Aayudh

युवाओं के सहयोग से भारत फिर से बनेगा विश्व गुरु: राजयोगिनी अवधेश दीदी

कहा जाता है की देश का भविष्य युवाओं के कंधे पर निर्भर करता है. युवा अगर ठान ले तो पत्थर को भी पारस बना देता है. अंतराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश भोपाल के अरेरा कॉलोनी स्थित राजयोग भवन में ब्रह्माकुमारी के युवा प्रभाग और सरकार के संयुक्त तत्वाधान में “ईयर ऑफ पॉजिटिव चेंज” के अंतर्गत युवाओं के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मुख्य अथिति के तौर पर नेहरू युवा केंद्र के स्टेट डायरेक्टर डॉ. सुरेंद्र शुक्ला जी मौजूद रहे और साथ ही “मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग” की सदस्य डॉ. निशा श्रीवास्तव भी उपस्थित रहीं.  युवा स्वरोजगार को अपनाकर भारत का परचम विश्व में लहरा रहा है: डॉक्टर सुरेंद्र शुक्ला नेहरू युवा केंद्र के स्टेट डायरेक्टर डॉ. सुरेंद्र शुक्ला ने कहा की आज युवा स्वरोजगार के नए अवसर ढूंढ रहा है. उन्होंने कहा की आज का युवा किसी पर निर्भर नहीं है. सबसे अच्छी बात ये है की युवा वर्ग विदेशों की ओर पलायन नहीं कर रहा है. युवा आज उद्यमशीलता के जरिए ना सिर्फ स्वयं को आत्मनिर्भर बना रहा है बल्कि रोजगार के अवसर दे रहा है. स्वप्न, योजना और कार्य के संगम से मिलेगी सफलता: डॉ. निशा श्रीवास्तव मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निशा श्रीवास्तव ने कहा कि जब हम कोई सपना देखते हैं तो उसे पूरा करने के लिए सही योजना बनाना बेहद जरूरी है. सिर्फ योजना बनाई और उसे कार्य में नहीं लगाया तो  बात नहीं बनेगी यानि स्वप्न, योजना और कार्य के समावेश से सफलता जरूर मिलती है. इसके अलावा उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आप चाहे कितने भी ऊंचे पद पर पहुंच जाएं पर अपने अंदर की विनम्रता को हमेशा बनाए रखें. उन्होंने इंटरव्यू देने के लिए  युवाओं को कुछ टिप्स भी दिए. उन्होंने कहा कि हमारा चेहरा मन का दर्पण होता है. हमारे चेहरे से सकारात्मक दिखाई देनी चाहिए. दूसरा उन्होंने बताया कि परिवेश बहुत जरूरी है. हमारा पहनावा बहुत शालीन होना चाहिए. तीसरा हमारी बॉडी लैंग्वेज ढीली डाली नहीं होनी चाहिए. हमारी बॉडी लैंग्वेज से आत्मविश्वास झलकनी चाहिए. चौथा उन्होंने बताया कि हमारी बात करने का तरीका बहुत ही सहज होना चाहिए. जिस विषय के लिए हम जा रहे हो उस विषय पर हमारी मजबूत पकड़ होनी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि शिक्षा ही किसी समाज को सशक्त बनाने का सबसे अच्छा माध्यम है। जो समाज शिक्षित है वह समाज अपने आप  ही सशक्त हो जाता है. अच्छा देखने का चश्मा पहन लो तो सब अच्छा ही दिखाई देगा: बीके सुनीता दीदी ब्रह्माकुमारीज युवा प्रभाग की सब जोनल कोऑर्डिनेटर बी.के. सुनीता दीदी ने भी युवाओं को प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि जो युवा असफल होते हैं वो सोचते हैं कि वह कुछ नहीं कर सकते. हमें खुद पर विश्वास नहीं होता है। उन्होंने कहा कि युवा को उल्टा करने पर वायु होता है।  युवा के अंदर वायु जितनी शक्ति है। युवाओं में तूफान के रुख को भी मोड़ने की ताकत होती है. उन्होंने कहा कि आज हम अपने भाग्य की रेखा दिखाने के लिए किसी पंडित के पास जाते हैं पर क्या उसे हमारा भाग्य बदल जाएगा. उन्होंने कहा कि आज टेंशन में आकर का युवा गलत चीजों में फंस जाते हैं। टेंशन के आगे और लगा देने से अटेंशन हो जाता है. अगर पढ़ाई में अच्छा करना है तो टेंशन लेने से कुछ नहीं होगा. अटेंशन देना शुरू कर दे. जिस तरह हम मोबाइल को चार्ज करते हैं वैसे हमें स्वयं को भी चार्ज करना है. आत्मविश्वास से हम अपनी ईच्छाशक्ति बढा सकते हैं. आध्यात्मिक ज्ञान और मेडिटेशन के द्वारा खुद को चार्ज कर सकते हैं। विवेकानंद का उदाहरण भी दिया और कहा कि उनका कहना था कि हमें 100 युवा भी मिल जाए आज तो भारत विश्व गुरु बन जाएगा। करियर में सफल होने के लिए उन्होंने कुछ टिप्स दीजिए जो इस प्रकार हैं: 1. जब तक जीना है तब तक सीखना है. 