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लाडली बहना योजना पर कैबिनेट का बड़ा फैसला

मध्य प्रदेश कैबिनेट ने लाडली बहना योजना में 21 वर्षीय शादीशुदा महिलाओं को भी जोड़ा.कैबिनेट ने फैसला लिया.अब 21 साल की शादीशुदा महिलाओं को भी योजना का लाभ मिलेगा.साथ ही ऐसे महिला जिनके पास ट्रेक्टर है उनको भी योजना के तहत 1000 रुपये दिए जायेंगे. लाडली बहना योजना में हुआ ये बादलाव लाडली बहना योजना में बदलाव के फैसले को मुख्यमंत्री का बड़ा कदम बताया जा रहा है.इसके साथ ही कैबिनेट ने संविदाकर्मियों की महापंचायत में की गयी घोषणा को भी मंज़ूरी दे दी. राज्यकर्मचारियों को भी DA 4% देने और उन्हें जनवरी से जून 2023 तक एरियर देने को मंजूरी दी. लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मीटिंग का सबसे बड़ा फैसला लाडली बहना योजना में बदलाव ही रहा.इसके चलते अब 18 लाख से ज्यादा महिला योजना का हिस्सा बन जायेंगी. DR नरोत्तम मिश्रा DR नरोत्तम मिश्रा का कहना है की योजना में अब 180 रुपये लगाये गए हैं.दस महीने में योजना का भार 17000 करोड़ होगा. गया है.योजना की उम्र 23 साल से 21 करने और ट्रेक्टर वाली महिलाओं को जोड़ने के बाद फॉर्म 25 जुलाई से 20 अगस्त तक भरे जायेंगे. योजना से जुड़ी प्रक्रिया पहले जैसी होगी इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.साथ ही 10 सितम्बर को महिलाओं के खाते में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पैसे डालेंगे कैबिनेट ने संविदा कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणाओं को मंजूरी दी. महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश, नियमित कर्मचारियों के समान वेतन, अनुकंपा नियुक्ति आदि की भी मंजूरी दी.

GI tag से कश्मीरी केसर हुआ चांदी से भी 5 गुना ज्यादा महँगा

भारत सरकार के दिए GI tag के वजह से वापस बढ़ी जम्मू कश्मीर के पहचान कश्मीरी केसर की शान। कश्मीर: कश्मीरी केसर पूरी दुनिया में सबसे अधिक उच्च क्वालिटी का माना जाता है। कश्मीरी केसर अन्य देशों के केसर से अलग हैं। इसके जैसे उच्च सुगंध, गहरे रंग, लंबे और मोटे धागे (कलंक) के कारण अधिक औषधीय मूल्य वाले गुणों में श्रेष्ठ माना जाता है। यह मसाला कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में उगाया जाता है, जिनमें पुलवामा, बडगाम, किश्तवाड़ और श्रीनगर शामिल हैं। श्रीनगर के पास पंपोर मे सबसे ज्यादा उगाए जाते है इसलिए उसे केसर की राजधानी भी कहते है। क्या थी दिक्कत? जम्मू कश्मीर का पहचान कहे जाने वाले कश्मीरी केसर की खेती जलवायु परिवर्तन के वजह से 1996 से 2017 के बीच 63% से कम हो गई थी। दुनिया में सबसे अधिक केसर उत्पादन करने वाला देश ईरान है जो कि जो हर साल 30,000 हेक्टेयर भूमि पर 300 टन से अधिक केसर की खेती करता है।  इसके अलावा स्पेन, अफग़ानिस्तान ख़राब क्वालिटी का केसर कम कीमत में बेचते हैं। जिसके कारण कश्मीरी केसर की कीमत लगभग 50% तक गिर गई हैं। 2010 मे भारत सरकार ने इसके सुधार के लिए कदम उठाए जिससे खास कोई फायदा नहीं दिखा। फिर 2020 मे कश्मीरी केसर को भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री द्वारा भौगोलिक संकेत GI tag दिया गया। क्या है GI tag? भौगोलिक संकेत (GI tag) एक नाम या निशान होता है जो किसी निश्चित क्षेत्र विशेष के उत्पाद, कृषि, प्राकृतिक और निर्मित उत्पाद (मिठाई, हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) को दिया जाने वाला एक स्पेशल टैग है। यह स्पेशल क्वालिटी और पहचान वाले उत्पाद जो किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले को दिया जाता है। GI tag किसी उत्पाद को जीवन भर के लिए नहीं दिया जाता है। नियम के अनुसार यह 10 वर्ष के लिए दिया जाता है। इस अवधि के बाद इसे प्राप्त करने के लिए फिर से अप्लाई करना पड़ता है। क्या रहे फायदे? इसके बाद कश्मीरी केसर की डिमान्ड अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे पूरी दुनिया मे बढ़ गई और अब इसकी कीमत 60% से भी ज्यादा बढ़ चुकी है। आज की कीमत मे ये चांदी से भी 5 गुना ज्यादा महँगा है इसलिए इसे लाल सोना भी कहा जाता है। ये भी पढ़ें: AI के वजह से किस कंपनी के 90% कर्मचारी निकाले गए? https://aayudh.org/ai-causing-layoffs/

AI के वजह से किस कंपनी के 90% कर्मचारी निकाले गए?

