैदा हो जाती थी इसलिए ही विभाग द्वारा यह पत्र जारी किया गया है। सामने आए थे कई धर्मपरिवर्तन के मामले दरअसल आप को बतादें कि मध्य प्रदेश में ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्म परिवर्तन करने के भी कई मामले सामने आए थे जिनमें कहीं बच्चों को बाइबल पढ़ाई जा रही थी तो कभी ईसाई तौर तरीके सिखाए जा रहे थे। वहीं ऐसे भी कई मामले सामने आए थे जब ईसाई धर्म के लोगो द्वारा गरीब परिवारों को धन का लालच लेकर उनका धर्म परिवर्तन कराया गया था। इन सभी मामलों को देखते हुए अब बच्चों के अभिभावकों को भी चिंता रहने लगी है जिसपर अब ये फैसला उनको राहत दिलाने वाला साबित हो सकता है। ये भी पढ़ें- आदिपुरूष के बाद अब हनुमान फिल्म पर हो सकता है विवाद
जिस पत्थर की कर रहे थे सदियों से पूजा वो निकला डायनासोर का अण्डा
आज कल कुछ भी हो सकता है कुछ भी आप सोचियें एक पत्थर जिसकी आप सदियों से पूजा कर रहे हैं अचानक पता चले कि वह एक डायनासोर का अण्डा है। उस पत्थर से आपकी जो श्रद्धा है क्या वही खत्म हो जाएगी। ये कोई कहानी नहीं है एैसा सच में हुआ है। आपको बता दें कि धार जिले के पाड़लिया गांव में हुए एक अजीबोगरीब मामले की चर्चा हो रही है। गांव वाले सालों से जिन पत्थरों को कुल देवता मानकर पूजा अर्चना कर रहे थे, वह करोड़ों वर्ष पहले के डायनासोर के अंडे निकले हैं। नर्मदा घाटी का यह इलाका करोड़ों वर्ष पहले डायनासोर युग से जुड़ा है और करीब 6.5 करोड़ साल पहले डायनासोर के क्षेत्र के रूप में जाना जाता था। हालांकि, अब प्रशासन ने इस अजीबोगरीब मामले में सहायक होने के लिए अंडों की जांच शुरू की है। स्थानीय डायनासोर विशेषज्ञ विशाल वर्मा ने बताया कि हाल ही में तीन वैज्ञानिकों का वर्कशॉप हुआ था, जिसमें वे गांव के लोगों द्वारा पूजे जाने वाले 18 सेंटीमीटर व्यास के गोल पत्थरों की जांच करने में संलग्न थे। ये भी पढ़े- एक दिन के अंदर देश भर में कोरोना से हुई 500 मौत वैज्ञानिकों ने की पत्थर की जांच वैज्ञानिक डॉ. महेश ठक्कर, डॉ. विवेक वी कपूर, और डॉ. शिल्पा ने गांव वालों के इस अनोखे पूजा-पाठ को देखकर हैरानी जताई। जांच में पता चला कि गोल पत्थरों की आकृति वास्तव में डायनासोर के अंडों की है, जिसे गांव वाले देवता मानकर पूजते थे। ग्रामीण वेस्ता पटेल ने बताया कि गोल पत्थरों में उनके काकर भैरव वास करते हैं और यह देव पूरे गांव पर कोई संकट नहीं आने देते हैं। लखनऊ से आई वैज्ञानिक टीम ने इस अनोखे मामले की जांच करते हुए पता लगाया कि नर्मदा घाटी के क्षेत्र में डायनासोर के फॉसिल्स जगह-जगह दबे-बिखरे पड़े हैं। मांडू में इसी उद्देश्य से पार्क बनाया जा रहा है ताकि फॉसिल्स को संरक्षित किया जा सके। ये भी पढ़ो-आदिपुरूष के बाद अब हनुमान फिल्म पर हो सकता है विवाद