2. हर परीक्षा मेरे लिए उन्नति की सीढ़ी है. 3. सच्चाई के मार्ग पर चलना है क्योंकि सच की नांव हिलेगी डूलेगी लेकिन डूबेगी नहीं। 4. जो मिला है उसका शुक्रिया करना शुरू करो. 5.अच्छा  देखने का चश्मा पहन लो तो सदा अच्छा ही दिखाई देगा। राजयोग से बढ़ती है हमारी एकाग्रता: बी.के सक्षम सॉफ्टवेयर इंजीनियर बी.के. सक्षम ने सभी से अपने अनुभव साझा किए. बताया कि मैं पिछले पांच-छह सालों से राजयोग का अभ्यास कर रहा हूं. मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं. मेडिटेशन के नियमित अभ्यास से आपके चेहरे और संपूर्ण व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन आने लगता है. आप सभी 3 महीने राजयोग का अभ्यास करके जरूर देखें. कैसी भी परिस्थिति आ जाए लेकिन आपका व्यक्तित्व बहुत प्रभावशाली बन जाएगा. शरीर कितना भी बूढा हो जाए मन को सदा जवान रखें. ये कहना था अवधेश दीदी का. उन्होंने युवाओं की वर्तमान सिथ्ति पर चिंता जताते हुए कहा कि आज छोटी सी बात में युवा गलत फैसला ले लेता है। आत्महत्या के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं. किसी ने कुछ कह दिया तो बच्चा आत्महत्या कर लेता है. अपने जीवन को खत्म करना किसी समस्या का समाधान नहीं है. भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने की जिम्मेदारी युवाओं के कंधों पर है. आज युवाओं के अंदर से पवित्रता की शक्ति खत्म होती जा रही है. उन्होंने कहा कि युवा अगर सही मार्ग पर आ जाए तो भारत फिर से विश्व गुरु बन जाएगा. इसके अलावा बी.के. ममता दीदी ने भी सबकी को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हम चलेंगे गिरेंगे दौड़ेंगे लेकिन रुकेंगे नहीं। उदाहरण देते हुए बताया कि सूर्य भी धीरे-धीरे निकलता है तो किसी का भी उदय अचानक नहीं होता। हमें कभी भी हार नहीं मानना है। इसके अलावा बी.के. आकृति दीदी ने सभी को सभी को ब्रह्माकुमारी युवा प्रभाग द्वारा देशभर में की जा रही सेवाओं से अवगत कराया। उन्होनें बताया कि युवाओं के सशक्तिकरण के लिए संस्था लगातार प्रयासरत है। साइकिल यात्रा पदयात्रा समय-समय पर युवाओं द्वारा निकाल कर शांति, एकता और भाईचारा का संदेश दिया जाता है. बी.के. ओम भाई ने “युवा जागो” गीत पर  सुंदर नृत्य प्रस्तुत कर युवाओं को जोश से लबरेज कर दिया।  बी.के. खुशबू दीदी ने सभी को संस्था का

सीआरपीसी बिल में किए गए बड़े बदलाव, लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया संशोधित बिल:

लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संघिता 1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा2023, भारतीय साक्ष्य बिल 2023 पेश किए। नए कानून के हिसाब से इन बिल का मकसद अपराध को बढने से रोकना और न्याय दिलाना है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा की “जिस अपराध में 7 साल से अधिक की सजा होनी हो उसके लिए घटनास्थल पर जांच के लिए फारेन्सिक टीम मौजूद होनी चाहिए.  उन्होंने कहा की  2027 तक देश के सभी अदालतों को कंप्यूटराइज्ड करना चाहती है।  