क्या Seema Haider के वजह से हो रहे है पाकिस्तान में मंदिरों पर हमले?
पाकिस्तान मे अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमला कोई नई बात नहीं है, पर ऐसा लगता है की Seema Haider के वजह से हमलों में इतनी तेजी आई है। पाकिस्तान: 14 जुलाई की देर रात कराची के मरी माता मंदिर को जमींदोज कर दिया गया था। स्थानीय लोगों का कहना है की जब बिजली भी नहीं थी तब भारी पुलिस की तैनाती में मंदिर परिसर को ऐसे गिराया गया की बस बाहरी दीवार और दरवाजा बच गया। दूसरे हमले में पाकिस्तानी समाचार आउटलेट डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 16 जुलाई, रविवार की सुबह सिंध के काशमोर क्षेत्र में डकैतों के एक गिरोह ने रॉकेट लॉन्चर से एक हिंदू मंदिर पर हमला किया। हमलावरों ने कथित तौर पर हिंदू विश्वासियों को निशाना बनाया क्योंकि उन्होंने मंदिर और आसपास के हिंदुओं के घरों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। पुलिस का अनुमान है कि हमले में आठ से नौ बंदूकधारी शामिल थे। ये रॉकेट फट नहीं पाया इसलिए कोई हताहत की खबर नहीं आई। हालांकि पाकिस्तान मे अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमला कोई नई बात नहीं है, पर ऐसा लगता है की Seema Haider के वजह से ये हमले इतने ज्यादा हो रहे है। कौन है Seema Haider? 4 बच्चों की माँ सीमा हैदर मई मे सबसे छुप कर पाकिस्तान से भारत अपने प्रेमी के साथ रहने आई थी। वो नोएडा के सचीन मीना के साथ रह रही थी। इसके बाद दोनों से यूपी की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (UP ATS) ने पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के बाद मुंबई पुलिस को एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया, जिसने सीमा हैदर के देश नहीं लौटने पर 26/11 जैसे आतंकी हमले की धमकी दी। रिपोर्टों के अनुसार, 12 जुलाई, 2023 को मुंबई पुलिस यातायात नियंत्रण कक्ष को कॉल प्राप्त हुई थी। कॉलर, जो शुद्ध उर्दू में बात कर रहा था, ने कथित तौर पर कहा कि 26/11 के विनाशकारी मुंबई हमलों के समान संभावित आतंकवादी हमले होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉल एक ऐप के जरिए की गई थी और पुलिस कॉल करने वाले के आईपी एड्रेस को ट्रैक करने की कोशिश कर रही थी। पाकिस्तान के मानव अधिकार आयोग (HRCP) ने भी कहा है की सिंध के कई इलाकों से 30 हिंदुओं को अगवा किया गया है जिनमे ज्यादा औरतें और बच्चें शामिल है। कथित तौर पर इन्हे संगठित आपराधिक गिरोहों द्वारा बंधक बनाया गया है। उन्होंने और बताया की, “इसके अलावा, हमें परेशान करने वाली रिपोर्टें मिली हैं कि इन गिरोहों ने उच्च श्रेणी के हथियारों का उपयोग करके समुदाय के पूजा स्थलों पर हमला करने की धमकी दी है।” अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की प्रतिक्रिया कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने भारत में वक्त बेवक्त अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए सवालिया निसान लगाए है। 2022 में आई United Nations Human Rights Council की Universal Periodic Review Process के ज़रिए अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने और कमजोर समूहों की सुरक्षा करने को कहा गया था। अब ये देखना है की कौन सी अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस पर पाकिस्तान के अल्पसंखयक हिंदुओं के रक्षा के लिए सामने आती है। ये भी पढ़ें: France Protest के जगह मणिपुर पर चर्चा कर रही है यूरोपीय संसद https://aayudh.org/eu-meeting-on-manipur-riots-instead-of-france-protest/
