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कूनो नेशनल पार्क में चार दिन में दूसरे चीते की मौत,जानिए क्या है वजह

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में शुक्रवार को एक और सूरज नाम के चीते की मौत हुई.तीन दिन पहले भी एक चीते की मौत की खबर आई थी. चीता स्थानांतरण परियोजना के तेहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कुल 20 चेते लाये गए थे.इनमे से अब तक 8 चीतों की मौत हो चुकी है. तेजस के बाद सूरज की मौत कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों की मौत की ख़बरें आरही हैं. पार्क में कुछ महीने पहले ही चीता स्थानांतरण परियोजना के तेहत कुल 20 चीते लाये गए थे.इनमे नामीबिया से आठ और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे.इनमे से 8 चीतों की मौत हो चुकी है. शुक्रवार को सूरज नामक एक चेता मृत मिला जिसके मौत की वजह अभी तक सामने नही आई है. वहीँ तीन दिन पहले ही तेजस नामक चीते की भी मौत हुई.बताया जा रहा है की निगरानी दल ने तीन दिन पहले तेजस की गर्दन पर निशान देखा था.जिसके बाद तेजस को वन्यप्राणी चिकित्सकों को भी दिखाया. चिकित्सकों ने तेजस को बेहोश कर उसका इलाज किया पर कुछ ही घंटो बाद वह मृत मिला. ये है मौत की वजह पार्क के प्रबंधकों के मुताबिक तेजस के करीब ही एक मादा चेते को सहवास के लिए रखा गया था. मादा चेते से ही लड़ते हुए तेजस की गले पर घाव हुआ था और उसकी मौत वजह भी यही हो सकती है. हालाँकि अभी भी साफ़ नही हुआ है की आखिर तेजस और सूरज की मौत की वजह क्या है. भारत के अधिकारीयों के मुताबिक जब जानवरों को किसी देश से लाकर अन्य किसी देश में रखा जाता है तो जानवरों की जीवित रहने की सम्भावना 50% ही रह जाती है. वहीं विदेश के विशेषज्ञों ने इसे जानवरों का सही ढंग से ध्यान ना रखना और उन्हें छोटी जगह में रखने  को चेतो की मौत की वजह बताया

Underground Climate Change क्या है जो शिकागो मे धरती खिसका रही है?

Underground Constructions in chicago

नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लोरिया ने एक स्टडी के मुताबिक शिकागो के नीचे से धरती हट रही है। और ये हो रहा है Underground Climate Change की वजह से। Underground Climate Change की क्या है वजह? शिकागो: ट्रेन टनल, पार्किंग गैरेज, सबवे से निकलते हवाओं, पदार्थों के वजह से अंदर गर्मी बढ़ती है। 20वीं सदी के मध्य से, शहर की सतह और आधारशिला के बीच की ज़मीन औसतन 5.6 डिग्री फ़ारेनहाइट गर्म हो गई है। वह सारी गर्मी, जो ज्यादातर बेसमेंट और अन्य भूमिगत संरचनाओं से आती है, ने दशकों में कुछ इमारतों के नीचे रेत, मिट्टी और चट्टान की परतों को कई मिलीमीटर तक कम या सूजन कर दिया है, जो दीवारों और नींव में दरारें और दोषों को खराब करने के लिए पर्याप्त है। भूमिगत तापमान बढ़ने से मेट्रो सुरंगें गर्म हो रही हैं, जिससे यात्रियों के लिए ट्रैक अधिक गर्म हो सकते हैं और भाप-स्नान की स्थिति पैदा हो सकती है। और, समय के साथ, वे इमारतों के नीचे की ज़मीनमें छोटे बदलाव का कारण बनते हैं, जो संरचनात्मक तनाव पैदा कर सकता है, जिसका प्रभाव लंबे समय तक ध्यान देने योग्य नहीं होता है जब तक कि अचानक न हो जाए। और देशों मे क्या है हाल? यह सिर्फ शिकागो मे नहीं है। दुनिया भर के बड़े शहरों में, मनुष्यों द्वारा जीवाश्म ईंधन जलाने से सतह पर तापमान बढ़ रहा है। लेकिन गर्म बेसमेंट, पार्किंग गैरेज, ट्रेन सुरंगों, पाइपों, सीवरों और बिजली के तारों और आसपास की धरती से भी बाहर निकल रही है, एक ऐसी घटना जिसे वैज्ञानिकों ने “Underground Climate Change” कहा है। ऑस्ट्रेलिया में न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में भू-तकनीकी इंजीनियरिंग के एक वरिष्ठ व्याख्याता असल बिडरमाघज़ ने कहा। “लेकिन अगले 100 वर्षों में, एक समस्या है। और अगर हम अगले 100 वर्षों तक बैठे रहें और इसे हल करने के लिए 100 वर्षों तक प्रतीक्षा करें, तो यह एक बड़ी समस्या होगी। डॉ. बिडरमाघ्ज़ ने लंदन में भूमिगत गर्मी का अध्ययन किया है लेकिन वह शिकागो में शोध में शामिल नहीं थे। प्रोफेसर लोरिया की ये स्टडी कई सालों के शिकागो मे किए हुए जाँच-पड़ताल के उपर आधारित है। ये भी पढ़ें: पाकिस्तानी सेना को अपने ही देश में क्यों मारा जा रहा है? https://aayudh.org/pakistan-army-under-attack/

कौन है रॉकेट वूमेन जिसे बनाया गया चंद्रयान-3 का मिशन डायरेक्टर

आज चंद्रयान 3 ने ,श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी.चंद्रयान को चन्द्रमा तक पहुँचने के लिए करीब 42 दिन लग सकते हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की मेहनत से चंद्रयान 30,000,00 किमी की दूरी तय करके चन्द्रमा तक पहुचेगा. यदि इस मिशन में ISRO कामयाब हो जाता है तो भारत का नाम भी एलीट लिस्ट में शामिल हो जायेगा.भारत की रॉकेट वूमेन के नाम से प्रसिद्द DR. ऋतु सिंह करिधाल मिशन डायरेक्टर की भूमिका निभा रही हैं. रॉकेट वूमेन ऋतु सिंह आज पूरे विश्व की निगाहें भारत पर टिकी हैं क्योंकि आज भारत ने अपना तीसरा चंद्रयान चन्द्रमा की ओर रवाना कर दिया.चंद्रयान की लैंडिंग में करीब एक महीने से जादा समय लग जायेगा.मिशन की ख़ास बात तो ये है कि इसे फ्रंट से लीड कर रही हैं रॉकेट वूमेन के नाम से मशहूर ISRO साइंटिस्ट DR. ऋतु सिंह करिधाल श्रीवास्तव . ऋतु को मिशन डायरेक्टर की ज़िम्मेदारी दी गयी है. ऋतू ने चंद्रयान 2 के समय डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर के तौर पर काम किया था और उसे काबिले तारीफ काम के चलते ही उन्हें चंद्रयान 3 में मिशन डायरेक्टर बनाया है.ऋतू ने अपनी काबिलियत के दम से ये कर दिखाया कि महिलाऐं अब विज्ञान में भी आगे हैं. ये हैं उपलब्धियां लखनऊ में पली बड़ी ऋतू ने लखनऊ विश्वविध्यालय से भोतिकी में एमएससी की.इसके बाद विज्ञान और अंतरिक्ष में रूचि होने के कारण बैंगलोर के भारतीय विज्ञान संस्थान में प्रवेश लिया.फिर ऋतू ने ISRO ज्वाइन किया. रोकिट वूमेन ने अपनी जिंदिगी में कई उपलब्धियां प्राप्त की है. इन्हें यंगेस्ट साइंटिस्ट का अवार्ड APJ अबदुलकलाम के हाथ से प्राप्त हुआ था. मार्स ऑर्बिटर मिशन के लिए ISRO टीम पुरूस्कार,ASI टीम पुरूस्कार और महिला उपलब्धि पुरूस्कार से सम्मानित किया जा चूका है . और अब DR. ऋतु सिंह करिधाल के कंधे पर ही चंद्रयान 3 की सुरक्षित लैंडिंग की ज़िम्मेदारी है.

पाकिस्तानी सेना को अपने ही देश में क्यों मारा जा रहा है?