मॉब लिचिंग के केस में भी 7 साल की उम्र कैद या सजाए मौत हो सकती है। उन्होंने महिला अपराध पर कङा हुए कहा की महिलाओं के साथ अट्याचार करने वाले अपराधी को कङी सजा दी जाएगी.  सामूहिक बलात्कार के लिए 20 साल की सजा की गारंटी है और 18 साल से कम उम्र की किसी भी महिला के साथ दुष्कर्म होने पर मौत की सजा सुनिश्चित की जायेगी। भारतीय दंड संहिता 1860 और उसमें किए गए संशोधन: भारतीय दंड संहिता अंग्रेजी शासन के दौरान 1860 में लाई गई थी। इसके अनुसार राज्य के अस्तित्व को सुरक्षित रखने और सुरक्षित रखने और संरक्षित करने के प्रावधान हैं और राज्य के खिलाफ अपराध के मामले में मौत की सजा या आजीवन कारावास और जुर्माने की सबसे कठोर सजा देने का प्रावधान है। नए कानून के हिसाब से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने का भाव है. इसका मकसद  अपराधी को सजा दिलाने से ज्यादा उन्हें उनकी गलती का एहसास कराना है. भारतीय न्याय संहिता 2023 के अनुसार दंड संहिता को न्याय संहिता में परिवर्तित कर दिया गया है। इसके अनुसार 22 प्रावधान पूर्व आईपीसी धारा के हैं जबकि 175 प्रावधानों में संशोधन किया गया है और 9 नए अनुभाग शामिल किए गए हैं। इस बिल में कुल 356 प्रावधान हैं। नए बिल के अनुछेद 150 में भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना है. दंड प्रक्रिया संहिता 1898 और उसमें किए गए संशोधन: दंड प्रक्रिया संहिता  1898 में अस्तित्व में आया था। इसमें कुल 37 अध्याय और 484 धाराएं शामिल हैं। इस संहिता की मुख्य विशेषता ये थी की ये न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग करना है। इस बिल का मुख्य लक्ष्य भारतीय समाज को सही तरीके से चलाना था.  अब इसकी जगह पर भारतीय नागरिक सुरक्षा 2023 को लाया गया है। इसमें नए बिल में 5 पूर्व प्रावधान और 23 प्रावधानों में बदलाव किए गए हैं और एक नया प्रावधान शामिल किया गया है। इसमें कुल 170 अनुभाग शामिल हैं। भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 और उसमें किए गए संशोधन: भारतीय साक्ष्य अधिनियम के पूर्व के प्रावधान के अनुसार धारा 60 के अनुसार यदि मामले के तथ्यों के बारे में अदालत में एक गवाह द्वारा कोई भी मौखिक सबूत दिया जाता है। धारा 65 बी के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड सबूत के रूप में स्वीकार्य हैं। नए बिल में किए गए प्रमुख बदलाव: नई सीआरपीसी में 356 धाराएं होंगी जबकि पहले उसमें कुल 511 धाराएं होती थी. सबूत जुटाने के टाइव वीडियोग्राफी करनी जरूरी होगी. किसी भी तरह के गैंग रेप के लिए 20 साल की सजा या उर्म कैद की सजा होगी. जिन भी धाराओं में 7 साल से अधिक की सजा है वहां पर फॉरेंसिक टीम सबूत जुटाने पहुंचेगी. पीङीत अपराध की रिपोर्ट देश के किसी भी थाने में दर्ज करा सकता है. 3 साल तक की सजा वाली धाराओं का समरी ट्रायल होगा. शादी का झांसा देकर रेप के लिए अलग से प्रावधान बनाए गए हैं. 90 दिनों के अंदर चार्जेशीट दाखिल करनी होगी और 180 दिनों के अंदर हर हाल में जांच समाप्त की जाएगी. सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अगर कोई मामला दर्ज है तो 120 दोनों के अंदर अनुमति देनी जरूरी है. घोषित अपराधियों की संपत्ति की कुर्क की जाएगी. संगठित अपराध में कठोर सजा सुनाई जाएगी. गलत पहचान देकर यौन संबंध बनाने वालों को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा. गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास की सजा होगी. 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ यौन शोषण मामले में मौत की सजा का प्रावधान जोड़ा जाएगा.