लालच देकर किया आदिवासियों का धर्मपरिवर्तन,50 को बनाया क्रिश्चियन
गरीब और भोले आदिवासियों का धर्मपरिवर्तन कराने वाले दो आरोपी गिरफ्तार.धुलकोट,नेपानगर,चिड़ियापानी सहित अन्य क्षत्रो को किया टारगेट. अभी तक 50 आदिवासियों को बनाया क्रिश्चियन .मुख्य आरोपी ने भोपाल में ली थी पास्टर बनने की ट्रेनिंग. भोपाल में करी पास्टर बनने की ट्रेनिंग धूलकोट का रहने वाला युवक भाऊलाल सिंह दो साल पहले भोपाल आया.भोपाल में भाऊलाल ने पास्टर बनने की ट्रेनिंग ली.पास्टर अपने सहियोगी भाया उर्फ़ भैयालाल पिता थान सिंह के साथ मिलकर करता था धर्मपरिवर्तन. ऐसा करता था आदिवासियों का धर्मपरिवर्तन आरोपियों ने धुलकोट,नेपानगर,चिड़ियापानी समेत कई आदिवासी क्षेत्रों में लोगों को लालच देकर उनका धर्म परिवर्तित कर वाया. आरोपी आदिवासियों को पैसों का लालच देकर, या बीमारियों और विपदाओं के नाम पर डरा कर क्रिश्चियन धर्म क़ुबूल करवाते थे. एसपी ने बताया कि भाया उर्फ़ भैयालाल व भाऊलाल पिता टेमरलाल सिंह लालच देते थे. दोनों एक माह से गावों में घूम घूमकर धर्म बदलने के लिए लोगों को तंग करते थे.धर्मसभाएं लेकर 50 लोगों को चर्च में प्रार्थना करने को ले जाते थे. पुलिस ने आदिवासियों का धर्मपरिवर्तन कराने वाले आरोपियों से पूछ ताछ की.जिसके बाद दोनों ने ही अपना अपराध क़ुबूल कर लिया है. पुलिस को आरोपियों के पास से धार्मिक किताबें,प्रवचन के पत्र मिले.बेंजामिन ने किया धर्म परिवर्तन
ट्रेन से यात्रा करने वाले जान लें ,रेलवे बोर्ड का नया नियम
अगर आप भी ट्रेन से सफ़र करते हैं तो आपको रेलवे बोर्ड का नया नियम जानना ज़रूरी है .रेलवे बोर्ड द्वारा आदेश जारी किया गया कि ट्रेन चलने के 10 मिनट बाद तक यदि यात्री अपनी सीट पर नहीं पहुँचता तो टिकेट की मान्यता नही रहेगी. साथ ही उसकी सीट अन्य यात्री को आवंटित कर दी जाएगी.उसमे बदलाव भी नहीं होगा और न ही सुनवाई की जाएगी.क्योंकि ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की होगी. 10 मिनट में पहुँचना होगा सीट पर अभी तक ऐसा हुआ करता था कि ट्रेन में आरक्षित कोच में सफ़र करने वाले व्यक्ति कई बार जल्दबाजी में या फिर सहूलियत के लिए अन्य कोच में बैठ जाया करते थे. वह दो या तीन स्टेशन निकलने के बाद अपनी आरक्षित सीट पर जाते थे.पर अब ऐसा नहीं होगा. पहले टीटीई दो या तीन स्टेशन तक यात्री का इंतज़ार करते थे पर अब ऐसा नहीं होगा.रेलवे ने अब लगभग हर ट्रेन में टिकट चेकर स्टाफ हैण्ड हेल्ड टर्मिनल (HHT) उपलब्ध करा दी है. रेलवे बोर्ड का नया नियम जिसके द्वारा टीटीई यात्रियों की उपस्तिथि दर्ज कर देते हैं.अब यदि ट्रेन के चलने के दस मिनट तक यात्री अपनी सीट पर मौजूद नहीं मिलता तो वह सीट वेटिंग में चल रहे यात्री को दे दी जाएगी. एक टीटीई ने बताया कि मशीन देने से पहले मैन्युअल चार्ट बनता था जिसमे 15 मिनट या एक स्टेशन निकलने तक का इंतज़ार करते थे और अब महज़ दस मिनट ही रह गए है.हालाँकि भीड़ भाड़ में टीटीई स्टाफ को यात्रिओं तक पहुँचने में ज्यादा समय लग सकता है.
