मध्य प्रदेश में 230 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ा जा रहा है लेकिन इनमें से कुछ ऐसी सीटें है जिनपर चुनाव कुछ हद तक एकतरफा नज़र आ रहा है। इन सीटों को वीआईपी सीट भी कहा जा रहा है। ये इसलिए बोला जा रहा है क्यूंकि इन सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के ऐसे कद्दावर नेता चुनाव लड़ रहे हैं जो कई दशकों से इन्ही सीटों पर ही चुनाव लड़कर जीतते आ रहे हैं।
आज हम आपको ऐसी ही छह वीआईपी सीटों बारे में बताएंगे। जिन पर चुनावी गणित बहुत हद तक एक तरफा है। इनमें बुधनी , छिंदवाड़ा , दतिया , भोपाल दक्षिण-पश्चिम सीट , भोपाल मध्य और रहली विधानसभा सीट है। हालाँकि , राजनितिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई बताते हैं कि ऐसी 6 नहीं बल्कि दर्जनों सीट हैं।
ये हैं वो मध्य प्रदेश की 6 वीआईपी सीट
पहली सीट बुधनी – यहां पर बीजेपी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मैदान में उतरे है। वहीं उनके खिलाफ थोड़ा पॉपुलर चेहरा लाने की कोशिश में कांग्रेस ने विक्रम मस्ताल को बनाया है। लेकिन यहां पर सीएम शिवराज सिंह चौहान को हरा पाना मुश्किल है।
दूसरी सीट छिंदवाड़ा – यहां से कांग्रेस प्रत्याशी कमलनाथ के खिलाफ बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को प्रत्याशी बनाया। यहां भी सिंगल रेस नज़र आ रही है। कमलनाथ को भी छिंदवाड़ा से हरा पाना उतना ही मुश्किल है। जैसे बुधनी में सीएम शिवराज सिंह चौहान को हरा पाना।
तीसरी सीट दतिया – बीजेपी के नरोत्तम मिश्रा को लेकर दतिया में कभी चुनाव आसान नहीं रहा। इस बार भी वह चुनाव लड़ रहे है और यहाँ से कांग्रेस के राजेंद्र भारती उनके विपक्ष में है। लेकिन नरोत्तम मिश्रा चुनाव जीत रहे हैं। लेकिन यदि बीजेपी के खिलाफ हवा चली तो वे यहां चुनाव हार भी सकते हैं।
चौथी सीट भोपाल मध्य – यहाँ से कांग्रेस के आरिफ मसूद के खिलाफ बीजेपी ने ध्रुव नारायण सिंह को टिकट दिया है। यहां बीजेपी ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश की लेकिन वो हो नहीं पा रहा है। भोपाल मध्य सीट से आरिफ मसूद दमदार दिख रहे हैं और उनके जीतने की संभावना उनकी अधिक हैं।
पांचवी सीट भोपाल दक्षिण-पश्चिम – कांग्रेस से यहां पीसी शर्मा चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी के भगवानदास सबनानी इनके खिलाफ मैदान में हैं। यहाँ पर बड़ा ही दिलचस्प चुनाव होने वाला है। पीसी शर्मा सरकारी कर्मचारियों के अधिक संपर्क में हैं और उनके बीच प्रसिद्ध हैं। तो वहीं बीजेपी के भगवानदास सबनानी का सिंधी वोटर बड़े पैमाने पर यहां नहीं है। लेकिन पीसी शर्मा को लेकर भी चुनौती यहां कम नहीं है।
छठवीं सीट रहली – गोपाल भार्गव यहां से बीजेपी के उम्मीदवार हैं और कांग्रेस की ज्योति पटेल उनके सामने मैदान में हैं। बता दें , गोपाल भार्गव लंबे समय से इस सीट पर चुनाव जीत रहे हैं।मुख्यमंत्री बदलते रहे लेकिन गोपाल भार्गव वैसे के वैसे ही रहे। उनको हरा पाना मुश्किल है।
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