Martyred Pakistan policemen

फरवरी 2022 के केच में पाकिस्तानी सैन्य शिविरों पर बलूच लड़ाकों द्वारा यह पाकिस्तानी सेना पर सबसे घातक हमलों में से एक था। पाकिस्तान: 12 जुलाई को हुए हमले में कम से कम 12 पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए। हमला बलुचिस्तान और सिंध के इलाके मे हुआ था। पाकिस्तानी सेना पर कहा हमले हुए है? रिपोर्ट के मुताबिक इन हमलों के पीछे कई अलग आतंकवादि संगांठनो के नाम सामने आये है जैसे तेहरिक-ए-जिहाद पाकिस्तान(TJP), वह संगठन जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान(TTP) से संबद्धता का दावा करता है और बलूचिस्तान लिबरेशन टाईगर(BLT)। दरअसल अलग अलग नाम खुफिया एजेंसी को गुमराह करने के लिए दिए जाते है। इन हमलावरों का कहना है की पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान के बेकसूर आम जनता को प्रताड़ित करती है। बीएलटी प्रवक्ता मीरान बलूच का कहना है की पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान के डेरा बुगती के राइस तोख  और गुर्दों नवाह के इलाकों मे सैन्य अभियान शुरू किया था। इसलिए इन इलाकों मे वो आम जनता को हो रही हिंसा से बचाने के लिए जाते है। आजाद सिंध की मांग और कराची मे एक हमले का जिम्मा सिंधुदेश रेवलूशनेरी आर्मी(SRA) ने लेते हुए कहा है की वो सिंध के लिए आजादी चाहते है। इसने सिंध में अफगान और पश्तून समुदायों के पुनर्वास के साथ लगाए जा रहे जनसांख्यिकीय परिवर्तन के खिलाफ भी अपना विरोध जताया है। SRA ने चीनी नागरिकों के साथ-साथ पाकिस्तानी कोस्ट गार्ड कर्मियों को भी निशाना बनाया है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस(ISPR)- पाकिस्तानी सेना की जनसंपर्क एजेंसी ने हमलों के बाद कई बयान जारी किए। इसमें कहा गया है कि ज़ोब कैंट में सुरक्षा अभियान पूरा हो गया है और कुल मिलाकर पांच आतंकवादी मारे गए हैं। वो कहते है ना की जैसा बो-ओगे वैसा पाओगे। पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादि अब उनको ही अपना निशाना बना रहे है। 2021 मे अफ़्ग़ानिस्तान में जब से तालिबानी हुकूमत आई है तब से ये हमले शुरू हुए है जिसमें 100 से भी ज्यादा सैनिकों ने अपनी जान गवाई है।और अफगानिस्तान जैसी ही इस्लामी इकाई स्थापित करने के लिए बड़ी संख्या में तालिबान लड़ाके पाकिस्तान पहुंचे रहे है। पाकिस्तान पूरे देश में गंभीर संघर्षों का खामियाजा भुगत रहा है क्योंकि यह क्षेत्र हथियारों और भारी प्रशिक्षित आतंकवादी समूहों और युद्ध-कठोर लड़ाकों से भरा हुआ है। पाकिस्तानी सरकार द्वारा पश्तूनों, बलूचों और सिंधियों जैसे कई जातीय समुदायों को अलग-थलग करने से भी लोगों में नाराजगी पैदा हो गई है। इनमें से कई लोगों ने पाकिस्तानी सेनाओं – सेना, अर्धसैनिक बल और खुफिया एजेंसियों के खिलाफ हथियार उठा लिए हैं। ये भी पढ़ें: Radioactive waste water जापान समुद्र मे क्यों गिराना चाहता है? https://aayudh.org/japan-to-release-radioactive-waste-water/

UP बिहार के बाद अब “MP में काबा”बीजेपी हुई हमलावर

MP में KABA

UP और बिहार के बाद अब भोजपुरी लोकगायिका नेहा सिंह राठौर ने MP में काबा गीत गया. इसके पहले नेहा ने UP विधानसभा चुनाव के दौरान UP में काबा गया था. गीत काफी लोकप्रिय हुआ था.नेहा के गीत के कारण UP में बीजेपी को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा.और अब MP में भी इसका असर देखने को मिल सकता है.गायिका ने गाने में सीधी पेशाब कांड और पटवारी परीक्षा जैसे कई मुद्दे उठाये हैं. MP में काबा में उठाये ये मुद्दे नेहा ने इस बार MP में काबा गाकर शिवराज सरकार पर निशाना साधा है.वह लोकगीत के ज़रिये कई बार सरकारों पर निशाना साधती रहती है.इसी कारण उनपर कई मुक़दमे भी दर्ज होते हैं.ऐसे ही मुक़दमे अब मध्य प्रदेश में भी दर्ज होने लगें हैं. लोकगायिका ने अपने गीत में प्रदेश के सभी ताज़ा मुद्दे उठाये हैं. इसके द्वारा एक तरह से इन मुद्दों को हवा दी जारही है.नेहा ने महाकाल लोक के निर्माण में हुई गड़बड़ी.सतपुड़ा भवन में लगी आग और पटवारी परीक्षा में हुई गड़बड़ी का ज़िक्र किया है. नेहा ने गीत में शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना की भी बात की.गीत में कहा गया की लाडली बहनों को शिक्षा और रोज़गार. देने की जगह मामा उन्हें 1OOO रुपये दे रहे है.इतना ही नहीं लोकगायिका नेहा सिंह राठौर ने शिवराज सिंह चौहान की.शकुनी और कंस मामा से भी तुलना की है. पहले भी किया विवादित ट्वीट इसके पहले भी नेहा ने सीधी पेशाब कांड पर एक ट्वीट किया था. ट्वीट में आदिवासी पर पेशाब करने वाले व्यक्ति को RSS से जोड़ा जा रहा था.जिसके बाद भोपाल और इंदौर में लोकगायिका नेहा सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करायी गयी. लोकगायिका के गाने पर जहाँ एक ओर कांग्रेस सरकार के पीसीसी चीफ वीडियो शेयर कर रहे है, साथ ही पार्टी के कई नेता शेयर कर रहे है.और लिख रहे हैं कि गीत में प्रदेश की सच्चाई बताई है. वहीं दूसरी तरफ शिवराज सरकार के नेता इसे पक्षपात बता रहे हैं.