भारतीय स्टार्टअप, दुकान के CEO ने कुछ दिनों पहले AI चैटबॉट के बदले अपने कंपनी के 90% कर्मचारियों को निकाल दिया। भारत: दुकान एक बेंगलुरु स्थित ई-कॉमर्स कंपनी है जिसके CEO सुमित साह है। भारतीय स्टार्टअप, दुकान के CEO सुमित साह ने कुछ दिनों पहले एक ट्वीट कर बताया की उन्होंने अपने कंपनी के 90% कर्मचारियों को निकाल दिया। और उसे एक AI चैटबॉट से बदल दिया। AI चैटबॉट के फायदे ये AI सॉफ्टवेयर शुरुआती ग्राहक प्रश्नों का तुरंत उत्तर दे सकता है, जबकि उसके कर्मचारियों की पहली प्रतिक्रियाएँ औसतन 1 मिनट और 44 सेकंड के बाद भेजी जाती थीं। उन्होंने ट्वीट किया, चैटबॉट से बातचीत करने पर ग्राहक की समस्या को हल करने में लगने वाला औसत समय भी लगभग 98% कम हो गया। इसे फर्म के डेटा वैज्ञानिकों में से एक द्वारा बस दो दिनों में बनाया गया था। उनका कहना है की ऐसा करना बहुत मुश्किल था पर जरूरी भी। “अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए, स्टार्टअप ‘यूनिकॉर्न’ बनने के प्रयास के बजाय ‘लाभप्रदता’ को प्राथमिकता दे रहे हैं, और हम भी ऐसा ही कर रहे हैं।” और इसे इसकी दक्षता को कम निवेश मे बढ़ाने से संभव हो सकता है। क्या थी दिक्कतें? शाह ने कहा, टेक्नॉलजी का उपयोग करके, कंपनी ने अपने ग्राहक सहायता कार्य की लागत में लगभग 85% की कटौती की है। उन्होंने कहा कि व्यवसाय का यह हिस्सा लंबे समय से समस्याग्रस्त रहा है, जिसमें अन्य मुद्दों के अलावा देरी से प्रतिक्रिया और महत्वपूर्ण समय पर कर्मचारियों की सीमित उपलब्धता शामिल है। नौकरियों का भविष्य कैसा होगा? दुकान अभी भी कई भूमिकाओं के लिए भर्ती कर रहा है। फर्म की वेबसाइट के अनुसार, रिक्त पदों में इंजीनियरिंग, मार्केटिंग और बिक्री की भूमिकाएँ शामिल हैं। छंटनी की खबरें ऐसे समय में आई हैं जब Open AI द्वारा अपने AI-संचालित चैटबॉट ChatGPT को जनता के लिए जारी करने के आठ महीने बाद यह आशंका बढ़ गई है कि AI के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर नौकरियां जाएंगी। World Economic Forum ने अपनी ‘Future of Jobs’ रिपोर्ट में कहा है, लगभग 23% नौकरियाँ बाधित होंगी, कुछ ख़त्म हो जाएँगी और कुछ सृजित हो जाएँगी। महत्वपूर्ण रूप से, WEF को उम्मीद है कि पाँच वर्षों में कुल मिलाकर 14 मिलियन कम नौकरियाँ होंगी, क्योंकि अनुमानित 83 मिलियन भूमिकाएँ गायब हो जाएँगी, जबकि केवल 69 मिलियन ही उभरेंगी। ये भी पढ़ें: पाकिस्तान में 150 साल पुरानी मरी माता मंदीर क्यों गिराया गया? https://aayudh.org/mari-mata-mandir-demolished-in-karachi/

“एक कोटा ,एक क्षेत्र, एक नाम” पैटर्न पर पटवारी परीक्षा का परिणाम

मध्य प्रदेश में पटवारी परीक्षा का परिणाम घोटाला मामले में एक के बाद एक परत हटती नज़र आ रही है.एक ओर जहाँ परीक्षा में असफल रहे विद्धयार्थी परीक्षा निरस्त करने की मांग कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर परीक्षा में उत्तीर्ण रहे छात्र नियुक्ति की मांग उठा रहे हैं. साथ ही अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है जिसमे अकेले विकलांग कोटे में ,त्यागी उपनाम वाले मुरैना क्षेत्र के कई लोग उत्तीर्ण हुए हैं. इस पैटर्न पर पटवारी परीक्षा का परिणाम कोटा “विकलांग और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग”, क्षेत्र “मुरैना जिला” नाम “त्यागी उपनाम” इसी पैटर्न पर है पटवारी परीक्षा का परिणाम . इन 23 लोगों में दर्जन भर से अधिक को सुनने में परेशानी आती है और ये सभी मेरिट लिस्ट में हैं. पैटर्न को फ़ॉलो करने वाले मेरिट लिस्ट के ये हैं 23 नाम – बैजनाथ त्यागी,रामअवतार त्यागी, आकाश त्यागी, प्रवीण त्यागी, रेनू त्यागी, मनोज त्यागी, शकुंतला त्यागी, योगेन्द्र त्यागी, चंद्रकांत त्यागी, रश्मि त्यागी, आशीष त्यागी, रमाकांत त्यागी, राहुल त्यागी, अमित त्यागी, रोहित त्यागी, जयंत त्यागी, धीरेन्द्र त्यागी, अभिषेक त्यागी, कीर्तिनंदन त्यागी,योगेश कुमार, शीलेष त्यागी,विजय त्यागी और अरविन्द कुमार त्यागी हैं. “एक कोटा ,एक क्षेत्र एक नाम”

पटवारी परीक्षा घोटाले का हुआ पर्दाफाश,MP में बिहार जैसा हाल

मध्य प्रदेश में पटवारी परीक्षा में घोटाले के आरोपों पर पक्ष और विपक्ष सामने आ रहे हैं.एक ओर जहाँ परीक्षा में असफल युवा दोबारा परीक्षा करने की मांग कर रहे हैं. वहीं अब परीक्षा में चुने गए छात्र भी अपनी नियुक्ति करने की मांग कर रहे हैं. इसी बीच परीक्षा को लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं.परीक्षा में उत्तीर्ण हुई दो छात्राओं से हुई पूछ ताछ में घोटाले का दूध का दूध पानी का पानी होने लगा है. दरअसल पटवारी परीक्षा के परिणाम में टॉप-10 में आने वाले 7 विद्धार्थी ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट से हैं.जिसको लेकर सारा विवाद छिड़ा हुआ है.लेकिन जब टॉप-10 में आने वाली 2 छात्राओं ने मीडिया से बात की तो अलग ली कहानी सामने आई. पटवारी परीक्षा में तीसरा स्थान जब देश के जाने माने मीडिया दी लल्लनटॉप ने परीक्षा में तीसरा स्थान पाने वाली पूनम राजावत से बात करी तो वह सामान्य प्रश्नों के उतार भी नहीं दे सकीं.आपको बतादें कि पूनम की आंसर शीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.जिसे देख हर कोई दांग है. नहीं पता प्रदेश में कितने जिले जब रिपोर्टर ने पूनम से एक सामान्य सा प्रश्न किया कि नर्मदापुरम संभाग में कौन सा जिला आता है.ओप्शन हैं रायसेन, हरदा, कटनी या सेहोर. टॉपर पूनम इसका उत्तर नहीं दे पातीं.फिर उनसे एक और साधारण सा प्रश्न पुछा गया कि प्रदेश में कितने जिले हैं और पूनम इसका जवाब भी नही दे पायीं. जब पूनम से पुछा की प्रदेश की राजधानी क्या है. उनका उत्तर था दिल्ली.रिपोर्टर के भोपाल उत्तर बताने पर टॉपर अपने आप को सही करती हैं.साथ ही जब उनसे पटवारी परीक्षा के कुल विषयों के नाम पूछे गए तो भी वह 8 में से 7 के ही नाम बता पायीं. बताया डिप्रेशन में हूँ पटवारी परीक्षा में हुए घोटाले पर प्रश्न किया तो पूनम ने कहा कि मैंने मेहनत से परीक्षा दी.परीक्षा निरस्त नहीं होने चाहिए.जब से पैसे देखर पास होने भी खबर आई तबसे डिप्रेशन में हूँ. “पिता किसान कहाँ से लायेंगे 15 लाख” -पूजा रावत परीक्षा में टॉप-10 में आने वाली पूजा रावत ने मिडिया को बताया कि मैंने परीक्षा अपनी मेहनत के दम पर दी. परीक्षा की जांच की जाए और यदि में दोषी पाई गयी तो मुझे सज़ा मिले . पर अगर में निर्दोष साबित हुई तो आरोप लगाने वालों पर करवाई हो. पूजा ने ये भी बताया कि वह पहली बार एनआरआई कॉलेज गयी थी. वह टॉप में आने वाले किसी को नहीं पहचानती. साथ ही पूजा बताती हैं की उनके पिता सिक्योरिटी गार्ड है .और किसानी करते हैं उनके पास 15 लाख जितनी रकम कहा से आएगी.