Aayudh

पवित्र प्रेम का प्रतीक है रक्षाबंधन का पर्व

किसी को अपने भाई का इंतजार है तो किसी को भाई को राखी बांधने के लिए घर जाने की जल्दी. रक्षा बंधन आते ही हर तरफ खुशियों का मौहौल होता है. जो भाई या बहनें आपस में मिल नहीं पाते उन भाईयों को इंतजार रहता है राखी का. बहनें बहुत प्यार से लिफाफे में राखी के साथ भरती हैं अपना ढेर सारा प्यार और भाई की लंबी आयु की कामना. आज हर बहन के साथ उसका भाई तो मौजूद नहीं होता है इसलिए आज हर भाई अपनी बहन को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है. मामूली से दिखने वाले धागे में होती है असीम शक्ति : यूं तो राखी का धागा दिखने में एक धागा मात्र होता है पर इसमें किसी भी बाधा से बचाने की शक्ति होती है. कई लोग परमात्मा को साक्षी मानकर भाई के रूप में राखी बांधते हैं. भगवान भी उनहें रक्षा करने का वचन देते हैं. राखी बांधने से पहले तिलक लगाना इस बात का सूचक है की जब इस कलियुग रूपी रात्रि में आत्मायें परमात्मा को पवित्र रहने का वचन देती हैं तब उन्हें स्वराजय का टीका यानि आने वाली सतयुगी दुनिया में उंच पद पाने के अधिकार मिल जाता है. मुख मीठा कराने का अर्थ होता है सर्व वरदानों से भरपूर कर देना. जब पांच विकारों काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार को मनुष्य त्याग देता है तब सच्ची राखी होती है.