France Protest के जगह मणिपुर पर चर्चा कर रही है यूरोपीय संसद
France Protest के बजाय यूरोपीय संसद ने मणिपुर के हिंसों पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए ये दिखा दिया की उनकी दोहरी नीतियाँ कैसी होती है। फ़्रांस: भारत के मणिपुर मे हो रहे हिंसे पर यूरोपी संसद ने 13 जुलाई को एक बैठक मे प्रस्ताव पारित किया। इसमे भारतीय अधिकारियों से मणिपुर में हिंसा को रोकने और धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर ईसाइयों की रक्षा के लिए “सभी आवश्यक” उपाय करने का आह्वान करने को कहा है। ये प्रस्ताव 5 राजनीतिक गुटों द्वारा पेश किया गया था और 705 सदस्यीय संसद में लगभग 80% विधायक उनकी हिस्सेदारी से ही है। भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक दौरे के लिए फ्रांस पहुंचने के तुरंत बाद ही निर्धारित समय पर अन्य वोटों के साथ प्रस्ताव की प्रक्रिया हुई। बैठक मे क्या कहा गया? ·प्रस्ताव में चिंता व्यक्त की गई कि पिछले दो महीनों में मणिपुर में जातीय हिंसा में 120 से अधिक लोग मारे गए हैं, 50,000 लोग विस्थापित हुए हैं और 1,700 घर, 250 से अधिक चर्च और कई मंदिर नष्ट हो गए हैं। ·इसने राजनीतिक नेताओं से “भड़काऊ बयान बंद करने, विश्वास फिर से स्थापित करने और तनाव को सुलझाने में निष्पक्ष भूमिका निभाने” का भी आग्रह किया। ·यूरोपीय संसद ने यह भी कहा कि “जो लोग सरकार के आचरण की आलोचना करते हैं उन्हें अपराधी नहीं ठहराया जाएगा”। ·और कहा कि हिंसा “राजनीति से प्रेरित, हिंदू बहुसंख्यकवाद को बढ़ावा देने वाली विभाजनकारी नीतियों” के साथ-साथ उग्रवादी समूहों की बढ़ती गतिविधि के कारण भड़की थी। भारत की प्रतिक्रिया भारत ने प्रतिक्रिया व्यक्त की कि यह “अस्वीकार्य” और “औपनिवेशिक मानसिकता” का प्रतिबिंब था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा, “भारत के आंतरिक मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है, और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है।” “न्यायपालिका सहित सभी स्तरों पर भारतीय अधिकारी मणिपुर की स्थिति से अवगत हैं और शांति और सद्भाव तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठा रहे हैं। यूरोपीय संसद को सलाह दी जाएगी कि वह अपने आंतरिक मुद्दों पर अपने समय का अधिक उत्पादक ढंग से उपयोग करे, उन्होंने कहा। France Protest 2023 की वजह? 27 जून को पेरिस के एक शहर मे एक पुलिस वाले ने ट्राफिक नियम तोड़ने पर 17 साल के नाहेल की पॉइंट ब्लैंक पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। नाहेल अल्जीरियाई मूल से था। और उसकी माँ का दावा है की इसी वजह से उसके साथ ये बर्बरता हुई थी। इस घटना का विरोध करने के लिए हजारों की तादाद में वहाँ के लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। जो आगे बढ़ कर दंगे मे तब्दील हो गया जिसमे 29 तारीख तक, 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गए, 24 अधिकारी घायल हो गए थे, और 40 कारों को आग लगा दी गई थी। यह विरोध प्रदर्शन सालों से हो रहे फ़्रांस पुलिस द्वारा जातिवाद हमलों के खिलाफ था। ·1983 मे एक 19 साल के लड़के को पॉलिक ने ऐसे मारा था की वो 2 सप्ताह तक कॉम मे चला गया था। ·2005 मे फिर जैसा नाहेल के साथ हुआ ठीक वैसी ही घटना सामने आई थी। ·और एक बार 3 किशोर लड़कों को इस तरह पुलिस ने डराया था की वो उनसे छिपने के लिए ट्रैन्स्फॉर्मर मे चले गए थे। इससे उन्मे से 2 की मौत हो गई थी और 1 बुरी तरीके से घायल हो गया था। ·फ्रांस में एक स्वतंत्र संवैधानिक प्राधिकरण, डिफेंडर ऑफ राइट्स के अनुसार, बाकी आबादी की तुलना में काले या उत्तरी अफ्रीकी मूल के युवाओं की पुलिस द्वारा पहचान जांच किए जाने की संभावना 20 गुना अधिक है। जून के इस प्रदर्शन को फ़्रांस के मीडिया ने “एंटी-फ़्रांस” बताया था और एमनुयाल मैक्रोन की सरकार ने अराजक दंगा करार दिया। तब युरोपियन यूनियन ने ना कोई मीटिंग रखी और ना ही कोई प्रस्ताव पारित किया। पश्चिमी देशों के हिसाब से भारत मे कुछ हो तो वो मानवाधिकार का उल्लंघन है और उनके देशों मे कुछ हो तो देश विरोधी गतिविधि है। ये भी पढ़ें: GI tag से कश्मीरी केसर हुआ चांदी से भी 5 गुना ज्यादा महँगा https://aayudh.org/gi-tagged-kashmiri-saffron/
MP में सीधी के बाद सामने आया मंडला पेशाब कांड
मध्य प्रदेश में जहाँ सीधी पेशाब कांड अभी शांत नहीं हुआ है वहीं प्रदेश में एक और पेशाब कांड सामने आ गया.मामला मंडला जिले के बिछिया के लफरा गांव का है.यहाँ हायर सेकेंडरी में पड़ने वाली छात्राओं की पानी की बोतल में पेशाब मिलाया गया. पीड़ितों ने स्कूल के ही पांच छात्रों पर आरोप लगाया है. अधिकारियों के संज्ञान में मामला पहुंचा दिया है. मंडला पेशाब कांड का पूरा मामला सोमवार को स्कूल में 11वी कक्षा में पढ़ने वाली तीन छत्राओं का आरोप है.कि जब वह इंग्लिश का पीरियड अटेंड करने के लिए दूसरी क्लास में गयी तो बैग और बोतल अपनी ही क्लास में छोड़कर गयी.जब दोबारा वह क्लास में वापस आई तो एक छात्रा ने बोतल से पानी पिया. छत्रा को पानी काफी अजीब लगा तब दूसरी छात्रा ने बोतल के पानी को सूंघा तो पता चला की पानी से पेशाब जैसी गंध आरही है.जिसपर छात्राएं शिक्षक के पास गयी.शिक्षक को मामले की जानकारी देने के बाद लड़कियों ने स्कूल के ही पांच छात्रों पर शक जताया है. स्कूल में हुआ हंगामा जिसके बाद स्कूल में अगले दिन पीड़ित और आरोपी दोनों को परिजन सहित आने की जानकारी दी.अगले दिन पीड़ित के परिजन और ग्रामीण स्कूल पहुंचे.बेहद हंगामा हुआ जिसके कारण मामले ने तूल पकड़ लिया. मामला बड़ने के बाद स्कूल प्रबंधन ने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी दी.जानकारी मिलने पर सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग विजय तेकाम और अंजनिया नायब तहसीलदार साक्षी शुक्ला सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए. जांच के बाद होगी करवाई बाद में अधिकारियों ने छात्रों, परिजनों और ग्रामीणों से बात कर उन्हें शांत किया.छात्राओं की बात सुनकर बम्हनी बंजर थाने में शिकायत की.नायब तहसीलदार साक्षी शुक्ला ने जांच के बाद करवाई करने की बात कही. जनजाति कार्य विभाग विजय तेकाम का कहना है कि मामले की जांच चल रही है.उन्होंने शिक्षकों और छात्रों दोनों से बात की है.जांच में जो भी जानकारी सामने आएगी उसके अवगत कराया जायेगा.जांच के बाद ही करवाई की जाएगी. क्या होगा मुख्यमंत्री का कदम सीधी पेशाब कांड के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित के पैर धोए थे पर अब देखना ये होगा कि मंडला में स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों की बोतल में पेशाब मिलाने पर क्या रहेगा प्रदेश के मुखिया का कदम