पवित्रता की प्रतिज्ञा करना ही सच्ची राखी मनाना है
राखी सिर्फ एक धागा नहीं है बल्कि पवित्रता की प्रतिज्ञा करना है. एक परमात्मा की याद में रहना ही सच्ची राखी मनाना है. भोपाल के राजयोग भवन में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. सभी को रक्षा सूत्र बांधकर परमात्मा शिव की याद में रहने और अपने जीवन में दिव्य गुणों की धारणा करने का संदेश दिया. बी.के. आकृति दीदी ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताया: बी.के. आकृति दीदी ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करते हुए बताया कि जब बहनें भाई को तिलक लगाए तो आत्मिक स्मृति का तिलक लगाए. सभी के प्रति आत्मिक दृष्टि हो. जब बहनें भाइयों को राखी बांधे तो वह रक्षा सूत्र सिर्फ एक के लिए नहीं हो बल्कि सभी को एक सूत्र में पिरोने के लिए हो. भाई संसार की हर बहन और बेटी का सम्मान करें. मिठाई खिलाने का अर्थ है अपनी सोच, बोल और कम से हर किसी को सुख देना और सब के प्रति शुभ भावना रखना. रक्षा बंधन का पर्व वसुधैव कुटुंबकम् को फिर से जागृत करने का पर्व है. सभी ने रक्षा बंधन पर प्रतिज्ञा की जो इस प्रकार है: